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Alt News यानी प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में झूठी खबरें बनाने की फैक्ट्री

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सोशल मीडिया पर प्रचारित होने वाली झूठी खबरों का पर्दाफाश करने का दम भरने वाली Alt News वेबसाइट एक राजनीतिक एजेंडे पर काम करती है। Fake News के नाम पर उन सभी खबरों का विश्लेषण किया जाता है, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि जन सामान्य में धूमिल हो और उनके विरोधियों को राजनीतिक फायदा मिले। हालांकि Alt News की इस अर्मायदित मुहिम का कोई फायदा विरोधियों को नहीं मिलता है। Alt News, जैसी एजेंडा वेबसाइटों की मुहिम के वाबजूद भी प्रधानमंत्री मोदी हर चुनाव के बाद और अधिक सशक्त होते रहे हैं।

Alt News के संपादक प्रतीक सिन्हा प्रधानमंत्री मोदी का विरोध वर्षों से करते आ रहे हैं। अपनी इसी मानसिकता को Alt News की वेबसाइट पर भी परोसते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उन्होंने इस समाचार वेबसाइट के रुप में झूठी खबरों को परोसने वाली एक फैक्ट्री खोल रखी है। आइए, इस झूठ की फैक्ट्री से बनने वाली कुछ खबरों से आपको भी रू-ब-रू करवाते हैं-

झूठी खबरों की फैक्ट्री -1 21 जुलाई 2017 को Alt News बेवसाइट पर एक खबर में तर्कहीन विश्लेषण के जरिए प्रधानमंत्री मोदी के काम करने के घंटों पर सवाल उठाया गया। इस खबर के विश्लेषण में सिर्फ और सिर्फ पत्र के लिखने वाले की विश्वसनीयता को पता न लगा सकने की बेवसाइट की अक्षमता छिपाने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी के बारे में तर्कहीन विश्लेषण प्रस्तुत कर दिया गया। इस विश्लेषण में उन दूसरी खबरों पर जरा भी गौर नहीं किया गया जो यह बताती है कि किस तरह प्रधानमंत्री लगातार काम करते रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी किस तरह लगातार काम करते हैं, यह किसी से छिपा नहीं है।

झूठी खबरों की फैक्ट्री -2 इस वेबसाइट ने 20 जून 2017 को एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने विदेशी मेहमानों को क्या तोहफे देते हैं? इस रिपोर्ट में तमाम उपहारों का जिक्र करते हुए इस बात को प्रमुखता दी कि सऊदी अरब की यात्रा पर प्रधानमंत्री मोदी एक मस्जिद की प्रतिकृति उपहार में लेकर गए। इस तरह की ओछी रिपोर्ट को यह रंग देने का प्रयास किया गया कि इससे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सकते में आ जाएंगे। आखिर, इस तरह के रंग देने वाली रिपोर्टिंग करके किस Fake News का पर्दाफाश किया गया। Alt News की उस बेहद घटिया रिपोर्ट को देखिए-

झूठी खबरों की फैक्ट्री -3 Fake News का पर्दाफाश करने का दावा करने वाली इस बेवसाइट की 24 जनवरी की रिपोर्ट को देखकर लगता है कि यह वेबसाइट हर हाल में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ झूठी खबरों को प्रकाशित करने का मन बना चुकी है। इस अमर्यादित और घटिया रिपोर्ट को आप भी देखिए-

झूठी खबरों की फैक्ट्री -4  आंकड़ों और तथ्यों का विश्लेषण किस तरह से विरोध की मानसिकता से प्रभावित होकर किया जा सकता है, उसके लिए वेबसाइट की यह खबर सबसे सटीक उदाहरण है।

झूठी खबरों की फैक्ट्री -5 14 दिसंबर 2017 को Alt News ने एक रिपोर्ट के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया कि आईएनएस कलावरी, मेक इन इंडिया नहीं है, जबकि देश की यह पनडुब्बी , पूरी तरह से भारत में ही बनकर तैयार हुई है। इस रिपोर्ट में मेक इन इंडिया को लेकर एक संकुचित सोच को आधार बनाया गया।

झूठी खबरों की फैक्ट्री -6 28 सितंबर 2017 को तथ्यों के तर्कहीन विश्लेषण के आधार पर एक अमर्यादित रिपोर्ट प्रधानमत्री मोदी के खिलाफ प्रकाशित की गई, इस रिपोर्ट को आप भी देखिए-

झूठी खबरों की फैक्ट्री -7 प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी के कार्यक्रम को गलत साबित करने के लिए खबरों और Tweets की एक पूरी श्रृखंला चलाई। इस वेबसाइट की राजनीतिक विरोध वाली इस रिपोर्ट को आप भी देखिए-

झूठी खबरों को प्रकाशित करके प्रधानमंत्री के खिलाफ राजनीतिक एजेंडे को हवा देने की इस पत्रकारिता ने वैकल्पिक पत्रकारिता की भ्रूण में ही हत्या कर दी है, जिससे जनमानस का विश्वास सोशल मीडिया से कम होने लगा है।

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