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नेपाल और भारत के संबंध हिमालय जितने पुराने- पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और नेपाल के संबंध हिमालय जितने पुराने हैं। उन्होंने एक-दूसरे के ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों की नियति एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने ये बातें अपने नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देऊबा के साथ साझा बयान जारी करने के दौरान कही हैं। दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच 8 MoU पर समझौते हुए हैं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने नेपाल के विकास में साझेदारी बढ़ाने के लिये भारत की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

देखिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेस वक्तव्य का मूल पाठ-

His Excellency Right Honourable Prime Minister

शेर बहादुर देउबा,
विशिष्ट अतिथिगण,

मीडिया के साथियों,

भारत को छीमेकी मित्र राष्ट्र नेपाल को प्रधान मंत्री Right Honourable शेर बहादुर देउबा जी, अन्य नेपाली अतिथिगण, तपायींहरू का भारत मा हार्दिक स्वागत गर्दा मलाई धेरे ख़ुशी लागद छ मेरा सौभाग्य है कि मुझे भारत में प्रधानमंत्री देउबा जी का स्वागत करने का अवसर मिला है।

Excellency,

आपकी ये यात्रा एक ऐसे ऐतिहासिक समय पर हो रही है जब हम अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हालांकि हमारे संबंध हिमालय जितने पुराने हैं।

Excellency,

हमारे दोनों देशों की नियति एक दूसरे से जुड़ी हुई है। एक दूसरे की समृद्धि और सुख में दोनों देशों की ही महत्वपूर्ण भागीदारी रही है। हम एक दूसरे की उपलब्धियों पर गर्व करते हैं, ठीक वैसे ही, जैसे एक दूसरे की पीड़ा का अनुभव भी करते हैं। एक करीबी पड़ोसी और मित्र देश की तरह भारत, नेपाल में शांति, स्थायित्व और उसकी आर्थिक समृद्धि के प्रति हमेशा सजग रहता है। भारत को नेपाल के विकास और आर्थिक प्रगति के प्रयासों में साझीदार होने का सौभाग्य प्राप्त है।

Excellency,

लोकतंत्र से आई उन्नति, शांति की स्थापना और सर्वांगीण विकास के लिए नेपाल के नागरिकों की उपलब्धियों की हम भूरी भूरी प्रशंसा करते है, सराहना करते हैं। मैं नेपाल सरकार को बधाई देता हूं कि स्थानीय निकाय के चुनावों को दो चरणों में सफलता पूर्वक कराया गया। नेपाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए, आपने जिस तरह व्यक्तिगत तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उसकी हम प्रशंसा करते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आपके कुशल और अनुभवी नेतृत्व में, समाज के सभी वर्गों से बात करने की प्रक्रिया को जारी रखते हुए, नेपाल अपने सभी नागरिकों की आकांक्षाओं को समाहित करते हुए, संविधान को सफलता के साथ लागू कर सकेगा।

साथियों, आज प्रधानमंत्री देउबा और मैंने, दोनों देशों की साझेदारी की असीम संभावनाओं पर बहुत विस्तार से और बहुत सकारात्मक बातचीत की है। हमने विभिन्न स्तर पर, अलग-अलग क्षेत्रों में, दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने वाले नए रास्तों और नए अवसरों पर विशेष तौर से ध्यान दिया है। हमें खुशी है कि नेपाल में भारत के सहयोग से चल रही विकास परियोजनाओं, जैसे हलुकी रोड, ट्रांसबोर्डर पॉवर ट्रांसमिशन लाइन्स और इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट पर काम हो रहा है। आज, हमने संयुक्त रूप से कटैया-कुसहा और रक्सौल-परवानिपुर ट्रांसमिशन लाइन्स का उद्घाटन किया है। इससे भारत द्वारा नेपाल को दी जा रही लगभग 350 मेगावॉट बिजली में 100 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली और जुड़ जाएगी। हम अपनी आर्थिक साझेदारी के विभिन्न आयामों, जैसे उर्जा, जल संसाधन, कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स और भूकंप के बाद रिकंस्ट्रक्शन के कार्यों में साथ मिलकर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री देउबा और मैं इस बात पर सहमत हुए हैं कि पहले से चल रहे हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स को तय समयसीमा में पूरा करने के लिए अपने प्रयास हम और बढ़ाएंगे। मुझे ख़ुशी हुई जब देउबा जी ने मुझे बताया की अरुण-3 (थ्री) के लिए नेपाल में भूमि का मामला सुलझा लिया गया है। मैं देउबाजी का धन्यवाद करता हूं कि उसके शिलान्यास के लिए उन्होंने मुझे नेपाल का निमंत्रण दिआ है, मैं उनका आभारी हूँ । हम इस बात भी सहमत हुए हैं कि पंचेश्वर प्रोजेक्ट के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में भी तेजी लाई जाएगी। नेपाल में आई बाढ़ के संदर्भ में बात करें, तो मैंने भारत की तरफ से हर संभव सहायता का प्रस्ताव फिर दोहराया है। हम इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ नियंत्रण पर कोर्डिनेशन और कंसल्टेशन को और मजबूत किया जाए और एक दूसरे के हितों को ध्यान में रखते हुए इसके लांग टर्म सॉल्यूशन्स पर सोचा जाए। हम दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं। यह न सिर्फ दोनों देशों के नागरिकों के हित में होगा, बल्कि क्षेत्रीय समृद्धि के लिए भी यह बहुत ही आवश्यक है। नेपाल के लोगों और नेपाल की सरकार की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, नेपाल के विकास में अपनी साझेदारी बढ़ाने के लिए, भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए, हम कई ऐसे इकॉनोमिक, कनेक्टिविटी और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर सहमत हुए हैं जो नेपाल की नेशनल प्रायरिटी हैं। इसमें भारत की ग्रांट सहायता के अंतर्गत धनगढ़ी में Technical Institute एवं GP Koirala National Centre for Respiratory Diseases की स्थापना पर सैद्धांतिक सहमति हुई है।

मुझे खुशी है कि आज जिन आठ MOUs पर हस्ताक्षर किये गए हैं, उनमें से चार भूकंप के बाद पुनर्निर्माण कार्यों के लिए भारत की तरफ से किए गए एक बिलियन डॉलर की सहायता के वायदे और आगे बढ़ाएंगे। रक्षा क्षेत्र और सुरक्षा में सहयोग हमारी पार्टनरशिप का बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। हमारे सुरक्षा हित भी एक दूसरे पर निर्भर हैं और एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारी खुली सीमाओं का दुरुपयोग रोकने के लिए, दोनों देशों के लोगों की सुरक्षा के लिए, हमारी डिफेंस और सिक्योरिटी एजेंसियों के बीच close cooperation बहुत अहम है। हम इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि हमें बेहतर कनेक्टिविटी के जरिए, बौद्ध और रामायण टूरिज्म सर्किट का विकास करके, skill development और capacity-building initiatives के माध्यम से people to people relations को और विस्तार देना चाहिए।

Excellency,

आपकी इस यात्रा ने परस्पर सहयोग के हमारे प्रयासों को और गतिशीलता दी है। मुझे विश्वास है कि हमारी आज की चर्चा और जिन समझौतों पर हमने सहमति जताई है, वो हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक नई ऊर्जा का संचालन करेंगे। इन्हीं शब्दों के साथ,

Excellency,

मैं आपका और आपके साथ आए शिष्ठ मंडल का भारत में एक बार फिर स्वागत करता हूं। मुझे उम्मीद है कि आपका भारत में ये प्रवास बहुत ही सुखद रहेगा।

धन्यवाद !!!

 

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