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मोदी राज में अर्थव्यवस्था में हुआ कमाल, बनी बढ़ते भारत की उभरती तस्वीर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था ने पिछले चार साल में एक नया स्वरुप प्राप्त किया है, ऐसा स्वरुप जैसा कि कई दशकों की कांग्रेसी सरकारें नही कर सकीं। भारत की जर्जर हो चुकी अर्थव्यवस्था की नींव  को प्रधानमंत्री मोदी के कई ऐतिहासिक लेकिन सख्त फैसलों ने मजबूती दी और आज यह नई ऊंचाईयों को छू रही है। 

कालेधन, भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी व्यवस्था बनी
 08 नवबंर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने देश में अब तक का सबसे बड़ा फैसला लेते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगा दी। नोटों की पाबंदी से कोठियों के तालों में बंद कालाधन बैंकिंग व्यवस्था में वापस आ गया। अब, देश की आर्थिक गतिविधियों में नगद लेन-देन कम हो रहा है और डिजिटल माध्यम से लेन-देन बढ़ रहा है। देश की पूरी अर्थव्यवस्था का तेजी से फार्मलाइजेशन हुआ है। हर छोटी-बड़ी आर्थिक गतिविधि के डिजिटलीकरण से व्यवस्था पारदर्शी बनी है। इस पूरी व्यवस्था पर तेज और हर समय निगरानी रखना आसान हो गया है, जो पहले एकदम संभव नहीं था। इस तरह से काला धन पैदा करने और भ्रष्टाचार करने की गुंजाइश बहुत ही कम हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को एक ईमानदार व्यवस्था दी है।

आर्थिक व्यवस्था में नगद में लेन-देन कम हुआ
जनधन खातों के साथ अर्थव्यवस्था में लेस कैश के उद्देश्य को पाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 30 दिसंबर, 2016 को भीम एप लांच किया। भीम एप के रूप में जनता को प्रधानमंत्री ने एक ऐसा डिजिटल बटुआ दिया, जिसके जरिए बिना नोटों के सामानों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है। इस पहल को जनता ने हाथों-हाथ लिया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए गये 31 मार्च 2018 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि 2 करोड़ 64 लाख लोग इस एप के माध्यम से लेन-देन कर रहे थे। इसके जरिये लगभग 4972.69 करोड़ रुपयों का डिजिटल रुप में लेन-देन हुआ, जो एक रिकार्ड है। भीम एप के जरिए 89 बैकों से लेन-देन किया जा सकता है। अर्थव्यवस्था में डिजिटल लेन-देन के बढ़ने से कालेधन के पैदा होने पर रोक लगी, वहीं टैक्स का दायरा बढ़ा और देश के विकास के लिए आवश्यक धन भी उपलब्ध हुआ।

‘एक राष्ट्र, एक कर’ साकार हुआ
30 जून, 2017 की मध्यरात्रि को संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल से जीएसटी को लागू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया। 1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी के लागू होते ही पूरा राष्ट्र एक कर प्रणाली के अन्तर्गत आ गया। आजादी के 70 सालों के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश का आर्थिक एकीकरण कर दिया, जिससे देश को विभिन्र राज्यों के अलग-अलग करों की बाधाओं से मुक्त बाजार मिला गया और एक शहर से दूसरे शहर सामानों का आना-जाना सरल और सामान्य बन गया। जीएसटी को लागू किए जाने को लेकर जहां देश में कांग्रेस की सरकारों के हाथ-पांव फूल गये थे, वहीं मोदी सरकार ने इसे लागू करके लक्ष्य से अधिक कर की भी प्राप्ति इस वर्ष कर ली है।

इनकम टैक्स देने वालों की संख्या दोगुना बढ़ी
 नोटबंदी, जीएसटी और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रकचर के बल पर देश में आज लगभग सात करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं। 2014 तक कांग्रेस की सरकारों के दौरान मात्र 3 करोड़ लोग ही टैक्स जमा करते थे।

अर्थव्यवस्था की गति ने रफ्तार पकड़ी
नोटबंदी और जीएसटी जैसे ऐतिहासिक बड़े फैसले लागू होने के बाद भी देश अर्थव्यवस्था की रफ्तार लगातार बढ़ रही हैं। कांग्रेस की मनमोहन सिंह की सरकार के अंतिम साल 2013-14 में दर 5 से 6 प्रतिशत के बीच थी, वहीं इस साल आर्थिक वृद्धि की गति की दर 8 प्रतिशत के आस-पास रहने का अनुमान है।

विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ा
 प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक सुधारों और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के लागू करने का परिणाम हुआ कि देश की अर्थव्यवस्था में निवेशकों का विश्वास बढ़ा। कांग्रेस सरकार के अंतिम साल 2013-14 में विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 36 बिलियन यूएस डॉलर था, जबकि 2016-17 तक प्रधानमंत्री मोदी के सुधार कार्यक्रमों और ठोस निर्णयों का परिणाम हुआ कि विदेशी मुद्रा के भंडार में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो  60.08 बिलियन यूएस डॉलर थी। विदेशी मुद्रा के भंडार में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी इस बात को रेखाकिंत करती है कि विश्व के निवेशकों को भारत में हो रहे आर्थिक सुधारों से विश्वास पैदा हुआ है कि देश में आर्थिक उत्पादन की रफ्तार 8 से 9 प्रतिशत तक होगी, जिसमें व्यापार और रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा होगीं।

देश में व्यापार करना हुआ आसान
देश में 2014 तक उद्योग धंधों को स्थापित करने में तमाम तरह की प्रशासनिक दिक्कतें आती थी और भारत की विश्व में ईज आफ डूईंग बिजनेस की रैकिंग में 142 वां स्थान था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों का ही परिणाम हुआ कि भारत ने 2018 में 42 पायदान की छलांग लगाते हुए 100 वें पायदान पर पहुंच गया। आज देश में व्यापार करना बहुत ही आसान है, रजिस्ट्रेशन से लेकर लाइसेंस तक के सभी काम ऑनलाइन हो चुके हैं, जिससे काम बिना किसी रुकावट के तेजी से होता है और भ्रष्टाचार पूरी तरह से समाप्त हो चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ सबका विकास करने के लिए उन सभी निर्णयों को लेने में पूरी राजनीतिक इच्छाशक्ति लगा दी, जिससे देश का भविष्य सुरक्षित और समृद्ध हो।

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