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मोदी राज में अच्छे दिन: वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार तरक्की कर रहा है और नए मुकाम हासिल कर रहा है। विश्व आर्थिक मंच (WEF) के वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक 2018 में भारत पांच स्थान ऊपर चढ़कर 58वें स्थान पर पहुंच गया है। विश्व आर्थिक मंच ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारत को 58वीं सर्वाधिक प्रतिस्पर्द्धी अर्थव्यवस्था घोषित किया है। WEF का कहना है कि भारत की रैंकिंग में पांच स्थान की वृद्धि जी-20 देशों के बीच सर्वाधिक बढ़ोतरी है। मंच ने यह भी कहा कि भारत दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट में भारत 62.0 अंकों के साथ 58वें स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार भारत क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल के अलावा प्रतिस्पर्धा के सभी अन्य क्षेत्रों में आगे है। मंच की ओर से जारी 140 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर सिंगापुर और तीसरे स्थान पर जर्मनी है।

यह कोई पहली बार नहीं है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत इस तरह के कई मुकाम हासिल कर चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ना सिर्फ पूरी रफ्तार बल्कि सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। नजर डालते हैं पिछले चार वर्षों में भारत की कुछ अहम उपलब्धियों पर-

मानव विकास सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा हाल में जारी ताजा मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में एक स्थान ऊपर चढ़कर 130वें स्थान पर पहुंच गया है। दक्षिण एशिया में भारत का मानव विकास सूचकांक मूल्य 0.640 है। यह दक्षिण एशिया के औसत 0.638 से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1990 से 2017 के बीच सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय में 266.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। भारत की क्रय क्षमता के आधार पर प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय करीब 4.55 लाख रुपये पहुंच गई है। जो पिछले साल से 23,470 रुपये अधिक है। इसके साथ ही जीवन प्रत्याशा के मामले में भारत की स्थिति बेहतर हुई है। भारत में जीवन प्रत्याशा 68.8 साल है जबकि 1990 में 57.9 साल थी।

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार
हाल ही में दुनियाभर में इनोवेशन के मामले में भारत की रैंकिंग में 3 स्थान का सुधार हुआ है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) की सूची में भारत 57वें नंबर पर है, पिछले साल भारत 60वें नंबर पर था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की स्थिति में लगातार सुधार हुआ है। 2015 में भारत 81वें स्थान पर था। कॉर्नेल यूनिवसिटी और वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन ने मिलकर इस इंडेक्स को तैयार किया है। जीआईआई इंडेक्स के अनुसार मध्य और दक्षिण एशिया क्षेत्र में भारत सबसे इनोवेटिव देश है।

ग्लोबल पीस इंडेक्स में 4 पायदान सुधार के साथ 137वें नंबर पर भारत
इसके साथ ही ग्लोबल पीस इंडेक्स-2017 में भारत चार पायदान ऊपर चढ़कर 137 वें स्थान पर पहुंच गया है। भारत अब 163 देशों में पिछले साल की रैंकिंग 141 की तुलना में चार पायदान सुधार के साथ 137वें नंबर पर है। ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) की ओर से जारी सर्वे रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग सुधरने का कारण हिंसक घटनाओं में आई कमी को बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कानून-व्यवस्था सुधरी है। रिपोर्ट के अनुसार आइसलैंड दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश है, जबकि सीरिया दुनिया का सबसे कम शांति वाला देश है।

भारत बना दुनिया का छठा सबसे धनी देश
भारत 8,230 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ विश्व का छठा सबसे धनी देश है। अफ्रएशिया बैंक की वैश्विक संपत्ति पलायन समीक्षा (AfrAsia Bank Global Wealth Migration Review) रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका 62,584 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ शीर्ष पर है। रिपोर्ट के अनुसार 2027 तक भारत, ब्रिटेन और जर्मनी को पछाड़ दुनिया का चौथा सबसे धनी देश बन जाएगा।

बैंक की समीक्षा में किसी देश के हर व्यक्ति की कुल निजी संपत्ति को आधार माना गया है। 24,803 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ चीन दूसरे और 19,522 अरब डॉलर के साथ जापान तीसरे स्थान पर है। शीर्ष 10 में शामिल अन्य देशों में ब्रिटेन की कुल संपत्ति 9,919 अरब डॉलर, जर्मनी की कुल संपत्ति 9,660 अरब डॉलर, ऑस्ट्रेलिया की कुल 6,142 अरब डॉलर, कनाडा की कुल संपत्ति 6,393 अरब डॉलर, फ्रांस की कुल संपत्ति 6,649 अरब डॉलर और इटली की कुल संपत्ति 4,276 अरब डॉलर है।

भारत में संपत्ति सृजन के कारणों में उद्यमियों की काफी संख्या, अच्छी शिक्षा प्रणाली, सूचना प्रौद्योगिकी का शानदार परिदृश्य, कारोबारी प्रक्रिया की आउटसोर्सिंग, रियल एस्टेट, हेलथकेयर और मीडिया क्षेत्र शामिल है। पिछले 10 वर्ष में इनकी संपत्ति में 200 गुना तेजी दर्ज की गयी है। रिपोर्ट के अनुसार विश्व में अभी 1.52 करोड़ ऐसे लोग हैं जिनकी संपत्ति 10 लाख डॉलर से अधिक है। एक करोड़ डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले लोगों की संख्या 5.84 लाख और एक अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले लोगों की संख्या 2,252 है।

मार्केट कैपिटलाइजेशन में बना 8वां बड़ा बाजार बना भारत
मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से भारत, टॉप 10 की सूची में दुनिया का 8वां बड़ा बाजार बन गया है। दरअसल भारतीय शेयर बाजार में आई जबरदस्त तेजी का दौर मार्केट कैपिटलाइजेशन की रैंकिंग में लगातार बड़े बदलाव कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय शेयर बाजार ने अपने मार्केट कैपिटलाइजेशन में आई 49 % की तेजी के चलते कनाडा को पीछे छोड़कर यह स्थान बनाया है। पिछले महीने 13 दिसंबर को भारत का मार्केट कैपिटलाइजेशन कनाडा के 2.21 लाख करोड़ डॉलर के मुकाबले 2.28 लाख करोड़ डॉलर रहा। इस बढ़ोत्तरी की तीन मुख्य वजहें बताई जा रही हैं। बेंचमार्क इंडेक्स यानी सेंसेक्स का 24% बढ़ना, रुपये में डॉलर की तुलना में 12% की मजबूती और आईपीओ मार्केट की बढ़ी हुई गतिविधि। पिछले साल 82 भारतीय कंपनियों में आईपीओ के माध्यम से लगभग 71,687 करोड़ रुपये जुटाए गए।

समृद्धि के मामले में चीन के करीब पहुंचा भारत
प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की वजह से देश में खुशहाली आई है, और लोगों का जीवनस्तर भी सुधरा है। लंदन स्थित एक संस्थान की हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत समृद्धि के मामले में चीन के नजदीक पहुंच गया है। लंदन स्थित लेगातुम इंस्टिट्यूट के लेगातुम प्रॉस्पेरिटी इंडेक्स के मुताबिक समृद्धि के लिहाज से भारत 2016 के मुकाबले 2017 में चार स्थान ऊपर पहुंचकर रैंकिंग में 100वें स्थान पर पहुंच गया है। इस सूची में चीन 90वें नंबर पर है।

नोटबंदी और जीएसटी के बावजूद बढ़ी रैंकिंग
लेगातुम इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इस उपलब्धि को तब हासिल किया है, जब यहां नोटबंदी और जीएसटी लागू किए जाने से जीडीपी ग्रोथ को झटका लगा है। इसके बावजूद समृद्धि सूचकांक में भारत का ऊपर चढ़ना खास मायने रखता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत व्यावसायिक माहौल, आर्थिक गुणवत्ता और प्रशासन में सुधार की बदौलत चीन के नजदीक आ सका है। रिपोर्ट में बिजनेस के माहौल और इकनॉमिक क्वॉलिटी से लेकर इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स में सुधार तथा बड़ी संख्या में भारतीयों का बैंक खाता खुलवाने का हवाला दिया गया।

9 पैमानों पर परखी गई देश की क्षमता
प्रॉसपेरिटी इंडेक्स में बिजनेस इन्वाइरनमेंट (व्यावसायिक माहौल), गवर्नैंस (शासन-प्रशासन), एजुकेशन (शिक्षा), हेल्थ (स्वास्थ्य), सेफ्टी ऐंड सिक्यॉरिटी (सुरक्षा एवं संरक्षा), पर्सनल फ्रीडम (व्यक्तिगत स्वतंत्रता), सोशल कैपिटल (सामाजिक पूंजी) और नैचुरल इन्वाइरनमेंट (प्राकृतिक वातावरण) नौ सब-इंडिसेज हैं। लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स, टुफ्ट्स यूनिवर्सिटी, ब्रूकिंग्स इंस्टिट्यूशंस और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया, सन डिएगो जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से विभिन्न विषयों के जानकारों के एक पैनल ने इन नौ पैमानों पर देशों के प्रदर्शन की समीक्षा की है। 2017 के लेगातुम प्रॉस्पेरिटी इंडेक्स में भारत ने इकनॉमिक क्वॉलिटी और एजुकेशन पिलर्स पर शानदार प्रगति की है। इंडेक्स तैयार करने में 149 देशों को 104 विभिन्न पैमानों पर परखा गया। रिपोर्ट कहती है कि भारत में ‘अब पहले से ज्यादा लोग अपने जीवन स्तर और पारिवारिक आमदनी से संतुष्ट हैं।’

ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप इंडेक्स में भारत 68 वें स्थान पर
ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप इंडेक्स में एक पायदान ऊपर चढ़कर भारत 68वें स्थान पर पहुंच गया है। पिछले साल भारत रैंकिंग में जबरदस्त 29 स्थानों की बढ़त के साथ 69 वें स्थान पर रहा था। 137 देशों की इस सूची में अमेरिका पहले स्थान पर है। प्रत्येक देश को अपने ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप इंडेक्स (जीईआई) स्कोर के हिसाब से स्थान दिया गया है।

विश्व प्रतिभा रैंकिंग में भारत पहुंचा और ऊपर
विश्व स्तर पर भारत प्रतिभा आकर्षित करने, उसे विकसित करने और उसे अपने यहां बनाए रखने के मामले में तीन पायदान ऊपर आ गया है। स्विट्जरलैंड स्थित International Institute for Management Development (IMD) की ओर से तैयार की गई इस रैंकिंग में भारत अब 54वें से 51वें स्थान पर आ गया है। रैंकिंग में ऊपर आना इस बात का प्रमाण है कि मौजूदा सरकार देश की प्रतिभाओं में सकारात्मक भाव पैदा करने में सफल रही है। इस सूची में स्विटजरलैंड पहले स्थान पर है और टॉप 10 में भी यूरोपीय देश ही हैं।

मोदी सरकार दुनिया की तीन सबसे भरोसेमंद सरकारों में
हाल में प्रामाणिक विदेशी संस्थानों की ओर से ऐसे कम से कम तीन सर्वे के नतीजे सामने आए जो मोदी सरकार के आर्थिक सुधार के कार्यक्रमों पर मुहर लगाते हैं। हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) के एक सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार को दुनिया की तीसरी सबसे भरोसेमंद सरकार बताया गया है। WEF के सर्वे के अनुसार करीब तीन चौथाई भारतीयों ने मोदी सरकार में अपना भरोसा जताया। यह सर्वे अर्थव्यवस्था की स्थिति, राजनीतिक बदलाव और भ्रष्टाचार मामलों को लेकर किये गए थे। सर्वे के नतीजों में बताया गया है कि देश में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम और टैक्स सुधारों के कारण मौजूदा सरकार में भरोसा बढ़ा है।

विदेशियों की नजर में बेहतर हुआ भारत में रहने का माहौल
विदेशियों की नजर में भारत में रहने का माहौल बेहतर हुआ है। रहने और काम करने के हिसाब से भारत की स्थिति में 12 पायदान का उछाल आया है। विदेशियों की नजर में भारत की रैकिंग सुधरने से ग्लोबल रैंकिंग में भारत 14वें स्थान पर पहुंच गया है। इस तरह से कह सकते हैं कि विदेशियों के रहने और काम करने के लिहाज से भारत की रैंकिंग में जबर्दस्त उछाल आया है। जागरण की रिपोर्ट के अनुसार अर्थव्यवस्था, अनुभव और पारिवारिक मानकों के संयुक्त पैमाने पर इस साल भारत 12 स्थान ऊपर आया है। काम और वित्तीय अवसर की तलाश में भारत आने वाले विदेशी अपने परिवार के लिए भी इसे बेहतर जगह मान रहे हैं। पेशेवर तरक्की के मामले में भारत प्रवासियों की पसंद के टॉप 10 देशों में शामिल हो गया है।

‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में टॉप 100 में पहुंचा भारत
भारत ने विश्व की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 में 30 अंको की जबदस्त उछाल हासिल किया है। अब भारत विश्व की ओवरऑल रैंकिंग में 100 वें स्थान पर आ गया है, जो कि पिछले साल 130 वें स्थान पर था। इसमें विशेष बात यह है कि किसी भी देश द्वारा लगाई गई अब तक की यह सबसे बड़ी उछाल है। इसके साथ ही भारत इस Jump के बाद दुनिया में 10 सबसे बड़े सुधार करने वाले देशों में शामिल हो गया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम, समर्थ व स्पष्ट नेतृत्व के कारण भारत में कारोबारी माहौल बेहतर हुआ है और व्यवसाय शुरू करने की प्रक्रिया भी सरल हो गई है।

EPT में जबरदस्त जम्प
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसा, ईज ऑफ पेइंग टैक्स में भारत 53 स्थानों की छलांग लगाकर 119वें स्थान पर आ गया है। इससे पहले भारत का स्थान 172वां था। Resolving insolvency की रैंकिंग में भारत का स्थान 136वां था, जो कि अब 33 नंबर के उछाल के साथ 103वें पर आ गया है। नया व्यापार शुरू करने के लिहाज से भारत 156वें स्थान पर है लेकिन कई ऐसी इनीशिएटिव्स हैं जिनपर काम किया जा रहा है। हैं। विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक ऐसा देश है, जो संरचनात्मक सुधारों का काम कर रहा है।

कई मामलों में चीन से बेहतर है भारत
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2018 की रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत उद्योग जगत को एक बेहतर माहौल देने में अभी चीन से होड़ में है। चीन को समग्र तौर पर 78वां स्थान दिया गया है जबकि भारत का स्थान सौवां है। कर अदायगी के मामले में भारत का स्थान 119वां है जबकि चीन को 130वां स्थान मिला है। छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के मामले में भारत को चौथा स्थान दिया गया है जबकि चीन का स्थान 119वां है। कर्ज लेने के मामले में भारत को 29वें, जबकि चीन 68वें स्थान पर है। बिजली कनेक्शन लेने के मामले में भी चीन से बेहतर स्थिति भारत की है।

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