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कारोबार के मामले में भारत सबसे अधिक आशावादी देश

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रोजगार, राजस्व और लाभ के अवसर उपलब्ध कराने के मामले में भारत दुनिया में सबसे आशावादी देश के रूप में उभरा है। ग्रांट थॉर्नटन इंटरनेशनल बिजनेस रिपोर्ट (आईबीआर) के ताजा सर्वे में ये बात सामने आई है।

ग्रांट थार्नटन इंडिया के हरीश एचवी का कहना है कि भारत एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसमें आगे बढ़ने की विशाल क्षमता है। सर्वे में ये बात दिखती है कि राजस्व, रोजगार, लाभ में वृद्धि की दृष्टि से भारतीय कारोबार सबसे आशावादी है।

अक्तूबर-दिसंबर 2016 की तीसरी तिमाही में आशावाद सूचकांक में भारत ने पहला स्थान हासिल किया। 88 प्रतिशत लोगों ने इसके पक्ष में मतदान किया। इससे पहले के जुलाई-सितंबर की तिमाही में भारत दूसरे स्थान पर था।

सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि भारतीय कारोबारी 2017 में अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर अधिक आशावान हैं।

हरीश का मानना है कि भारत में जल्दी ही नए नीतिगत सुधार देखने को मिल सकता है क्योंकि जीएसटी लागू हो सकते हैं और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में और कदम उठा सकते हैं।

हरीश का यह भी कहना है कि इसके लिए नीति निर्माताओं को अपने सोच में बदलाव लाना होगा। कानूनी व्यवस्था और ठेकों के अमल को लेकर सुधार लागू करने होंगे। निवेश आकर्षित करने और भारतीय उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने के संदर्भ में भारत को लेकर वैश्विक आशावाद बढ़ा है।

इस तिमाही में भारत 62 प्रतिशत के साथ रोजगार उम्मीदों और 68 प्रतिशत के साथ सेलिंग प्राइस के मापदंडों पर पहले स्थान पर है।

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