Home समाचार चीन ने भी माना- भारत बना विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह

चीन ने भी माना- भारत बना विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया भर में बढ़ते प्रभाव से भारत विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह बनता जा रहा है। दुनिया भर की तमाम बड़ी कंपनियां भारत की ओर रुख कर रही है। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद मेक इन इंडिया कार्यक्रम के चलते डिफेंस, फार्मा, ऑटो से लेकर मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां भारत आ रही है। पिछले तीन साल में भारत ने विदेशी निवेश और मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। मेक इन इंडिया, ईज ऑफ डुईंग बिजनेस के बाद जीएसटी से आकर्षित होकर निवेशक भारत आ रहे हैं। विदेशी निवेश के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। 2015 में जहां भारत को 63 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मिला था वहीं चीन को मात्र 56 बिलियन डॉलर मिला।

अब तो चीन ने भी मान लिया है कि उसे पछाड़ कर भारत मैन्यूफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत विदेशी कंपनियों के लिए खूब आकर्षण बन रहा है। अखबार ने एक लेख में कहा है कि कम लागत में उत्पादन धीरे-धीरे चीन से हट रहा है। अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार ने देश के बाजार के एकीकरण के लिए जीएसटी लागू किया है। यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने वाला है। इस नई टैक्स व्यवस्था से मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि इसमें राज्य और केंद्र के विभिन्न करों को मिला दिया गया है।

अखबार में कहा गया है कि भारत सरकार देश को वैश्विक कारोबार का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए जोरदार प्रयास कर रही है। अखबार लिखता है कि भारत बाजार के खुलेपन और एकीकरण के नाजुक मोड़ पर है। इसके लिए मजबूत इरादे और दृढ़ प्रयास की जरूरत होगी। हालांकि अखबार ने यह भी लिखा है कि भले ही भारत ने बड़े आर्थिक सुधार की ओर कदम बढ़ाया है लेकिन राज्यों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की बदतर स्थिति और योजनाओं को लागू करने में आने वाली समस्याएं अब भी चुनौती बनी हुई हैं। लेख में कहा गया है कि आजादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी से फॉक्सकॉन जैसी बड़ी कंपनी भारत में निवेश करने के अपने वादे के साथ आगे बढ़ेंगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितंबर 2014 को मेक इन इंडिया मुहिम की शुरुआत की थी। इसके तहत विदेशों के कई निवेशकों को भारत में विभिन्न व्ययसायों में पैसा लगाने के लिये एक अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। अभियान को शुरु करने का उद्देश्य भारत को विश्व स्तर का उत्पादन का पावर हाऊस बनाने है जो भारतीय अर्थव्यवस्था के बड़े मुद्दे का समाधान करने में जरूर मदद करेगी। भारत में रोजगार लाने के लिये प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया ये एक बेहतरीन प्रयास है।

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