Home समाचार मोदी राज में अच्छे दिन: सबसे ताकतवर 25 देशों की सूची में...

मोदी राज में अच्छे दिन: सबसे ताकतवर 25 देशों की सूची में चौथे स्थान पर भारत

SHARE

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनियाभर में भारत की ताकत का डंका बज रहा है। ऑस्‍ट्रेलिया के थिंक टैंक लॉवी इंस्‍टीट्यूट एशिया पावर इंडेक्‍स में एशिया-प्रशांत के 25 देशों में भारत चौथे स्थान पर है। इस पावर इंडेक्स में भारत को भविष्य की असाधारण ताकत के रूप में बताया गया है। पावर स्‍टेटस का बड़ा हिस्‍सा जापान और भारत के हिस्‍से है, टोक्‍यो स्‍मार्ट पावर है जबकि नई दिल्‍ली भविष्‍य में होने वाली ताकत है। 

इस पावर इंडेक्स में किसी भी देश की ताकत का आकलन आठ चीजों के तहत किया जाता है। इनमें आर्थिक संसाधनों, सैन्‍य क्षमता, लचीलापन, फ्यूचर ट्रेंड्स, राजनयिक प्रभाव, इकोनॉमिक रिलेशनशिप, डिफेंस नेटवर्क और सांस्‍कृतिक प्रभाव शामिल हैं। इकोनॉमिक रिसोर्स, सैन्‍य क्षमता, राजनयिक प्रभाव के मामले में भारत चौथे स्थान पर है। लचीलेपन के मामले में भारत पांचवें, जबकि सांस्‍कृतिक प्रभाव और फ्यूचर ट्रेंड के मामले में भारत तीसरे स्थान पर रहा। भारत भविष्‍य की बड़ी ताकत बनने की ओर है लेकिन रक्षा नेटवर्क और आर्थिक संबंधों की दिशा में सुधार की जरूरत है। इकोनॉमिक रिलेशनशिप और डिफेंस नेटवर्क में भारत की रैंकिंग सातवीं और दसवीं रही।

अमेरिका नंबर एक पर तो चीन नंबर दो पर काबिज है। एशिया में अमेरिका अब भी सबसे ताकतवर देश बना हुआ है, जबकि चीन बड़ी ही तेजी से अमेरिका की बराबरी पर पहुंच रहा है। पावर इंडेक्स के अनुसार भारत एशिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है।

आइए अब देखते हैं भारत किस तरह से दूसरे देशों को मदद देकर दुनिया भर में डंका बजाने में कामयाब रहा है।

यमन संकट: एक फोन और बदल गई 7,000 लोगों की दुनिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक फोन कॉल और बदल गई करीब सात हजार लोगों की दुनिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब के शाह को एक फोन किया और फिर शुरू हो गया यमन में युद्ध की विभिषिका के बीच फंसे हजारों लोगों के लिए ‘ऑपरेशन राहत’। बात एक अप्रैल, 2015 की है। तब प्रधानमंत्री ने रियाद में शाह को सीधे कॉल कर एक हफ्ते के लिए बमबारी रोकने को कहा। सऊदी शाह एक हफ्ते तक सुबह नौ बजे से 11 बजे तक बमबारी रोकने पर राजी हो गए। जिसके बाद यमन से 4,800 से अधिक भारतीयों और 1,972 विदेशियों को सुरक्षित निकालने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन राहत’ शुरू किया था।

बम गोलों और गोलियों के बीच हिंसाग्रस्त देश से भारतीयों को सुरक्षित निकालना मुश्किल लग रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का कुशल नेतृत्व और विदेश राज्यमंत्री जनरल (रि) वीके सिंह के प्रबंधन और अगुवाई ने कमाल कर दिया। भारतीय नौसेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय के बेहतर समन्वय से भारत के सभी नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। इसके अलावा 25 देशों के सैकड़ों नागरिकों की भी जान बचाने में भारत को कामयाबी मिली। इस सफलता ने दुनिया को विश्वमंच पर भारत का लोहा मानने के लिए मजबूर कर दिया ।

मालदीव के लोगों की प्यास बुझाई
दिसंबर 2014 में मालदीव का वाटर प्लांट जल गया और पूरे देश में पीने के पानी की किल्लत हो गई। वहां त्राहिमाम मच गया और आपातकाल की घोषणा कर दी गई। तब भारत ने पड़ोसी का फर्ज अदा किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्वरित फैसला लिया। मालदीव को पानी भेजने का निर्णय कर लिया गया और इंडियन एयर फोर्स के 5 विमान और नेवी शिप के जरिये पानी पहुंचाया जाने लगा।

नेपाल भूकंप में राहत का अद्भुत उदाहरण
27 अप्रैल, 2015 को नेपाल की धरती में हलचल हुई और आठ हजार से ज्यादा जानें एक साथ काल के गाल में समा गईं। जान के साथ अरबों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ सो अलग। हलचल नेपाल में हुई लेकिन दर्द भारत को हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और नेपाल के लिए भारत की मदद के द्वार खोल दिए। नेपाल में जिस तेजी से मदद पहुंचाई गई वो अद्भुत था। भारतीय आपदा प्रबंधन की टीम ने हजारों जानें बचाईं। सबसे खास रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय का नेपाल सरकार से बेहतरीन समन्वय रहा। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल की पूरे विश्व ने सराहना की।

अफगानिस्तान में भूकंप में राहत
अक्टूबर 2015 को अफगानिस्तान-पाकिस्तान में 7.5 तीव्रता के भूकंप के चलते 300 लोगों के मौत हो गई। पीएम मोदी ने तत्काल दोनों देशों को मदद की पेशकश की। अफगानिस्तान में भारतीय राहत टीम को बिना देर किए रवाना किया गया और मलबे में फंसे सैकड़ों लोगों को निकालने में सफलता पायी।

सऊदी अरब में फंसे हजारों भारतीयों को निकाला
सऊदी अरब में गलत हाथों में जाकर फंसे करीब 20 हजार भारतीय तीन महीने के भीतर अपने वतन वापस लौट पाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयास से सऊदी अरब सरकार ने भारतीयों को 90 दिन के लिए ‘राजमाफी’ दी है। ‘राजमाफी’ के तहत 20 हजार से ज्यादा लोगों ने भारत लौटने के लिए अर्जी दाखिल की थी।

बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए भेजी राहत
सितंबर,2017 में भारत ने बांग्लादेश में म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए राहत सामग्री भेजी थी। बांग्लादेश के मदद मांगने पर बिना देर किए भारत ने चावल, गेहूं, दाल, चीनी, नमक, खाद्य तेल, नूड्ल्स, बिस्किट, मच्छरदानी वगैरह की पहली खेप के साथ वायु सेना का विमान भेज दिया। विदेश मंत्रालय की निगरानी में ‘ऑपरेशन इंसानियत’ नाम से वहां राहत कार्यक्रम चलाया गया।

श्रीलंका ईंधन संकट: संकटमोचक बनी मोदी सरकार
श्रीलंका को नवंबर, 2017 में पेट्रोल और डीजल की जबरदस्त किल्लत का सामना करना पड़ा। श्रीलंका में ईंधन की कमी के बीच राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बताया कि भारत, श्रीलंका को अतिरिक्त ईंधन भेज रहा है और विकास में सहयोग के लिए भारत के सतत समर्थन का भरोसा भी दिलाया। इसके पहले मई,2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकटग्रस्त श्रीलंका के लिए राहत भेजी थी। यहां दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने भारी तबाही मचायी थी, जिसमें 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे और 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

Leave a Reply