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चीन की विस्तारवादी नीतियों को केंद्र में रखकर भारत बढ़ा रहा है सामरिक ताकत

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भारत पहले अपनी सामरिक शक्ति पाकिस्तान को ध्यान में रखकर बढ़ा रहा था, अब चीन को ध्यान में रखा जा रहा है। चीन की विस्तारवादी नीतियों को केंद्र में रखकर भारत अपने परमाणु हथियारों को लेकर रणनीति तैयार कर रहा है। इस बात का दावा दो अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक पत्रिका में लेख लिखकर किया है। वैसे भी भारत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल बनाने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया है। अग्नि-5 का सफल परीक्षण करते ही यह ओहदा भारत ने हासिल कर लिया है। इस तरह अमरीका, रूस, फ्रांस व चीन पहले ही टेस्ट कर चुके हैं।

अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता 5 हजार किमी
बताया जा रहा है कि अग्नि 5 की मारक क्षमता पांच हजार किमी है, जिसकी जद में एशिया और यूरोप के देश आएंगे। अब इसके दो या तीन यूजर ट्रायल होंगे और फिर इसे तीनों सेनाओं के साझा स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड में औपचारिक तौर पर शामिल कर लिया जाएगा। सभी टेस्टिंग पर 2500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

परमाणु हथियार बनाने की क्षमता 200, बनाए सिर्फ 130
‘आफटर मिडनाइट’ के जुलाई-अगस्त के अंक में छपे लेख में वैज्ञानिकों ने दावा किया गया है कि भारत अब एक ऐसी मिसाइल बना रहा है जो कि दक्षिण भारत के अपने बेस से पूरे चीन को निशाना बना सकती है। ‘इंडियन न्यूक्यिर फोर्स 2017’ शीर्षक वाले अपने लेख में हॉन्स एम क्रिस्टेंसेन और रॉबर्ट एस नोरिस ने लिखा है, भारत 150 से 200 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त प्लेटिनियम की बढ़ोतरी कर चुका है, लेकिन उसने 120 से 130 परमाणु हथियारों का ही निर्माण किया है।

सात परमाणु सक्षम प्रणाली पर तेजी से काम
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि भारत के पास सात परमाणु सक्षम प्रणाली हैं। इनमें दो विमान, जमीन से संचालित होने वाली चार बैलेस्टिक मिसाइल और समुद्र से मार करने में सक्षम एक बैलेस्टिक मिसाइल हैं। कम से कम चार और प्रणालियों पर काम चल रहा है। उन्हें तेजी से विकसित किया जा रहा है। अलगे दशक तक इन प्रणालियों को भारत की सुरक्षा में तैनात करने की संभावना है। 

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