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पीएम मोदी की लोकप्रियता के सामने ताश के पत्ते की तरह ढहता राहुल का हौवा

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हिन्दुस्तान में पीएम मोदी का जलवा कायम है। देश के लोग अभी भी पीएम मोदी को देश की राजनीति का सिरमौर मानते हैं। ‘ऑपरेशन जोहार- अ लव स्टोरी’ उपन्यास के लेखक अभिषेक बनर्जी ने राहुल गांधी की कथित लोकप्रियता और उन्हें पीएम मोदी के मुकाबले तेजी से आगे दिखाने की कोशिश करने वाले पत्रकारों को बेनकाब कर दिया है।   

ऐसे समय में जब मीडिया में एक हौवा खड़ा कर यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि राहुल गांधी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। यह भी कहा जाने लगा है कि राहुल गांधी खबरों में आगे दिख रहे हैं और वे अब एजेंडा सेट कर रहे हैं, बहस के मुद्दे तय कर रहे हैं। दरअसल, ये सभी बातें वैसे पत्रकार उड़ा रहे हैं, जिन्होंने राहुल गांधी का इंटरव्यू किया है और इंटरव्यू के दौरान ही उनके पालतू कुत्ते ‘पीडी’ से मिलने को बेताब दिख रहे हैं। राहुल की कथित लोकप्रियता की गप्पें वैसे लोग भी हांक रहे हैं जो महज ये जानने के लिए उनकी कार के पीछे दौड़ पड़ते हैं कि उन्हें समोसा पसंद आया या नहीं, और उन्हें गुड़ की जलेबी पसंद है या नहीं। यह कोई मजाक नहीं है, ऐसा वास्तव में हुआ है।      

आंकड़ों की जबानी पीएम मोदी की लोकप्रियता की कहानी   

लेकिन आंकड़े क्या कहते हैं ? क्या देश के लोग भी वैसा सोच रहे हैं जैसा कुछ पत्रकार दिखाने की कोशिश कर रहे हैं ? आइए देखते हैं कि पीएम मोदी बनाम राहुल गांधी के मुकाबले में आखिर गूगल ट्रेंड्स डेटा क्या कहता है। यहां पिछले सात दिनों के आंकड़े रखे जा रहे हैं।  

गूगल ट्रेंड डेटा से साफ है कि राहुल गांधी से पीएम मोदी की कोई तुलना ही नहीं हो सकती है और राहुल गांधी पोपुलैरिटी के मामले में पीएम मोदी से काफी पीछे हैं। दिन के किसी भी समय पीएम मोदी की लोकप्रियता अपने शिखर पर हो या उतार पर- दोनों ही स्थितियों में पीएम मोदी, राहुल से कहीं आगे दिखते हैं। देश के सभी राज्यों में मोदी का जलवा कायम है और उनके आगे राहुल कहीं नहीं टिकते। ग्राफ पर गौर करें तो मोदी जी की लोकप्रियता को दिखाने वाला ब्लू लाइन जब कभी राहुल गांधी की लोकप्रियता को दिखाने वाले रेड लाइन से थोड़ा ऊपर रहा है या लगभग बराबर रहा है, उस समय रात के साढ़े 12 बज रहे हैं और उस समय लोग सो रहे होते हैं।      

उत्तर प्रदेश में 93 फीसदी लोगों की है पीएम मोदी में रुचि

उत्तर प्रदेश चोटी के उन तीन राज्यों में है, जहां पीएम मोदी को चाहने वाले लोग सबसे ज्यादा हैं। यहां मोदी जी और राहुल गांधी के बीच लोकप्रियता के अंतर की चौड़ी खाई चौंकाने वाली है। यह अपने आप में आश्चर्यजनक है कि जहां पीएम मोदी के बारे में 93 प्रतिशत लोग गूगल सर्च में जाते हैं, वहीं राहुल गांधी में सिर्फ 7 प्रतिशत लोगों की रुचि है। यहां राहुल की कथित लोकप्रियता पीएम मोदी के सामने ताश के पत्ते की तरह बिखरती हुई नजर आती है।            

पीएम मोदी-सा कोई नहीं 

अभिषेक बनर्जी आगे कहते हैं, “हम सिर्फ गूगल ट्रेंड्स डेटा से किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच सकते। हमें कुछ दूसरे आंकड़ों पर भी नजर रखनी चाहिए। यह तो स्थापित हो रहा है कि गूगल में ‘टॉपिक सर्च’ के मामले में पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच कोई मुकाबला नहीं है। अब ‘की-वर्ड सर्च’ के आंकड़ों पर गौर करते हैं। लोग अक्सर ‘मोदी’ या ‘राहुल’ के रूप में की-वर्ड सर्च करते हैं। की-वर्ड सर्च में भी पीएम मोदी, राहुल गांधी की तुलना में बहुत आगे दिखते हैं। एक बार फिर दोनों की लोकप्रियता की लाइनें जहां करीब आती हैं, वह समय रात के साढ़े बारह से दो बजे तक का है, जब लोग सोते रहते हैं। सिर्फ एक बार दोनों लाइनें एक-दूसरे को छू जाती हैं और उस समय रात के दो बज रहे हैं।”

कांग्रेस से बहुत आगे है भाजपा

आप मानें या ना मानें राहुल या उनके पीडी के बारे में जानने की लोगों में खास उत्सुकता नहीं है। आप जानना चाह रहे होंगे कि इन दोनों नेताओं से अलग दोनों पार्टियों यानी भाजपा और कांग्रेस को लेकर लोगों में किस तरह उत्सुकता है और लोकप्रियता में कौन आगे है।  

यहां भी भाजपा अपनी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी पर लगातार अच्छी बढ़त बनाए हुए है। और यह भी तब है जब तीन राज्यों में कांग्रेस ने अपनी सरकारें बनाई हैं। हम प्रायः ‘परसेप्शन’ यानी अवधारणा के बारे में सोचते हैं। हम यह भी सोचते हैं कि क्या हमारे दोस्त या परिचित वास्तव में उन विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो देश की जनता के मन में चल रहे होते हैं।   

अब दिल्ली जैसे शहरी इलाके में दोनों नेताओं की तुलना करते हैं। नए साल के प्रथम दिन एक जनवरी को मोदी जी की लोकप्रियता का आलम देखने लायक है ! इसी समय पीएम मोदी का इंटरव्यू प्रसारित किया जा रहा था, और सभी मोदी जी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते थे।   

बुधवार को जब लोकसभा में राफेल डील पर चर्चा के बाद राहुल ने प्रेस कांफ्रेंस की, तब भी रात में करीब साढ़े 8 बजे पीएम मोदी ही गूगल ट्रेंड्स में आगे थे। ऐसा तब हुआ जब मीडिया ने दिन भर राहुल गांधी के झूठ को दिखाया और मोदी जी टीवी पर दिखे ही नहीं।    

राहुल नहीं ‘दीपा राहुल ईश्वर’ !

अगर आप राहुल के बारे में एक मजेदार बात जानना चाहते हैं तो गूगल ट्रेंड डेटा को गौर से देखिए। जो ‘राहुल’ सर्च में तीसरे नंबर पर हैं, वे राहुल गांधी नहीं बल्कि ‘दीपा राहुल ईश्वर’ हैं। दरअसल, ज्यादातर लोग जिस ‘राहुल’ को ढूंढ रहे थे, वह राहुल गांधी नहीं बल्कि ‘राहुल ईश्वर’ और उनकी पत्नी ‘दीपा राहुल ईश्वर’ हैं।        

अब देश के दूसरे हिस्सों की बात करें, जहां मीडिया की मौजूदगी कम रहती है। एक तरफ जहां ‘मोदी’ के बारे में सर्च करने वाले लोग निश्चित रूप से पीएम नरेन्द्र मोदी ही हैं, वहीं ‘राहुल’ को ढूंढने वालों में बड़ी संख्या में क्रिकेटर के. एल. राहुल के बारे में जानने वाले लोग भी शामिल रहे।    

आज की दुनिया में आंकड़ों का अपना महत्व है। आजकल मीडिया के असर को जानने के लिए किसी बड़ी कसरत की जरूरत नहीं होती है। इंटरनेट के महासागर में जाइए और गूगल डेटा सर्च जैसे टूल आपको बता देंगे कि लोगों के मन में क्या चल रहा है ! फिलहाल तो ये साबित हो गया कि पीएम पीएम के करिश्माई व्यक्तित्व के सामने राहुल गांधी को आगे दिखाने की कोशिश एक बड़ा छलावा भर है।   

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