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विकास दर में कमी जरूर आई है, लेकिन मंदी जैसे हालात नहीं: निर्मला सीतारमण

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार भले ही कम हुई है, लेकिन देश मंदी के दौर से नहीं गुजर रहा है। राज्यसभा में अर्थव्यवस्था पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने साफ कहा, ‘अगर आप अर्थव्यवस्था को विवेकपूर्ण तरीके से देख रहे हैं तो आप देख सकते हैं कि विकास दर में कमी जरूर आई है, लेकिन अभी तक मंदी का माहौल नहीं है और मंदी कभी नहीं आएगी।’ वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि देश की सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 2009-2014 के अंत में 6.4 प्रतिशत रही, जबकि 2014-2019 के बीच यह 7.5 प्रतिशत रही।

जीडीपी ग्रोथ    
यूपीए 2  2009-14 6.4 प्रतिशत
एनडीए 2 2014-19 7.5 प्रतिशत

 

उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-14 के बीच यूपीए शासन काल में एफडीआई निवेश 189.5 बिलियन डॉलर था, जबकि 2014-2019 के बीच मोदी सरकार के दौरान 283.9 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया।

एफडीआई  
2009-14 189.5 अरब डॉलर
2014-19 283.9 अरब डॉलर

 

वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए 2 में 59.1 अरब डॉलर का एफपीआई आया जबकि एनडीए 2 के दौरान 67.2 अरब डॉलर का आया है।

एफपीआई  
यूपीए 2 59.1 अरब डॉलर
एनडीए 2 67.2 अरब डॉलर

 

निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में भी काफी वृद्धि हुई है। यूपीए शासनकाल के दौरान 2009-14 के बीच विदेशी मुद्रा भंडार 304.2 अरब डॉलर थी, जो एनडीए शासन काल में 2014-19 के बीच बढ़कर 412.9 अरब डॉलर से ऊपर है।

विदेशी मुद्रा भंडार  
2009-14 304.2 अरब डॉलर
2014-19 412.9 अरब डॉलर

 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में महंगाई दर 10.3 प्रतिशत थी, जबकि 2018-19 में एनडीए सरकार के दौरान यह सिर्फ 4.5 प्रतिशत रही।

महंगाई दर  
2013-14 10.3 प्रतिशत
2018-19 4.5 प्रतिशत

 

वित्त मंत्री ने संसद में जवाब देते हुए कहा कि वर्ष 2013-14 में यूपीए-2 का शासन खत्म होने के समय कोर इन्फलेशन 9.4 प्रतिशत थी, जबकि एनडीए के कार्यकाल में 2018-19 में यह सिर्फ 5.1 प्रतिशत थी।

कोर इन्फलेशन  
2013-14 9.4 प्रतिशत
2018-19 5.1 प्रतिशत

 

इसी तरह वर्ष 2014 में खाद्य महंगाई दर 11.2 प्रतिशत थी, जबकि 2019 में यह सिर्फ 3.5 प्रतिशत थी।

खाद्य महंगाई दर  
2014 11.2 प्रतिशत
2019 3.5 प्रतिशत

 

वित्त मंत्री ने कांग्रेस के सवाल पर करारा जवाब देते हुए कहा कि 2009-14 के बीच यूपीए सरकार ने जीडीपी का 52.2 प्रतिशत हिस्सा कर्ज लिया, जबकि 2014-19 के बीच एनडीए सरकार में ये सिर्फ 49.4 प्रतिशत रहा।

जीडीपी का कर्ज  
2009-14 52.2 प्रतिशत
2014-19 49.4 प्रतिशत

 

उन्होंने यह भी कहा कि 2009-2014 के बीच खाद्य उत्पादन 255 मिलियन टन रहा जो 2014-2019 के बीच एनडीए सरकार में बढ़कर 285 मिलियन टन पर पहुंच गया।

खाद्य उत्पादन  
2009-2014 255 मिलियन टन
2014-2019 285 मिलियन टन

 

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि 2009-14 के बीच यूपीए सरकार में सर्विस सेक्टर में ग्रोथ रेट 7.4 रहा, जबकि 2014-2019 में एनडीए सरकार में यह बढ़कर 8.4 हुआ।

सर्विस सेक्टर ग्रोथ  
2009-14 7.4 प्रतिशत
2014-2019 8.4 प्रतिशत

 

वित्त मंत्री ने कहा कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के अभूतपूर्व परिणाम सामने आ रहे हैं। इसके कारण बड़े पैमाने पर फंसे हुए कर्जों की वसूली हो रही है। 180 दिनों में 5 मामलों का, 180-270 दिनों में 36 मामलों का और 270 से ज्यादा दिनों में 120 मामलों का समाधान किया जा रहा है।

फंसे हुए कर्जों की वसूली  
0- 180 दिन 5 मामलों का समाधान
180-270 दिन 36 मामलों का समाधान
270+ दिन 120 मामलों का समाधान

 

वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश वित्तीय मजबूती की राह पर आगे बढ़ रहा है। यूपीए शासन काल में जो औसत वित्तीय घाटा 5.50 प्रतिशत के स्तर पर था एनडीए शासन काल में घटकर 3.68 प्रतिशत पर आ गया है।

औसत वित्तीय घाटा  
2004-2014 5.50 प्रतिशत
2014-2019 3.68 प्रतिशत

 

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने साल 2022 तक सभी को घर देने के मकसद से लाखों गरीबों को पक्के मकान दिए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अभी तक 5.54 लाख करोड़ रुपये खर्च कर 90 लाख मकान आवंटित किए जा चुके हैं। इसमें से 53.40 लाख घरों का निर्माण शुरू हो चुका है। इसमें से 27.17 लाख मकान बनकर तैयार हैं और 25 लाख घर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं।

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