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GST के लागू होने पर भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट में 4.2 प्रतिशत का आएगा उछाल

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भारत में कर प्रणाली में सबसे बड़ा सुधार एक जुलाई से होने जा रही है जिसका नाम है जीएसटी। एक देश और एक कर लागू होने से भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदलने वाली है। उसकी पुष्टि अमरीकी रिसर्च पेपर ने एक रिपोर्ट प्रकाशित करके की है। यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय फाइनेंसियल डिस्कशन पेपर्स की श्रृंखला से अलग फेडरल रिजर्व सिस्टम के तहत प्रकाशित हुआ था। फेडरल रिजर्व सिस्टम को अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल बैंक संचालित करता है। इसका मानना है कि भारत में इनडायरेक्ट टैक्स प्रणालियों में सुधार होने और जीएसटी लागू होने के बाद जीडीपी के ग्रोथ रेट में 4.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है यानि अर्थव्यवस्था में करीब-करीब 6.5 लाख करोड़ का उछाल आ सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम की जटिलता जीएसटी लागू होने के साथ ही खत्म हो जाएगा और इसका लाभ व्यावसायी से लेकर उपभोक्ता तक हर किसी को मिलने वाला है। कर का कन्फ्यूजन खत्म होने से मैन्युफैक्चर सेक्टर से लेकर सर्विस सेक्टर में सबसे अधिकार सुधार आएगा। इससे देश की जीडीपी ग्रोथ में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इसके लागू होने के बाद मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर में बड़ा सुधार होने वाला है। भारतीय कंपनियों को देश के भीतर व्यापारिक लेन-देन 29 फीसदी बढ़ने वाला है। अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अधिक मौका मिलने वाला है। एक अनुमान है कि भारतीय कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय में भी करीब-करीब 32 प्रतिशत का इजाफा होने वाला है।

1 जुलाई, 2017 से पूरा देश बदल जाएगा। इस दिन से पूरा देश गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी GST के दायरे में आ जाएगा और भारत वन इंडिया वन टैक्स के आधार पर ‘पूरा देश, एक बाजार’ के कंसेप्ट को अपना लेगा। यानी इस दिन से देश की अर्थव्यवस्था को नयी रफ्तार मिल जाएगी। इस दिन से देश को ‘टैक्स ऑन टैक्स’ के मकड़जाल से मुक्ति मिल जाएगी और व्यापार का तरीका भी बदल जाएगा। इसके लागू होने के साथ जहां जरूरी चीजों के दाम घट जाएंगे वहीं शौक की चीजें महंगी हो जाएंगी। ये दिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार का गवाह बनने वाला है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘न्यू इंडिया’ के सपने को नया आधार देगी।

”नया साल, नया विधेयक, नया भारत।” – नरेंद्र मोदी
29 मार्च को जीएसटी से जुड़े अनुपूरक विधेयकों के लोकसभा में पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये कथन बताता है कि जीएसटी कैसे प्रधानमंत्री के ‘न्यू इंडिया’ के सपने से जुड़ा हुआ है। अब जबकि इसकी सभी बाधाएं दूर हो चुकी हैं और वस्तु एवं सेवा कर यानी GST अब हकीकत बनने के बेहद करीब है, तो आइए जानते हैं कि जीएसटी से कैसे बदल जाएगी आपकी जिंदगी।

वन इंडिया, वन टैक्स
जीएसटी एक ऐसी व्यवस्था है जिससे कारोबारियों से लेकर आम लोगों को टैक्स के भारी जाल से मुक्ति मिलेगी। सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि टैक्स का पूरा सिस्टम आसान हो जाएगा। करीब 18 से ज्यादा टैक्सों से मुक्ति मिल जाएगी और पूरे देश में सिर्फ एक टैक्स यानी जीएसटी रह जाएगा।

खत्म होगा ‘टैक्स ऑन टैक्स’
जीएसटी में कम-से-कम 11 सेंट्रल और स्टेट टैक्सेज समाहित हो जाएंगे। दरअसल किसी भी वस्तु पर फैक्ट्री से निकलते ही एक्साइज ड्यूटी लगती है। कई मामलों में एडिशनल एक्साइज ड्यूटी भी लगाई जाती है। फिर सर्विस टैक्स के साथ यह 14.5 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ले जाने पर एंट्री टैक्स और फिर सेस भी लगता है। फिर संबंधित राज्यों का वैट यानी सेल्स टैक्स लगता है। इसके अलावा अलग-अलग मामलों में अलग-अलग सेस भी लगता है। एंट्री टैक्स के बाद उस राज्य में वैट यानी सेल्स टैक्स लगता है। अगर कोई वस्तु एंटरटेनमेंट के दायरे में आता है तो एंटरटेनमेंट या लग्जरी टैक्स भी लगाया जाता है। इसके साथ ही कई मामलों में परचेज टैक्स भी देना होता है। आम तौर पर वस्तुओं के फैक्ट्री से पहुंचने तक या इसके उपभोग करने तक 18 तरह के टैक्स लगाए जाते हैं। लेकिन जीएसटी आने के बाद ये सारे टैक्स खत्म हो जाएंगे।

पूरा देश होगा एक बाजार
पूरा देश एक मार्केट हो जाएगा जहां के तमाम राज्यों के बीच सामानों की बेरोकटोक ढुलाई हो पाएगी। इससे कंपनियों पर टैक्स बोझ कम हो जाएगा। लिहाजा पूरे देश में सामान की कीमत एक जैसी हो जाएगी।

कम होगा टैक्स का दायरा
कुछ अप्रत्यक्ष कर तो बढ़ेंगे लेकिन ज्यादातर करों में कटौती होगी। इससे आम आदमी की जेब पर भी बोझ कम हो जाएगा, क्योंकि कंपनियों की मैन्यूफैक्चरिंग लागत घट जाएगी।

कारोबार होगा आसान
टैक्स कम्प्लायंस तेज और आसान तो होगा ही। इस पर लागत भी कम आएगी। यानी इंडस्ट्री और कंज्यूमर को फायदा होने के साथ मालढुलाई भी 20 फीसदी सस्ती हो जाएगी।

इंडस्ट्रीज को होगा फायदा
जीएसटी के पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद सबसे ज्यादा फायदा इंडस्ट्री को होने वाला है। जीएसटी का फायदा उपभोक्ता से लेकर लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री तक को होगा, क्योंकि जीएसटी युग में उन्हें अलग-अलग करीब 18 टैक्स नहीं भरने होंगे। टैक्स भरने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। और टैक्स का बोझ भी काफी कम हो जाएगा।

बढ़ेगा सरकारी खजाना
जीएसटी के साथ सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये ऑनलाइन व्यवस्था होगी। यानी पारदर्शी तरीके से टैक्सों का भुगतान होगा। इसके साथ ही कुछ टैक्स में छूट और कुछ के पूरी तरह खात्मे की वजह से टैक्स कलेक्शन का दायरा बढ़ेगा और सरकारी खजाने में आमदनी बढ़ेगी। बिहार और पूर्वोत्तर के गरीब राज्यों को जीएसटी से ज्यादा फायदा पहुंचेगा। हालांकि विकसित राज्यों पर कुछ बोझ तो बढ़ेगा लेकिन पिछड़े राज्यों को विकास की रफ्तार देने में जीएसटी बड़ी भूमिका निभाएगा। जीएसटी लागू होने के बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर टैक्स लागत कम हो जाएगी जिससे बहुत सी चीजें सस्ती हो जाएंगी, हांलाकि कुछ चीजें महंगी भी हो सकती हैं।

होंगी नौकरियां ही नौकरियां
जीएसटी को भारतीय अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के लिए अच्छा बताया जा रहा है लेकिन इसका सबसे पहला और पॉजिटिव असर दिखेगा जॉब मार्केट पर। जीएसटी से जॉब मार्केट अभी से गुलजार होने की संभावना जताई जा रही है। कंपनियां और कारोबारी तैयारियों में जुट गए हैं और नए टैक्स सिस्टम के लिए अकाउंटेंट, टैक्स कंसल्टेंट्स को रखा जा रहा है।

40 लाख को मिलेगा जॉब
माना जा रहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग संगठित क्षेत्र में आ जाएंगे। अगर 1 फीसदी लोग भी असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में जाते हैं तो 40 लाख और नौकरियां आएंगी। जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स, रिटेलिंग, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज, लॉजिस्टिक्स, सप्लाई चेन, बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में बहुत सी नौकरियां आएंगी। हर चीज कंप्यूटराइज्ड होगी इसीलिए आईटी का भी बहुत बड़ा रोल होगा।

जरूरी चीजें होंगी सस्ती
जीएसटी से आपके घरेलू बजट का बोझ कम हो जाएगा। जीएसटी के प्रभाव में आने के बाद आपको दुपहिया वाहन, एंट्री लेवल सेडान और एसयूवी कारों के लिए कम कीमत देनी होगी। पेंट और सीमेंट, मूवी टिकट, बिजली के सामान जैसे- पंखे, बल्ब, वाटर हीटर, एयर कूलर, रोजमर्रा की जरूरत के सामान, रेडीमेड कपड़े सस्ते हो जाएंगे। वहीं इंटरटेनमेंट टैक्स के जीएसटी में समाहित हो जाने के बाद मूवी देखना भी सस्ता होगा।

शौक की चीजें हो जाएंगी महंगी
तंबाकू पर मौजूदा एक्साइज ड्यूटी के मुकाबले जीएसटी की दर ज्यादा होगी जिससे सिगरेट के दाम बढ़ेंगे। मौजूदा 14% सर्विस टैक्स जीएसटी के बाद बढ़ जाएगा जिससे मोबाइल फोन से बात करना भी महंगा हो सकता है। टेक्सटाइल और ब्रैंडेड जूलरी भी महंगी हो सकती है। रेस्टोरेंट में खाने समेत ज्यादातर सर्विसेज महंगी हो जाएंगी। रेल, बस और हवाई सफर महंगा हो सकता है।

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