अमेठी में गांधी परिवार अरसे से वोटरों को नोट बांटकर चुनाव जीतता आ रहा है। वोट दिलवाने वाले पंच, सरपंच, मुखिया से लेकर इलाके के जन प्रतिनिधियों को गांधी परिवार की तरफ से मोटी रकम मिलती है। My Nation के रिपोर्टर ने जब स्थानीय लोगों से बात की तो खुलासा हुआ कि किस तरह चुनाव से कुछ महीनों पहले ये मशीनरी सक्रिय हो जाती है। हालांकि जब से इलाके के लोगों को इसकी भनक लगी, तभी से अमेठी में कांग्रेस की हालत खराब होने लगी है।
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी लगभग हारने वाले थे। इसलिए उन्हें वोटिंग वाले दिन भी अमेठी में गांव-गांव की खाक छाननी पड़ी। तब भी अमेठी में स्मृति ईरानी को 3 लाख से अधिक वोट मिले थे। इस बार तो कांग्रेस अध्यक्ष की हालत और भी पतली बताई जा रही है।
अमेठी में गांधी परिवार का गेम प्लान
4 महीने पहले सक्रिय हो जाते हैं कांग्रेस नेता
अमेठी के प्रभावशाली लोगों की बनती है लिस्ट
पंच,सरपंच,मुखिया,जन प्रतिनिधियों को देते हैं बड़ी रकम
वोट दिलाने का ठेका ले लेते हैं प्रभावशाली लोग
वोट दिलाने की हैसियत से बनता है रेट चार्ट
कभी बोरों, कभी टैंकरों में भरकर आते हैं नोट
वोटिंग होने तक वोटरों को शराब,मांस, खाना बंटता है
वोटरों को बरगलाने के लिए भावनात्मक कार्ड खेलते हैं
सांसद फंड और योजनाएं केवल वोट बैंक के लिए इस्तेमाल
एसपी-बीएसपी सरकारें भी करती रही हैं सहयोग
4 दशक के बाद भी अमेठी बेहाल क्या दिया गांधी परिवार ने?
सामाजिक, आर्थिक,शैक्षणिक रूप से सबसे पिछड़ा जिला
दो लाख से ज्यादा लोग गरीबी रेखा ने नीचे
सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति बहुत खस्ता
स्कूलों में छात्रों के अनुपात में टीचर काफी कम
ज्यादातर स्कूल में ना बिजली, ना टॉयलेट
जिले का हर छठा बच्चा कुपोषण का शिकार
जिले का हर 84वां बच्चा अति कुपोषित
ना कोई इंजीनियरिंग, ना कोई मेडिकल कॉलेज
इस बार हरा दो