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पीएम मोदी का पाक पर सख्ती का असर, मुशर्रफ ने खोला राज भारत में बम धमाके में आईएसआई का हाथ

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भले ही पाकिस्तान आज दिखावे के लिए ही करे लेकिन पाकिस्तान न केवल जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन मानने को मजबूर हुआ है बल्कि उसके आकाओं पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने के पक्ष में भी खड़ा दिख रहा है। पाकिस्तान में यह बदलाव निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्ती का ही असर है। इसमें कोई दो मत नहीं कि पाकिस्तान धूर्त है और वह कभी भी अपना स्टैंड बदल सकता है। लेकिन पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष रहे परवेज मुशर्रफ ने यह मानकर पाकिस्तानी हुक्मरान और खुफिया एजेंसी की पोल खोल दी है कि भारत में कराए गए बम धमाके में आईएसआई का हाथ रहा है। उन्होंने अपने एक साक्षात्कार में साफ शब्दों में कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा तो महज मोहरा भर है असल हाथ तो आईएसआई का है। अपने साक्षात्कार के दौरान मुशर्रफ ने स्वीकार किया है कि भारत में कराए गए बम धमाके में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के साथ आईएसआई का हाथ रहा है।

हम न्यूज चैनल पर किया चौंकाने वाला खुलासा
हम न्यूज चैनल पर पाकिस्तानी पत्रकार नदीम मल्लिक को दिए साक्षात्कार के दौरान परवेज मुशर्रफ ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि भारत में कराए गए बम धमाके में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ रहा है। जिन दोनों आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अभी कार्रवाई की जा रही है ये तो महज मोहरा भर है। इसके साथ उन्होंने यह भी खुलासा किया है कि 2003 में उन पर भी जो जानलेवा हमला किया गया उसे भी जैश-ए-मोहम्मद ने ही अंजाम दिया था। उन्होंने कहा कि हम तो इन दोनों संगठनों को शुरू से ही आतंकी संगठन मानता रहा हूं। इसलिए पाकिस्तान इन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ जो भी कार्रवाई कर रही है वह सही दिशा में उठाया गया सही कदम है।

पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ ने खोली आईएसआई की पोल
भले ही पाकिस्तान आतंक पर नकेल कसने के अपना ढोंग दिखाने के लिए मुंबई में आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और उसके दूसरे संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को औपचारिक रूप से प्रतिबंधित किया हो। लेकिन यह भी सच है कि पाकिस्तान की यह सख्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त प्रहार का असर है। नहीं तो इससे पहले तो पाकिस्तान आतंकी संगठनों पर कार्रवाई तो दूर यह मानने को तैयार नहीं होता था कि इसमें पाकिस्तान में पनाह लेने वाले आतंकी संगठन ने किया है। जबकि अब उसके पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्ऱफ ने तो यहां तक स्वीकार कर लिया है कि भारत में कराए गए बम धमाके में आईएसआई का हाथ है। पाकिस्तान ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर कार्रवाई करने के तहत उसके 40 आतंकियों को हिरासत में लिया है। पाकिस्तान के इस हालिया कार्रवाई पर जब पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से पूछा गया तो उन्होंने चौंका देने वाला खुलासा किया।

आईएसआई और जैश-ए-मोहम्मद में सांठगांठ
परवेज मुशर्ऱफ से जब यह पूछा गया कि आपने इन आतंकी संगठनों पर तब पाबंदी क्यों नहीं लगाई जब आप पावर में थे। इस सवाल के जवाब पर उन्होंने और भी चौंकाने वाली बात कही। उन्होंने कहा कि उस समय की परिस्थिति बिल्कुल भिन्न थी। उन्होंने आगे कहा कि उस समय आईएसआई और जैश-ए-मोहम्मद के बीच काफी गहरे संबंध थे। एक तरह से जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन का आईएसआई से बैक-अप मिलता था। उस दौरान आईएसआई ने जैश-ए-मोहम्मद के माध्यम से भारत में बम धमाका कराया था। इसलिए उस समय उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। वैसे भी आईएसआई से संबंध होने के कारण उस समय उसके खिलाफ सख्त कदम उठाना आसान नहीं था।

जेईएम और एलईटी ने मिलकर किया था संसद पर हमला
अपने साक्षात्कार के दौरान मुशर्रफ ने यह भी खुलासा किया है कि 2001 में भारतीय संसद पर जो आतंकी हमले किए गए थे उसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने मिलकर अंजाम दिया था। आज भी पुलवामा में आतंकी हमला करने का दावा जैश-ए-मोहम्मद ने ही किया है। मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय जवान के काफिले पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन ने हमल किया था। इस आतंकी हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले के तुरंत बाद ही जैश-ए-मोहम्मद के सरगना ने दावा किया था कि इस घटना को उसने ही अंजाम दिया है। अपने शहीद जवानों का बदला लेने के लिए ही भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर एयर स्ट्राइक की थी।
मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने यह स्वीकार किया था कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान सरकार की सुरक्षा में है। और अब जिस प्रकार पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने दोनों आतंकी संगठनों के साथ आईएसआई को लेकर खुलासा किया है, इससे तो यह साबित हो जाता है कि आईएसआई और पाकिस्तान सरकार भारतीय धरती पर होने वाले आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं। लेकिन जिस प्रकार पाकिस्तान की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इन दोनों आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करती दिख रही है निश्चित रूप से पीएम मोदी की ही सख्ती का परिणाम है।

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