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मोदी सरकार में ऐसे हुआ ‘सब चलता है’ की कार्य संस्कृति का कायापलट

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नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में सरकारी कामकाज से लेकर तमाम मोर्चों पर आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। अपनी लगन के पक्के प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल ‘चलता है’ की कार्य संस्कृति को खत्म किया है बल्कि सभी योजनाओँ पर सख्त अमल को भी सुनिश्चित किया है। इसी का नतीजा है कि देश में काम करने का माहौल बेहतर हुआ है और विदेशों में भारत की वाहवाही हो रही है। एक नजर डालते हैं नरेन्द्र मोदी के कामकाज की झलक दिखाते इन बड़े बदलावों पर..

भ्रष्टाचार मुक्त सरकार 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी दूरदर्शिता से, कर्मठता से ऐसी योजना बनाते हैं और उन पर इतनी बारीकी से अमल करते हैं कि भ्रष्टाचार की गुंजाइश ही नहीं बचती। यूपीए के दस साल में देश में इतने बड़े बड़े भ्रष्टाचार हुए, जैसे 2-जी घोटाला,  कोयला घोटाला घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला, चॉपर घोटाला, आदर्श घोटाला….इनके चलते आम आदमी सरकार और सरकारी सिस्टम से निराश होने लगा था। लेकिन अब मोदी सरकार ने जो नई कार्य संस्कृति शुरू की, उसके परिणामस्वरूप सरकार में भ्रष्टाचार का एक दाग तक नहीं लगा।

पारदर्शी सरकार

मोदी सरकार पूरी तरह पारदर्शी सरकार है। इसमें हर फैसले और कामकाज की एक निश्चित प्रक्रिया है। इससे हर आदमी सरकारी फैसलों पर नजर रख सकता है। मोदी सरकार ने कोयला ब्लॉक आंवटन की नीलामी, पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन, ज्यादातर ठेकों के लिए  निविदाओं के ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की। इसके अलावा ज्यादातर सरकारी सब्सिडी सीधे हितग्राही के खाते में डाले जा रहे हैं, इससे न केवल बिचौलियों का नेटवर्क खत्म हो गया है, बल्कि सरकार को करीब 90 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। ये राशि किसी राज्य के सालाना बजट से भी ज्यादा है।

तकनीक और डिजिटाइजेशन का इस्तेमाल

प्रधानमंत्री न केवल अपनी सरकार की योजनाओं और फैसलों को निर्धारित समय में पूरा करने पर जोर देते हैं बल्कि आजादी के बाद से घोषित प्रोजेक्ट और उन पर अमल सुनिश्चित के लिए हर महीने  ‘प्रगति’ की समीक्षा करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक 2014 तक 12 लाख करोड़ के ऐसे प्रोजेक्ट थे, जो या तो शुरू ही नहीं हुए थे या उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। पीएम ने इन सभी संभव प्रोजेक्ट पर अमल शुरू करा दिया है। इसके साथ ही पीएम ने धन के लेनदेन में बिचौलियों और भ्रष्टाचार हटाने के लिए डिजिटाइजेशन शुरू किया, जिससे पैसा सीधे हितग्राही या संबंधित व्यक्ति या संस्था के खाते में जा रहा है। डिजिटल भुगतान को आसान बनाने बनाने के लिए भीम एप का प्रयोग किया जाता है। डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के तहत सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराई जाती है।14.62 करोड़ से अधिक लोगों को एलपीजी सब्सिडी सीधे खाते में मिल रही है। इस पहल से करीब 3.34 करोड़ नकली या निष्क्रिय खातों की पहचान करने और उन्हें बंद करने में भी मदद की, जिससे हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई।

जन-धन योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में लालकिले से जन-धन योजना की घोषणा की थी, ताकि देश का कोई नागरिक बैंकिंग सुविधा से अछूता न रहे। इसमें जीरो बैलेंस पर लोगों को बैंक में खाता खोलने की सुविधा है।देश के 31.31 करोड़ लोगों के जनधन खाते खुले। इस लिहाज से ये दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक योजना है। इसमें एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,10 बैंक खाते खोलने की रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज है।

जीएसटी

मोदी सरकार ने 1991 में आर्थिक उदारीकरण के बाद देश में सबसे बड़ा आर्थिक सुधार किया है। ये सुधार है गुड्स एंड सर्विस टैक्स, यानी जीएसटी। इसमें पूरे देश में सामान पर एक जैसा टैक्स लगता है। गौरतलब है पिछली सरकारें इस फैसले पर आम सहमति ही नहीं बना पाई थी लेकिन मोदी सरकार ने अल्पसमय में ही सबको राजी कर लिया। इसमें सरकार ने कारोबारियों-व्यापारियों के साथ इतनी सूक्ष्मता से काम किया कि भारत में जीएसटी दुनिया के बाकी देशों की तुलना में बेहद सहजता से लागू हो गया। इसकी जटिलताओं को देखते हुए सरकार ने वक्त-वक्त पर बदलाव भी किए।

उज्जवला योजना

गरीब परिवारों को एलपीजी सिलेंडर देने की इस योजना से न केवल महिलाओं की जिन्दगी आसान हुई है बल्कि प्रदूषण और उससे परिवारों में होने वाली बीमारियों पर भी रोक लगी है। इसमें ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बीपीएल राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में सेलेंडर दिया जाता है। 13 करोड़ परिवार इसका लाभ उठा रहे हैं।

वाटर हाइवे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को एक नया ट्रांसपोर्ट सिस्टम दे रहे है। अब जमीन और आसमान के साथ देश की विशाल नदियों पर 111 जलमार्ग विकसित किये जा रहे हैं। इसमें गंगा नदी पर हल्दिया प्रयागराज जलमार्ग शुरू भी हो गया है। इस मार्ग पर 2000 टन के जहाजों का आवागमन संभव है। इससे न सिर्फ लागत में कमी आयेगी बल्कि माल भी जल्दी पहुंचेगा। पीएम मोदी ने 12 नवंबर को वाराणसी में देश के पहले मल्टी मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन किया था। इस पहल से विशाल नदियों की गोदी में खेलने वाले पूर्वांचल का पिछड़ापन भी दूर होने की उम्मीद है। भारत में जलमार्ग से अब तक महज 0.1 प्रतिशत ढुलाई होती है, जबकि अमेरिका अपने 21 प्रतिशत सामान को जलमार्ग से भेजता है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में कुल 14,500 किलोमीटर लंबा जलमार्ग है। इनमें बड़े कार्गो को 5,000 किलोमीटर ले जाया जा सकता है, इसके अलावा लगभग 4,000 किलामीटर लंबी नहरों के जरिए भी माल ढुलाई हो सकती है। मोदी सरकार ने इस सुनहरे अवसर को समझते हुए ब्रह्मपुत्र नदी में 891 किलोमीटर, केरल की वेस्ट कोस्ट नहर में 205 किलोमीटर और गुजरात की तापनी नदी पर 173 किलोमीटर लंबा जलमार्ग बनाने की योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। जलमार्गों पर पर्यटन की भी असीम संभावनाएं हैं। गंगा नदी में 9 स्थानों पर रोरो सेवा शुरू हो रही है। मुंबई में रोरो सेवा से अलीबाग तक 15 मिनट में पहुंचा जा सकता है। मोदी सरकार के आंकलन के मुताबिक अभी मुंबई में साल भर में 80 क्रूज आते हैं, जिनकी संख्या अगले चार वर्ष में 950 क्रूज हो जाने की संभावना है। भारत में सी प्लेन तैयार करने की कोशिशें हो रही है। मोदी सरकार ने ठाणे-विरार जलमार्ग विकसित करने के लिए 1200 करोड़ रुपए दिए जाने की घोषणा की है. नवी मुंबई में जो नया हवाईअड्डा बन रहा है, उसे  वाटर टैक्सी सेवा से जोड़ने की योजना है।

हर गांव तक बिजली

पीएम मोदी की अगुवाई में देश के हर गांव में बिजली की रोशनी पहुंच गई है। बिजली से वंचित गांवों-टोलों-मोहल्लों और लोगों तक बल्ब की रोशनी पहुंचाने की योजना ‘सौभाग्य योजना’ के तहत 1 करोड़ 91 लाख 49 हजार 104 यानी करीब दो करोड़ घर बिजली पहुंच चुकी है। इस योजना के तहत सिर्फ 500 रुपये के न्यूनतम भुगतान पर अन्य घरों को भी विद्युत कनेक्शन मुहैया कराया जा रहा है। ये राशि भी बिजली बिलों के साथ 10 किस्तों में डिस्कॉम/विद्युत विभागों में जमा कराई जा सकती है। कुल तीन करोड़ घरों को इस योजना के तहत कवर किए जाने की आशा है जिनमें से 2.50 करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्रों में और 50 लाख घर शहरी क्षेत्रों में है। 28 अप्रैल की शाम देश के आखिरी गांव में बिजली पहुंच गई। इस योजना की तारीफ वर्ल्ड बैंक ने भी की है।  

विदेश में बढ़ाया मान-सम्मान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद बीते साढ़े चार वर्षों में विदेशों में भारत की धमक बढ़ गई है। आज अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन जैसे चोटी के देश भारत की बात को गंभीरता से लेते हैं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, आसियान जैसे तमाम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की भागीदारी भी बढ़ी है। जी 20 सम्मेलन 2022 में कराने पर इटली भी सहमत हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’ समेत दुनिया के कई देशों के महत्वपूर्ण अवॉर्ड प्रदान किये गये हैं।

मुद्रा योजना

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत एक गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि लघु-लघु उद्यमों को 10 लाख तक रुपये तक का लोन दिया जाता है। इन्हें वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिया जाता हैं। नवंबर 2018 तक कुल 14,65,07,069  करोड़ रुपए का कर्ज दिया जा चुका हैं। ये योजना 8 अप्रैल 2015 को लॉन्च की गई थी।

स्वच्छ भारत अभियान

पीएम मोदी ने देश में लोगों में स्वच्छता अभियान को लेकर जो जागरूकता फैलाई, उससे देश में खुले में शौच के श्राप से मुक्ति मिल गई है। आज देश में तकरीबन हर नागरिक के पास शौचालय की सुविधा है। स्वच्छता अभियान की एक और कामयाबी लोगों में सफाई की आदत जिंदगी का हिस्सा बनाना भी है। मोदी सरकार स्वच्छता के मानदंड पर शहरों की रैंकिंग तय करती है। इससे स्थानीय निकाय भी स्वच्छता अभियान के लिए काम कर रहे हैं।

कौशल विकास

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को उनकी स्किल के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें ट्रेनिंग की फीस सरकार खुद भुगतान करती है। इसमें औपचारिक शिक्षा या डिग्री की जरूरत नहीं रहती।सरकार ने 2020 तक एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है।

तीन तलाक और हज सब्सिडी

तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं की मांग पूरी करते हुए मोदी सरकार ने इस कुप्रथा को खत्म कर दिया है। सरकार ने लोकसभा में कई संशोधन प्रस्ताव खारिज होने के बाद ‘मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल’ पास कराया। साथ ही सरकार ने हज पर दी जाने वाली वाली सब्सिडी इसी साल से खत्म कर दी है। 2018 से हज पर जाने वालों को पूरा खर्च खुद ही वहन करना होगा।

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