Home नरेंद्र मोदी विशेष प्रधानमंत्री मोदी पर ‘फेक न्यूज’ का हमला

प्रधानमंत्री मोदी पर ‘फेक न्यूज’ का हमला

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब से देश में बहुमत की सशक्त सरकार बनायी है, तभी से धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देने वाले- कांग्रेस, वामपंथी, तृणमूल कांग्रेस, बसपा, सपा और कुछ स्वयंसेवी संगठनों ने सोशल मीडिया पर फेक तस्वीरों और खबरों के जरिए नरेन्द्र मोदी की छवि को जनविरोधी बनाने का नया तरीका निकाला है। दिल्ली में गिरजाघरों पर हुए हमले हों, दादरी में अखलाक की मौत हो, ट्रेन में जुनैद की हत्या हो, कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में कलबुर्गी या गौरी लंकेश की हत्या हो, रोहित वेमुल्ला की आत्महत्या हो, जेएनयू में कश्मीर के मुद्दे पर उठा बवाल हो या प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लड़कियों का विरोध प्रदर्शन हो, हर मुद्दे को अतिरंजित करके इन धर्मनिरपेक्ष ताकतों ने सोशल मीडिया पर पेश किया है ताकि प्रधानमंत्री मोदी की जनविरोधी छवि बनाकर विकास के रथ को पटरी से उतार दिया जाए, लेकिन पिछले तीन सालों में इसमें ये सफल नहीं हो सके है, फिर भी ये कोई मौका नहीं छोड़ते ।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का झूठ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 और 23 सितंबर को वाराणसी में विकास योजनाओं का शुभारंभ कर रहे थे, जिसके लिए शहर के लोग सालों से इंतजार कर रहे थे तो दूसरी तरफ इन धर्मनिरपेक्ष ताकतों ने गोलबंद होकर शहर की आबोहवा बिगाड़ने का काम किया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लड़कियों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए हुई पुलिस कार्रवाई को क्रूर और दमनकारी साबित करने के लिए पत्रकारों और राजनेताओं ने एक ऐसी घायल लड़की की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से सैकड़ों किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी में युवकों से मारपीट में घायल एक लड़की की तस्वीर थी।

दैनिक हिन्दुस्तान की पूर्व संपादिका और प्रसार भारती की पूर्व सीईओ मृणाल पांडे ने लिखा-

इसी तस्वीर को प्रशांत भूषण ने भी रीटीव्ट किया-

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथी और आप नेता संजय सिंह ने भी इस तस्वीर की सच्चाई जाने बगैर रीट्वीट कर दिया-

इसके बाद और लोगों ने इस झूठी तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया।

अब देखिए वह तस्वीर जिसके आधार पर झूठी खबर फैलायी गई।

उत्तर प्रदेश के शिक्षा बजट का झूठा प्रचार

जुलाई 2017 में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पहला बजट पेश किया। इस बजट में शिक्षा के लिए आवंटित धन में कमी दिखाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया किया गया, जबकि शिक्षा का बजट वास्तव में बढ़ाया गया था।

राहुल गांधी को तो प्रधानमंत्री के विरोध का कोई मौका चाहिए था, उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया पर हमला बोल दिया

इसके बाद लोगों ने इसे शेयर करना शुरु कर दिया और कांग्रेसी पत्रकारों ने इस पर खबर भी बना डाली।

सच्चाई यह थी कि समाचार एजेंसी पीटीआई ने उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा पेश बजट के कुछ अंशों के आधार पर ही यह रिपोर्ट तैयार की थी। कागजों को ठीक ढंग से पढ़कर बनाई गयी होती तो पता चलता कि योगी सरकार ने शिक्षा के लिए बजट में कमी नहीं बल्कि 34 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। अखिलेश यादव की सरकार ने 2016-17 में जहां 46,442 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए दिये थे वही 2017-18 में योगी आदित्यनाथकी सरकार ने 62, 351 करोड़ रुपये दिए हैं।

नोटबंदी पर भी झूठा प्रचार किया गया
08 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की। इसे जन विरोधी बताने के लिए भी झूठी तस्वीरों का सहारा लिया गया। नोटबंदी के मुखर विरोधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जब दिल्ली की सड़कों पर ममता बनर्जी के साथ कोई समर्थन नहीं मिला तो उन्होंने 20 नवंबर को एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा-

हालांकि केजरीवाल के इस ट्वीट की सच्चाई सामने आ गयी-

अहमदाबाद एयरपोर्ट पर बाढ़ की झूठी तस्वीर
गुजरात के विकास मॉडल पर सबकी नजर है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के मॉडल की प्रयोगशाला है, इसलिए तथाकथित धर्मनिरपेक्ष बुद्धिजीवी हमेशा ऐसे मौके की तलाश में रहते हैं जहां से वह गुजरात के विकास मॉडल में कोई कमी निकाल सकें। ऐसा ही मौका, इस साल जुलाई में हुई भीषण बारिश से गुजरात के कई शहरों में आये बाढ़ के हालातों में उन्हें मिल गया। 27 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक तस्वीर डाली गई, जिसमें अहमदाबाद एयरपोर्ट पूरी तरह से पानी में डूबा दिखाई दे रहा है।

इस तस्वीर के सोशल मीडिया पर आते ही इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टूडे और तमाम लोगों ने शेयर करना शुरु कर दिया।

इस तस्वीर की सच्चाई वह नहीं थी, जिसके साथ इसे सभी शेयर कर रहे थे। यह तस्वीर दिसंबर 2015 में चेन्नई के बाढ़ के समय की थी। उस समय चेन्नई के एयरपोर्ट के बाढ़ की तस्वीर 2 दिसम्बर 2015 को एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर डाली थी।

प्रधानमंत्री मोदी देश में सबके साथ, सबका विकास कर रहे हैं, लेकिन धर्मनिरपेक्ष ताकतों को यह रास नहीं आ रहा है कि कोई ऐसा प्रधानमंत्री देश का कैसे विकास कर सकता है, जो उनके खेमे से नहीं है।

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