पश्चिम बंगाल का मालदा नकली नोटों का हब बनता जा रहा है। पाकिस्तान से 2000 रुपए के नकली नोट बांग्लादेश के रास्ते मालदा पहुंच रहे हैं। यहां से नकली नोट देशभर में भेज दिए जाते हैं। नोटबंदी के बाद मालदा से 2000 रुपए के नकली नोटों को भेजने का धंधा जोरों से चल रहा है।
मालदा के साथ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और नदिया जिले भी नकली नोटों के तस्करी का गढ़ बनते जा रहे हैं। बताया जाता है कि बाहर से देश में आने वाले करीब 80 प्रतिशत नकली नोट इन रास्तों से आते हैं। बांग्लादेश से जुड़ा होने के कारण नकली नोटों का यहां लाना आसान है। फिर यहां से देश के अन्य इलाकों में पहुंचा दिया जाता है। पश्चिम बंगाल में सिर्फ फरवरी में चार लाख रुपए से ज्यादा के 2000 रुपए वाले नकली नोट जब्त किए गए हैं। पुलिस नकली नोटों की तस्करी के मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
पहचानना मुश्किल
बताया जा रहा है कि 2000 रुपए के नकली नोटों में दस सिक्योरिटी फीचर हूबहू मिलते हैं। अशोक स्तंभ, वाटरमार्क, आरबीआई गवर्नर के दस्तखत, ट्रांसपरेंट एरिया, चंद्रयान, स्वच्छ भारत लोगो और प्रिंट करने का साल सब असली की तरह है। लोग नकली नोट को सही से पहचान नहीं पाते, इसके कारण तस्कर आसानी से इसे बाजार में खपा देते हैं।
बताया जाता है कि तस्करों को 2000 रुपए वाले एक लाख रुपए के नकली नोट सिर्फ 60-70 हजार रुपए में मिल जाते हैं। 30 से 40 प्रतिशत फायदे की लालच में वे बांग्लादेश से आए इन नकली नोटों को देश के अन्य इलाकों में पहुंचा देते हैं। मालदा के सड़क और रेल संपर्क से अच्छी तरह से जुड़े होने के कारण तस्कर आसानी से अपना धंधा चला लेते हैं।