Home नरेंद्र मोदी विशेष पीएम मोदी करते हैं कुछ ऐसा कि बन जाती है नजीर

पीएम मोदी करते हैं कुछ ऐसा कि बन जाती है नजीर

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एक लीडर को कैसा होना चाहिए? आज के संदर्भ में सवाल जरा बड़ा लगता है। लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व सामने होता है तो एक लीडर की खोज वहीं समाप्त हो जाती है। निडर, साहसी, आत्मविश्वास से लबरेज, हर पल उत्साहित करने वाला, रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाला, सकारात्मक और आशावादी सोच के साथ प्रेरित करने वाला व्यक्तित्व… ये कुछ खास गुण हैं जो पीएम मोदी को रीयल लीडर बनाते हैं। उनकी अथक मेहनत और उनके करिश्माई व्यक्तित्व से इतर वो हर दिन कुछ न कुछ ऐसा करते हैं जो देश-समाज के लिए एक नजीर बन जाती है।

बुके की जगह बुक देकर करें स्वागत
अब से पीएम नरेंद्र मोदी देश में किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचेंगे, तो उनका स्वागत फूलों के गुलदस्ते से नहीं बल्कि, किसी किताब या फिर एक फूल और खादी रुमाल देकर किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने सोमवार को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एजवाइजरी जारी कर इस बात की जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि पीएम के किसी कार्यक्रम में शामिल होने पर उन्हें गुलदस्ता देने की जगह एक किताब या फिर फूल के साथ एक खादी का रुमाल भेंट के रूप में दिया जाए। पीएम मोदी गुजरात के सीएम थे तब उन्होंने वहां इस तरह की परंपरा की शुरूआत की थी। दरअसल फूलों की बर्बादी और महंगे बुके सार्वजनिक धन का दुरुपयोग ही है। ऐसे में पीएम मोदी की ये पहल एक बड़े बदलाव की नींव रखेगा।

मतदान के लिए समय से पहले पहुंचे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से देश की सत्ता की कमान संभाली है तबसे वे देश की शासन व्यवस्था के साथ सामाजिक जड़ता को समाप्त करने के लिए प्रयासरत हैं। वे हर पल सकारात्मक सोच को अपनाने के लिए भी कुछ न कुछ पहल करते आ रहे हैं। सोमवार (17 जुलाई) को ऐसा ही दृश्य सामने उपस्थित हुआ जब राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग शुरू ही होने वाली थी और प्रधानमंत्री समय से थोड़ी देर पहले ही वोटिंग के लिए पहुंच गए। पीएम के पहुंचते ही अफसर हैरान रह गए तब उन्होंने खुद माहौल हल्का किया और कहा, ”मैं स्कूल भी जल्दी पहुंच जाता था।” हालांकि पीएम ने दस बजने का इंतजार किया और फिर वोटिंग की। हालांकि घटना छोटी है लेकिन संदेश बड़ा है।

जब देश के प्रधान ने हाथ में थामा झाड़ू
2 अक्टूबर, 2014… जब देश के प्रधानमंत्री हाथ में झाड़ू लेकर निकल पड़े और स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। ऐसा विरले ही होता है जब कोई देश का बड़ा लीडर इस तरह की पहल करता हो। लेकिन पीएम मोदी ने सफाई के प्रति देश में लोगों में जागरूकता और सकारात्मक सोच लाने का प्रयास किया, और इसका असर न केवल शहरों-कस्बों की आबादी पर हुआ, बल्कि ग्रामीण जीवन पर भी इस स्वच्छता अभियान का असर पड़ा। आलम यह है कि देश के बड़े सितारों से लेकर नामी खिलाड़ी और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग भी स्वच्छता अभियान का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि देश में स्वच्छता का प्रतिशत तीन साल में ही 42 से बढ़कर 64 प्रतिशत हो गया है।

किताब विमोचन के बाद रैपर जेब में रखा
11 अप्रैल, 2017 को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की किताब मातोश्री का विमोचन था, तभी पीएम मोदी ने कुछ ऐसा किया कि लोग देर तक तालियां बजाते रह गए। संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग के आडिटोरियम में किताब विमोचन के बाद भी पैकिंग पेपर हाथ में ही पकड़े रहे। कुछ ही देर में उन्होंने पैकिंग पेपर को दोनों हाथों से मोड़ा और फिर तुरंत ही अपनी हाफ जैकेट की बाईं जेब में उसे रख लिया। महज 10 सेकंड में ये सब हुआ, लेकिन जैसे ही पीएम ने उस वेस्ट पैकिंग पेपर को खुद अपनी जेब में रखा दर्शक दीर्घा में मौजूद लोग अपनी सीट से खड़े हो गए और करीब बीस सेकंड तक जोरदार तरीके से तालियां बजाईं। दरअसल पीएम मोदी ने यह आदतन किया। लेकिन पीएम मोदी का आदतन किया गया यह आचरण एक नजीर बन गया।


संसद को लोकतंत्र का मंदिर बता टेका माथा
20 मई, 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन में गए, तो उन्होंने जो किया उसे देखकर पूरा विश्व अभिभूत हो गया। मोदी ने संसद भवन की चौखट पर अपना मत्था श्रद्धा और सम्मान में टेका। वहां मौजूद नेता, मीडिया और तमाम लोगों के दिलों में जैसे सनसनी सी दौड़ गई क्योंकि उस दिन से पहले तक किसी ने ऎसा दृश्य नहीं देखा था।

पीएम मोदी ने संसद की चौखट पर मत्था टेककर देश को संदेश दिया कि संसद भी एक मां के समान है जिसके मंदिर में जाने से पहले नमन करना चाहिए। उन्होंने बाद में लोकतंत्र की महिमा का बखान करते हुए कहा कि इसी व्यवस्था में गरीब परिवार से आया व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर पहुंच सकता है। पीएम मोदी ने ऐसा कर लोकतांत्रिक मर्यादाओं का मान और बढ़ा दिया।

 नैंसी के लिए रुके पीएम मोदी
17 अप्रैल, 2017 को सूरत के रोड शो के दौरान ऐसा नजारा दिखा जिससे ये साबित होता है कि पीएम मोदी देश के हर नागरिक को कितना इंपोर्टेंट मानते हैं। दरअसल पीएम मोद का काफिला आगे बढ़ रहा था, इसी बीच एक बच्ची बीच सड़क पर आ गई। पीएम मोदी के सुरक्षा बलों ने उसे हटाना चाहा लेकिन पीएम मोदी काफिले को रुकवाकर खासतौर पर उस नन्हीं बच्ची नैंसी से मिले। बच्ची से प्रधानमंत्री ने बातचीत भी की और पूछा कि कौन सी घड़ी पहने हो? जाहिर तौर पर घटना छोटी भले लग रही हो, लेकिन मैसेज एवरी पर्सन इज इंपोर्टेंट है।

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