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सातवां दिन – 18वीं लोकसभा के सत्र यूं हो रहे बर्बाद, एक-एक दिन का हिसाब देखिए

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देश में नई सरकार के गठन के बाद संसद का विशेष सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक हो रहा है। सत्र में पहले लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण हुआ। इसके बाद संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का अभिभाषण हुआ और उसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। 2 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लोकसभा में प्रधानमंत्री ने जैसे ही बोलना शुरू किया, वैसे ही विपक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सांसद तेज आवाज में नारे लगाने लगे। हंगामे के बीच पीएम मोदी पहले तो भाषण देते रहे, लेकिन जब हंगामा ज्यादा बढ़ गया तो एक बार वे भाषण रोककर अपनी सीट पर बैठ गए। इस दौरान राहुल गांधी खुद भी हूटिंग करते देखे गए और वे विपक्षी सांसदों को वेल में जाने का इशारा कर रहे थे। स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को फटकार लगाई, इसके बाद पीएम मोदी का संबोधन फिर से शुरू हुआ। अब ऐसे में अगर स्पीकर राहुल गांधी और अन्य सदस्य को सस्पेंड कर दें तो लोकतंत्र का रोना शुरू हो जाएगा।

आइए देखते हैं कब-कब विपक्षी दलों ने 18वीं लोकसभा में विवाद पैदा किया और हंगामा करके सदन की कार्यवाही को बाधित किया-

सातवां दिन
02/07/2024
विवाद- पीएम मोदी के संबोधन के दौरान हंगामा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 जुलाई को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लिया। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री ने जैसे ही बोलना शुरू किया वैसे ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। पीएम के संबोधन की शुरुआत होते ही विपक्ष के कई सांसद अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। हंगामा इतना बढ़ा कि भाषण देते-देते पीएम मोदी सीट पर बैठ गए। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को फटकार लगाई, तब जाकर पीएम मोदी का संबोधन फिर शुरू हुआ। दरअसल, राहुल गांधी विपक्ष के सांसदों को वेल में जाने के लिए इशारा कर रहे थे। इस पर स्पीकर ने कहा कि “नेता प्रतिपक्ष का ये रवैया आपका सही नहीं है। संसदीय इतिहास में नेता प्रतिपक्ष का ऐसा आचरण बिल्कुल गलत है।” पीएम मोदी जब संबोधन दे रहे थे उस दौरान राहुल गांधी के कहने पर पूरे विपक्ष ने हूटिंग करना शुरू कर दिया। राहुल गांधी खुद भी हूटिंग करते देखे गए। अब ऐसे में अगर स्पीकर राहुल गांधी और अन्य सदस्य को सस्पेंड कर दें तो लोकतंत्र का रोना शुरू हो जाएगा।

छठा दिन
01/07/2024
विवाद- नीट पर हंगामा, वॉकआउट
18वीं लोकसभा के विशेष सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। लेकिन विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बेवजह का NEET मुद्दा उठा दिया और विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि, स्पीकर ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा शुरू करवा दी। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित विपक्षी सांसदों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रही कार्रवाई को लेकर ED और CBI के खिलाफ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। सत्ता पक्ष से राजनाथ सिंह ने कहा, “संसद की कार्यवाही कुछ नियमों और परंपराओं के आधार पर चलती है। मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि आप जिस भी विषय पर चर्चा करना चाहते हैं उस पर चर्चा करें लेकिन एक बार राष्ट्रपति से संबंधित जो धन्यवाद प्रस्ताव है उसको पारित करने के बाद ही करें।” लेकिन विपक्ष ने एक नहीं सुनी क्योंकि हंगामा खड़ा करना ही उनका मकसद है।

पांचवां दिन
28/06/2024
विवाद- नीट पेपरलीक पर हंगामा
18वीं लोकसभा सत्र के पांचवें दिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी पेपर लीक मामले पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने NEET का मुद्दा उठाया और विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर इस मामले पर चर्चा की मांग की। विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले पेपरलीक मसले पर चर्चा करने की मांग को लेकर हंगामा किया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पहले की जाए, लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

चौथा दिन
27/06/2024
पहला विवाद- राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार
18वीं लोकसभा के विशेष सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। राष्ट्रपति का अभिभाषण सुनने के बजाय सदन के बाहर आम आदमी पार्टी के सांसदों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी ने एक भ्रष्ट नेता को बचाने के लिए हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को रिहा करो जैसे नारे लगाए।

चौथा दिन
27/06/2024
दूसरा विवाद- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हंगामा
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में लगातार चौथे दिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा। चौथे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के दौरान जब नई शिक्षा नीति एवं पेपर लीक, संविधान, इमरजेंसी और नार्थ ईस्ट का जिक्र आया तो विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के समय विपक्षी सांसदों ने ‘नीट-नीट’ के नारे लगाए। इस दौरान राष्ट्रपति को विपक्षी सांसदों को सुनिए-सुनिए तक कहना पड़ा।

चौथा दिन
27/06/2024
तीसरा विवाद- सेंगोल पर बवाल 
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में चौथे दिन विपक्ष ने एक बेवजह का मुद्दा उठाकर विवाद पैदा करने की कोशिश की। उन्होंने सेंगोल को संसद से हटाने की मांग कर दी। सपा सांसद आरके चौधरी ने स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज, मैंने इस सम्मानित सदन में आपके समक्ष सदस्य के रूप में शपथ ली है कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा लेकिन मैं सदन में पीठ के ठीक दाईं ओर सेंगोल देखकर हैरान रह गया। महोदय, हमारा संविधान भारतीय लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है। हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजे-रजवाड़े का महल नहीं।’ सांसद आरके चौधरी ने आगे कहा, ‘मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन में सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए।’ इसके बाद आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा कि ये लोकतंत्र है राजतंत्र नहीं, सेंगोल हटना चाहिए। देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने इसे अंग्रेज़ों से भारत को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर स्वीकार किया था। बाद में इसे नेहरू ने एक म्यूज़ियम में रखवा दिया था और तब से सेंगोल म्यूज़ियम में ही रखा है। लेकिन पीएम मोदी ने इसे नई संसद बनने के बाद इसे सदन में स्थापित किया। जिसे अब विपक्ष हटाने की मांग कर रहा है। इससे पता चलता है कि विपक्ष के मन में भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रति कोई सम्मान नहीं है। ये तमिल संस्कृति के प्रति इंडी अलायंस की नफरत को भी दर्शाता है।


तीसरा दिन
26/06/2024
विवाद- आपातकाल की निंदा पर हंगामा
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के तीसरे दिन (26 जून 2024) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कुर्सी संभालते ही प्रधानमंत्री मोदी और सदन के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया। साथ ही आपातकाल की निंदा की। इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 1975 के आपातकाल पर एक बयान पढ़ा और इसे भारत के इतिहास का एक काला अध्याय बताया। ओम बिरला ने कहा, ‘ये सदन 1975 में देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।’ इस पर विपक्ष की आपत्ति जताते हुए सदन में हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दूसरा दिन
25/06/2024
विवाद- स्पीकर पद पर तकरार
आमतौर पर लोकसभा अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुने जाने की परंपरा रही है। लेकिन विवाद के लिए विवाद पैदा करने की मंशा लेकर चल रहे इंडी अलायंस ने इस पर सहमति नहीं जताई। ऐसे में 1952 के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि जब स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि इंडी गठबंधन की ओर से भी लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया गया। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की ओर से ओम बिरला का नाम फाइनल हुआ। उधर इंडी अलायंस की ओर से के. सुरेश का नाम सामने आया। के. सुरेश ने स्पीकर पोस्ट के लिए विपक्ष की ओर से नामांकन कर दिया। इसके बाद बुधवार 26 जून 2024 को ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया।

पहला दिन
24/06/2024
विवाद- प्रोटेम स्पीकर पर विवाद
18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार (24 जून) को शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार सुबह भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई। कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों ने प्रोटेम स्पीकर पद के लिए महताब का नाम आने पर आपत्ति जताई और हंगामा किया। प्रोटेम स्पीकर पर विवाद के बीच विपक्ष ने असहयोग करने की रणनीति बनाई। विपक्षी दलों ने सांसदों की शपथ के दौरान प्रोटेम स्पीकर के सहयोग के लिए स्पीकर की कुर्सी पर नहीं बैठने का फैसला किया। विपक्षी गठबंधन ने पीठासीन अधिकारियों के पैनल से अपने सदस्यों को हटाने का फैसला किया। इन सदस्यों को 26 जून को अध्यक्ष (स्पीकर) के चुनाव तक लोकसभा की कार्यवाही के संचालन में महताब की सहायता करने के लिए नियुक्त किया गया था। इससे पहले राष्ट्रपति ने लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने में महताब की सहायता के लिए कोडिकुन्निल सुरेश (कांग्रेस), टी आर बालू (द्रमुक), राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते (दोनों भाजपा) तथा सुदीप बंदोपाध्याय (तृणमूल कांग्रेस) को नियुक्त किया था।

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