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अच्छे दिन- इंडिया इंक की ग्रोथ रहेगी 9% के साथ 5 वर्ष के उच्चतम स्तर पर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि अक्टूबर-दिसंबर 2017 अवधि के दौरान भारतीय उद्योग जगत के राजस्व में पिछले 5 वर्षों में सबसे ज्यादा 9 प्रतिशत की वृद्धि होगी। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक स्टील, एल्यूमीनियम, सीमेंट और कच्चे तेल से जुड़े क्षेत्रों में हुए ज्यादा मुनाफे के बल पर तीसरी तिमाही में ग्रोथ देखने को मिलेगी।

क्रिसिल से पहले भी कई वैश्विक एजेंसियां मजबूत हो रही भारतीय अर्थव्यस्था के बारे में अपना अनुमान जता चुकी हैं- 

भारत में विकास की है अपार क्षमता- विश्व बैंक
विश्व बैंक ने कहा है कि सरकार में हो रहे व्यापक सुधार उपायों के कारण भारत में दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में विकास की कहीं अधिक क्षमता है। विश्व बैंक ने इसके साथ ही वर्ष 2018 के लिए भारत की विकास दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। विश्व बैंक के डेवेलपमेंट प्रॉस्पेक्ट समूह के निदेशक आइहन कोसे के अनुसार, ‘आने वाले दस वर्षों में भारत दुनिया की दूसरी किसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उच्च विकास दर प्राप्त करने जा रहा है। हमारा छोटी अवधि के आंकड़ों पर फोकस नहीं है। भारत की जो विशाल तस्वीर बनती दिख रही है उसके मुताबिक इसमें कहीं ज्यादा क्षमता है।’ उन्होंने भारत और चीन की तुलना करते हुए कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती दिख रही है, जबकि भारत विकास के रास्ते पर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।

अगले 5 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा भारतः फिच
भारत विकास के मामले में अगले 5 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा। अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने एक रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया है। फिच के अनुसार 6.7% विकास दर से भारत अगले 5 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा। इसके साथ ही भारत सबसे तेजी से विकास करने वाला देश भी बन जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक भारत फिच रेटिंग ग्लोबल इकॉनोमिक आउटलुक में शामिल 10 सबसे बड़े उभरते बाजारों की सूची में शीर्ष पर है। फिच ने बताया कि अगले 5 सालों में चीन की जीडीपी जहां 5.5 प्रतिशत रहेगी वहीं भारत की जीडीपी विकास दर 6.7 रहेगी। फिच ने बताया कि पूरी दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या भारत में है। युवा आबादी के ही चलते भारत अगले 5 सालों में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी।

ब्रिटेन-फ्रांस को पछाड़ दुनिया की टॉप 5 अर्थव्यवस्था में होगा भारत
सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) की रिपोर्ट के अनुसार भारत 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस को पछाड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तैयारी कर रहा है। सीईबीआर के डिप्टी चेयरमैन डोगलस मैकविलियम ने कहा कि वर्तमान में अस्थायी असफलताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था फ्रांस और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के बराबर टक्कर दे रही है। अगर भारत की अर्थव्यवस्था इसी क्रम में बढ़ती रही तो भारत अगले साल 2018 में फ्रांस और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ देगा। इतना हीं नहीं अगले साल भारत दोनों देशों को पछाड़कर दुनिया की शीर्ष पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

नोमुरा का अनुमान
न्यूज पोर्टल जागरण की खबर के अनुसार, जापानी वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा का अनुमान है कि अगले साल जनवरी से मार्च तक भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज सुधार देखने को मिल सकता है। इसके अनुसार अगले साल भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5% की दर से आगे बढ़ सकती है। नोमुरा की कंपोजिट लीडिंग इंडेक्स के अनुसार नए नोटों के चलन और वैश्विक मांग में सुधार से अक्टूबर-दिसंबर में विकास दर में तेजी आने की संभावना है।

इमर्जिंग देशों से तेज रहेगी भारत की ग्रोथ: नोमुरा
हाल ही में नोमुरा ने भारत की ग्रोथ के बारे में पॉजिटिव रिपोर्ट दी थी। नोमुरा में इमर्जिंग मार्केट्स इकनॉमिक्स के हेड रॉबर्ट सुब्बारमण का कहना था कि भारत कई ग्लोबल शॉक से बचा हुआ है और अगले साल उसकी ग्रोथ 7.5 पर्सेंट रह सकती है। इकॉनोमिक टाइम्स के अनुसार उन्होंने कहा कि, ‘हम भारत पर बुलिश हैं। यहां साइक्लिकल रिकवरी शुरू हो चुकी है। नोटबंदी के शॉक, जीएसटी और बैंक फंडिंग जैसी इवेंट्स गुजर चुकी हैं। अब हमें यहां ग्रोथ तेज होने की उम्मीद है। अगले साल की पहली छमाही में हमें भारत की ग्रोथ 7.8 पर्सेंट रहने की उम्मीद है। साल 2018 में हम 7.5 पर्सेंट ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं। भारतीयों को अहसास होगा कि यह टिकाऊ ग्रोथ है। उसकी ग्रोथ दूसरे इमर्जिंग देशों से अधिक रह सकती है। अगले साल हम चीन की ग्रोथ 6.4 पर्सेंट और भारत की 7.5 पर्सेंट रहने की उम्मीद कर रहे हैं।’

एसोचैम का अनुमान
वहीं एसोचैम ने कहा है कि 7% विकास दर का उसका अनुमान प्रधानमंत्री मोदी सरकार की नीतियों में स्थिरता, अच्छे मॉनसून, औद्योगिक गतिविधियों एवं ऋण वृद्धि में तेजी और स्थिर विदेशी मुद्रा दर के अनुमानों पर आधारित है। 2018 के लिए जारी एसोचैम के आउटलुक में कहा गया है कि, ‘2017-18 की दूसरी तिमाही में 6.3 फीसद पर पहुंची भारत की जीडीपी विकास दर की तुलना में सितंबर 2018 की तिमाही तक आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।’

भारत 8 फीसदी दर से करेगा विकास : गोल्डमैन सैक्स
प्रसिद्ध निवेश संस्था गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में भारत 8 फीसदी की दर से विकास करेगा। इसके पीछे का मुख्य कारण होगा, बैंकों का पुनर्पूंजीकरण। गोल्डमैन का मानना है कि बैंकों के पूंजीकरण से देश के क्रेडिट डिमांड और निजी निवेश को मजबूती मिलेगी। गोल्डमैन के मुताबिक, ‘हम भारत की जीडीपी विकास को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 8 फीसदी पर निर्धारित कर रहे हैं। 2017-18 में हालांकि जीडीपी विकास 6.4 फीसदी पर रहा, जिसका मुख्य कारण नोटबंदी और जीएसटी का शुरुआती प्रभाव रहा, लेकिन बैंकों का पुनर्पूंजीकरण जीडीपी के विकास में मददगार साबित होगा।’

सबसे तेज अर्थव्यवस्था वाला देश होगा भारत: मॉर्गन स्टेनली
भारत अगले 10 वर्षों में दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो जाएगा। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि डिजिटलीकरण, वैश्वीकरण और सुधारों के चलते आने वाले दशक में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि डिजिटलीकरण से जीडीपी वृद्धि को 0.5 से 0.75 प्रतिशत की बढ़त मिलेगी और अनुमान है कि 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6,000 अरब डॉलर की हो जाएगी। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार आने वाले दशक में भारत की सालाना जीडीपी वृद्धि दर 7.1 से 11.2 के बीच रहेगी।

7.5 की विकास दर हासिल करेगा भारत: मूडीज
अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग संस्था मूडीज के इंवेस्टर सर्विस सर्वे में पता चला है कि भारत की विकास दर अगले 12 से 18 महीने के दौरान 6.5 से 7.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी। सर्वेक्षण में 200 से ज्यादा मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि संभावना को लेकर विश्वास व्यक्त किया। सर्वे में शामिल सभी लोगों का मानना था कि जीएसटी के लागू होने से 12 से 18 माह में आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी।

मूडीज को विश्वास है कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अगले 3-4 साल में बढ़कर 8 प्रतिशत के आसपास पहुंच जाएगी। मूडीज के सहायक प्रबंध निदेशक मैरी डिरोन का कहना है कि भारत में चल रहे आर्थिक और संस्थागत सुधारों और आने वाले समय में होने वाले बदलावों को देखते हुए नोटबंदी से पैदा हुई अल्पकालिक अड़चन के बावजूद अगले कुछ महीनों के दौरान भारत उसके जैसे दूसरे देशों के मुकाबले अधिक तेजी से वृद्धि करेगा।

7.8% विकास दर का अनुमान- IMF
इसके पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भारत की विकास दर में 2017-2018 तक तेजी आने की उम्मीद जता चुकी है। आईएमएफ ने 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.8 फीसदी की दर से विकास करने का अनुमान व्यक्त किया है, जो मौजूदा आर्थिक गतिविधियों की तुलना में कहीं अधिक है। आईएमएफ ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि भारत की विकास दर में 2017 और 2018 तक तेजी आने की उम्मीद है, जो अप्रैल, 2017 में जताए गए अनुमान के अनुकूल है।

7.7% की वार्षिक वृद्धि- हार्वर्ड
भारत की अर्थव्यवस्था की गति और इसकी मजबूती पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में माना गया है कि भारत चीन से आगे बढ़कर वैश्विक विकास के आर्थिक स्तंभ के रूप में उभरा है और आने वाले दशक में वो नेतृत्व जारी रखेगा। सेंटर फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (CID) ने 2025 तक सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा है। CID के अनुमान के अनुसार भारत 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सबसे ऊपर है। भारत में अर्थव्यवस्था के ग्रोथ की गति औसत 7.7 प्रतिशत की वार्षिक रहेगी। CID के रिसर्च से ये निकलकर आया है कि वैश्विक आर्थिक विकास की धुरी अब भारत है। चीन की तुलना में दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है, जो आने वाले एक दशक से अधिक समय तक कायम रह सकता है।

आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत हो जाएगी: स्टैंडर्ड चार्टर्ड
स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने आर्थिक परिदृश्य-2018 के बारे में एक शोध पत्र में कहा है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का बुरा समय बीत चुका है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत तथा अगले वित्त वर्ष के लिए 7.2 प्रतिशत का पूर्वानुमान भी व्यक्त किया है। उसने कहा, ‘प्रमुख नीतिगत बदलावों का असर समाप्त हो जाने के बाद हमें अगली चार से छह तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि में क्रमिक सुधार की उम्मीद है।’ अगली कुछ तिमाहियों में वृद्धि दर सात प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।

संयुक्त राष्ट्र ने बताया अर्थव्यवस्था के विकास को सकारात्मक
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को सकारात्मक बताया है। यूएन ने साल 2018 में भारत की विकास दर 7.2 और 2019 में 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। दुनिया की अर्थव्यवस्था पर जारी रिपोर्ट में यूएन ने कहा गया है कि भारी निजी उपभोग, सार्वजनिक निवेश और संरचनात्मक सुधारों के कारण साल 2018 में भारत की विकास दर वर्तमान के 6.7 प्रतिशत से बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो जाएगी और ये विकास दर साल 2019 में 7.4 प्रतिशत तक पहुंचेगी।‘वर्ल्ड इकोनोमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट 2018’ रिपोर्ट में यूएन ने कहा है कि कुल मिला कर दक्षिण एशिया के लिए आर्थिक परिदृश्य बहुत अनुकूल नजर आ रहा है।

अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ रहा भारत- अलीसा एयर्स
एक अमेरिकी टॉप थिंक-टैंक काउंसिल में भारत, पाकिस्तान और साउथ एशिया मामलों की वरिष्ठ सदस्य अलीसा एयर्स ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था उसे व्यापक वैश्विक महत्व और देश की सैन्य क्षमताओं के विस्तार तथा आधुनिकीकरण के लिये ऊर्जा दे रही है। अलीसा के अनुसार, ‘भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को बेहतर वैश्विक उछाल दिया है। इसकी मदद से भारत अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार और आधुनिकीकरण कर रहा है।’ फोर्ब्स में छपे आर्टिकल में अलीसा कहती हैं, ‘पिछले वर्षों में भारत दुनिया भर में विदेशी और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीतियों के संदर्भ में एक बड़ा कारक बनकर उभरा है और अब वैश्विक मंच पर अब भारत ज्यादा मुखर दिखाई दे रहा है। दरअसल भारत खुद को एक ‘प्रमुख शक्ति’ के रूप में देख रहा है।’

‘सपनों’ के साथ आगे बढ़ रहा भारत
मध्य पूर्व और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विश्लेषक फ्रिट्ज लॉज ने ‘द सिफर ब्रीफ’ में एक लेख में भी भारत की प्रशंसा की है और पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की है। फ्रिट्ज लॉज ने लिखा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी भारत को आर्थिक, सैन्य, भू-राजनीतिक शक्ति से योग्य बनाने के अपने सपने के साथ आगे बढ़ रहे हैं।’

भारत बना विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह- चीन
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत विदेशी कंपनियों के लिए खूब आकर्षण बन रहा है। अखबार ने एक लेख में कहा है कि कम लागत में उत्पादन धीरे-धीरे चीन से हट रहा है। अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार ने देश के बाजार के एकीकरण के लिए जीएसटी लागू किया है। यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने वाला है। इस नई टैक्स व्यवस्था से मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि इसमें राज्य और केंद्र के विभिन्न करों को मिला दिया गया है। लेख में कहा गया है कि आजादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी से फॉक्सकॉन जैसी बड़ी कंपनी भारत में निवेश करने के अपने वादे के साथ आगे बढ़ेंगी।

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