Home विचार कठुआ रेप-मर्डर मामले में कांग्रेस का वास्तविक चरित्र हुआ उजागर!

कठुआ रेप-मर्डर मामले में कांग्रेस का वास्तविक चरित्र हुआ उजागर!

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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। जनवरी महीने में हुए इस अपराध की जांच की गई और अप्रैल आते-आते अपराधियों के विरूद्ध सबूत इकट्ठा कर लिए गए। ये बात ध्यान देने वाली है कि कार्रवाई प्रदेश की पीडीपी-बीजेपी सरकार ने की है। जाहिर है यह एक घिनौना अपराध था और इसे उसी नजरिये से देखा भी गया। सरकार ने बेहद संवेदनशीलता के साथ मामले में कार्रवाई की और दोषियों को सजा दिलाने के लिए आवश्यक कदम भी उठाए हैं। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी वेद प्रकाश ने भी ये स्पष्ट भी किया है पुलिस ने अपराध को अपराध की नजर से देखा है, न कि सांप्रदायिक आधार पर।

हालांकि इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से राजनीति की है वह बेहद घृणित तो है ही, साथ ही कांग्रेस के वास्तविक चरित्र को भी उजागर करता है।

कठुआ में आग लगाओ, दिल्ली में कैंडल जलाओ!
देश के किसी भी कोने में कोई भी वारदात होती है तो राहुल गांधी इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जोड़ देते हैं। उन्होंने जिस तरह से ‘छापामार स्टाइल’ में 12 अप्रैल की आधी रात को इंडिया गेट पर कैंडल मार्च किया वह मामले की गंभीरता को कम करने वाला है। क्योंकि एक अपराध के इस मामले को राजनीति का विषय बना दिया गया। स्पष्ट है कि कांग्रेस ने लाशों पर राजनीति करने की अपनी आदत अभी भी नहीं छोड़ी है।

कठुआ रेप-मर्डर को कांग्रेस ने दिया मुस्लिम-हिंदू एंगल!
राहुल गांधी की हल्की और ओछी राजनीति ने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। अब इसे मुस्लिम-हिंदू एंगल दे दिया गया है। गौरतलब है कि चंद अपराधियों के कारण पूरे हिंदू समुदाय को बलात्कारी, गिद्ध, हवसी, फर्जी हिंदू, फर्जी राष्ट्रवादी… जैसे शब्दों से संबोधित किया जाने लगा है। जाहिर है किसी भी क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है और इस मामले में भी यही हुआ है।

गुलाम नबी आजाद के चुनावी एजेंट ने भड़काई आग
इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस का दोहरा चरित्र इससे भी जाहिर हो रहा है। पार्टी ने ही जम्मू पुलिस की तहकीकात पर सवाल उठाए हैं और सीबीआई जांच की मांग की है। पार्टी के राज्यसभा के सांसद गुलाम नबी आजाद के करीबी और जम्मू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएस सलाथिया ने कहा कि पुलिस ने जान बूझ कर आरोपियों को फंसाया है, क्योंकि वे हिंदू हैं। अब आप समझ सकते हैं कि बीजेपी-पीडीपी की सरकार निष्पक्ष जांच कर आरोपियों को सजा मिले, इसकी चिंता कर रही है और कांग्रेस पार्टी इसे मुस्लिम-हिंदू एंगल देने में लगी है।

महिलाओं के सम्मान को आघात करने वाले हाथ के साथ
कांग्रेस पार्टी का दोहरा चरित्र इससे भी जाहिर होता है कि उसने ऐसी राजनीतिक पार्टियों से समझौता किया है, जिसे वे खुद महिलाओं का विरोधी बताते थे। बीते विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने अखिलेश यादव की सरकार को महिलाओं का दुश्मन कहा था। हालांकि बाद में दोनों दलों ने साथ चुनाव भी लड़ा। यह याद रखना आवश्यक है कि मुलायम सिंह यादव ने बलात्कारियों के बारे में कहा था कि बच्चे हैं, गलती हो जाती है। बिहार में आरजेडी से समझौता है, जिनके अध्यक्ष लालू यादव के साले साधु यादव पर वीमेंस कॉलेज की एक पूर्व छात्रा से बलात्कार और उसकी हत्या का आरोप लगा था।

हिमाचल के गुड़िया रेप-मर्डर को भूल गए राहुल गांधी!
हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह की सरकार के समय में गुड़िया बलात्कार कांड पर पूरा प्रदेश गुस्से में था। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने जरा भी संवेदनशीलता नहीं दिखाई और आरोपियों को बचाने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने तो यह तक कह दिया था कि देश-प्रदेश में ऐसी घटनाएं रोज होती हैं। शीला दीक्षित का वह बयान भला कैसे भूला जा सकता है कि जब उन्होंने कहा था कि महिलाओं को इतना साहसी नहीं होना चाहिए।

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