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हिंसा और खौफ का खेल : कांग्रेस ने कराया लाखों करोड़ का नुकसान

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बंद के कारण जहानाबाद में 2 साल की बच्ची की मौत
एक दिन के भारत बंद से 20 हजार करोड़ का नुकसान
देश भर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सरेआम की गुंडागर्दी

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के 10 सितंबर के भारत बंद के दौरान हिंसा और लूट का खेल चलता रहा। जहानाबाद में एक बच्ची की जान चली गई तो कई जगहों पर ट्रेनों पर पथराव किए गए। लोगों की गाड़ियां तोड़ी गईं, किसानों को मारा गया और स्कूल बसों पर हमला किया गया। सरकारी संपत्ति के साथ निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। FICCI के एक अनुमान के अनुसार एक दिन के भारत बंद से 20 हजार करोड़ का नुकसान होता है। वर्ष 2018 में कांग्रेस और विरोधी दलों ने अब तक पांच बार भारत बंद बुलाया है। एक बंद में 20 हजार करोड़ के नुकसान के हिसाब से अब तक एक लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है। जाहिर है यह किसी राजनीतिक दल का नहीं बल्कि देश का नुकसान हुआ है।
बहरहाल कांग्रेस ने बंद के आह्वान के पीछे उस सच्चाई को छिपाने की कोशिश की है जो आम लोगों को जरूर जानना चाहिए। आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर जो दावे किए जा रहे हैं उसकी सच्चाई ये है कि वर्ष 2003 में दिल्ली में 29 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल था, जो कि मनमोहन सिंह के 10 साल का कार्यकाल समाप्त होने पर 73 रुपये प्रति लीटर हो गया है। यानि 4.50 रुपये प्रति वर्ष की दर से इसमें बढ़ोतरी हुई। लेकिन मोदी सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल में महज 1.70 रुपये प्रतिवर्ष की दर से बढ़ी। 17 सितंबर, 2013 की इस पेट्रोल रसीद पर नजर डालेंगे तो आपको दोनों सरकारों के बीच का अंतर भी साफ दिख जाएगा। 

आपको बता दें कि मनमोहन सरकार के पहले पांच साल में पेट्रोल के मूल्य में 20.5 प्रतिशत और दूसरे कार्यकाल में 75.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वहीं मोदी सरकार के चार वर्षों में महज 13 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई है। 

विपक्ष क्यों नहीं घटाता पेट्रोल-डीजल पर VAT दर?
प्रदेश वैट दर (प्रतिशत में)
आंध्र प्रदेश – 35.77
पंजाब – 35.12
कर्नाटक – 30.28
केरल – 30.37
बंगाल – 25.25

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी कांग्रेस और विपक्षी दलों की सरकारों के दोहरे मापदंड अपनाने पर सवाल उठाए हैं। 

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