जनता के पैसों पर कैसे अय्याशियां की जाती हैं और कैसे उन अय्याशों को सरकारें बचाने के लिए जुगाड़ देती हैं ऐसे कुछ उदाहरण हमारे सामने हैं। अभी जिस नीरव मोदी पर देश का 11 हजार करोड़ लूटने का आरोप है, कांग्रेसी नेताओं से कितनी करीबियां थीं इसकी पोल कांग्रेस के ही पूर्व नेता ने खोल दी है। आइये सबसे पहले पूर्व कांग्रेसी नेता का ये ट्वीट देखते हैं।
जिस समय राहुल गांधी #NiravModi के साथ cocktail पार्टी में शामिल हो रहे थे उसी वक़्त मतलब सितम्बर २०१३ में Dinesh Dubey (Director इलाहबाद बैंक) ने वित्त मंत्रालय को बताया कि गड़बड़ी है और लोन नहीं देना चाहिए – उसको सताया गया और इस्तीफ़ा देने पर मजबूर किया! यह किसके इशारे पे हुआ? https://t.co/mAgQZVzPej
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) 16 February 2018
राहुल की कॉकटेल पार्टी के बाद नीरव को मिल गया लोन
शहजाद पूनावाला का ये ट्वीट साफ करता है कि 13 सितम्बर 2013 को दिल्ली के आलीशान ‘इम्पीरियल होटल’ में नीरव मोदी ने एक ‘अय्याशी’ पार्टी रखी थी, और खास लोगों को निमंत्रित किया था। ये तथ्य भी सामने आ रहे हैं कि सफेद शर्ट और नीली जींस पहनकर तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस पार्टी में शामिल हुए थे। शहजाद पूनावाला के इस ट्वीट से साफ है कि ये एक ‘कॉकटेल’ पार्टी थी। हालांकि इस पूर्व कांग्रेसी नेता ने अपने नेता के लिए शब्दों की गरिमा बनाए रखी है और ‘अय्याश’ शब्द इस्तेमाल करने से परहेज किया है। लेकिन यह सर्वविदित है कि यह एक ‘अय्याशी’ पार्टी थी और राहुल गांधी को नीरव मोदी ने इस पार्टी में आमंत्रित किया था। बहरहाल अब ये दूसरा ट्वीट देखिये जो कि आम आदमी पार्टी के एक पूर्व नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा का है।
In 4 steps #PNBScam simplified
– 13 Sept.2013 – Rahul meets #NiravModi
– 14 Sept.2013 – Allahabad Bank approves ₹1500 Cr loan
– Bank Director Dinesh Dubey objects and terms it illegal & wrong
– Dinesh Dubey gets termination letter signed by then FM @PChidambaram_IN https://t.co/4MaymS7FNB
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) 16 February 2018
अब ट्वीट में दिये गए इस तथ्य को समझिये। सितंबर के पहले हफ्ते में इलाहाबाद बैंक ने नीरव मोदी को लोन देने से मना कर दिया था। 13 सितंबर, 2013 को राहुल गांधी नीरव मोदी के कार्यक्रम में गए और 14 सितंबर को इलाहाबाद बैंक ने 1500 करोड़ के लोन को मंजूर कर लिया। वह भी तब, जबकि बैंक के तत्कालीन निदेशक ने डिसेंट नोट तक लिखा कि गलत हो रहा है, फिर भी लोन मिल गया। क्यों?
Whistle blower Dinesh Dubey, former Director of Allahabad Bank, says he had sounded out UPA on large scale illegitimate loans to Mehul Choksi’s companies but was threatened to keep quite. His letters to RBI and Fin Sec in MoF under Congress went unheard. https://t.co/OIHP6VpKRg pic.twitter.com/PTxFzFAJq5
— Amit Malviya (@malviyamit) 16 February 2018
पी चिदंबरम ने निदेशक पर इस्तीफे के दबाव डाला
इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन निदेशक दिनेश दुबे की एक चिट्ठी से ये भी खुलासा होता है कि उन्होंने जब मेहुल चोकसी को 25 करोड़ की परिसंपत्तियों के बदले 230 करोड़ लोन देने पर आपत्ति जताई और इसका विरोध किया और वित्त मंत्रालय और RBI के अधिकारियों को चिट्ठी भी लिखी, तो उल्टा उनपर इस्तीफे का दबाव बनाया गया और उनपर कानून बघारने का आरोप लगाकर त्यागपत्र लिखवा लिया गया।
बहरहाल हम ये तथ्य भी जान लेते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता था? दरअसल कांग्रेस के नेताओं को ये बिजनेसमैन लूट के एवज में विशेष सुविधाएं भी देते थे। यूपीए सरकार के दौरान यही फॉर्मूला था, कि कांग्रेसी नेताओं की विशेष सेवा करो बिना गारंटी भी लोन पाओ। यही नहीं अगर दिनेश दुबे जैसे जो लोग विरोध करे उन्हें ठिकाने लगाओ!
विजय माल्या भी देते थे राहुल-सोनिया को विशेष सेवाएं
अक्टूबर, 2017 में रिपब्लिक टीवी की एक रिपोर्ट से साफ होता है कि विजय माल्या ने सोनिया गांधी और फारुक अब्दुल्ला जैसे नेताओं को फेवर किया था। रिपब्लिक टीवी ने खुलासा किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ऑफिस से उनके और उनके संबंधियों का टिकट मुफ्त में Upgrade करने के लिए लिखा था। यह भी खुलासा हुआ है कि सोनिया गांधी के पीए ने Upgrade के लिए किंगफिशर एयरलाइंस से संपर्क किया था। SFIO (Serious Fraud Investigation Office) की रिपोर्ट के अनुसार, सोनिया गांधी या उनके संबंधियों ने जब भी किंगफिशर एयरलाइंस की सेवा ली, उन्हें मुफ्त में Upgrade की सुविधा दी गई। कांग्रेस के इतने गहरे कनेक्शन का ही नतीजा है कि विजय माल्या को 9000 करोड़ का लोन मिला और कांग्रेस ने ही माल्या को राज्यसभा में भी भेजा था।
विजय माल्या को लोन दिलाने में चिदंबरम का हाथ
ये तथ्य भी सामने आए हैं कि यूपीए शासन के दौरान ही जब विजय माल्या को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने लोन देने से मना कर दिया तो उन्होंने तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदम्बरम को पत्र लिखा- ‘प्लीज लोन दिलवा दो’, इसके बाद लोन मिल जाता है! फिर विजय माल्या मेल करता है ‘थैंक यू’ ! हालांकि जब वे फरार हुए तो राहुल गांधी ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की तो विजय माल्या ने जब कांग्रेस की अय्याशियों की तस्वीरें सार्वजनिक करने की धमकी दी, जिसके बाद कांग्रेसियों के मुंह बंद हो गए। आइये माल्या के ट्वीट देखते हैं। हालांकि बाद में ये दावा किया गया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था।
इसके साथ ये तथ्य सबके सामने हैं… क्या ये सही नहीं है कि मोदी सरकार के आने के बाद बिना लोन चुकाए वह विदेश भाग गया? मोदी सरकार उसपर FIR दर्ज करती है, उसकी हजारों करोड़ की संपत्ति अटैच करती है, लुक आउट नोटिस जारी करती है, पासपोर्ट रद्द करती है और उसे वापस देश के कानून के दायरे में लाने के लिए प्रयासरत है!
ललित मोदी से कांग्रेस से गहरे रिश्ते
ललित मोदी आईपीएल घोटाला करता है फिर विदेश भाग जाता है। मोदी सरकार आते ही सख्ती करती है और एफआईआर दर्ज करती है। उसकी संपत्ति अटैच करती है, लुक आउट नोटिस जारी होता है और सरकार उसे भगोड़ा घोषित करती है। इसके बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर आरोप लगाती है कि उसके भागने में मोदी सरकार का हाथ है। वह ललित मोदी पर पर्सनल अटैक करती है… फिर ललित मोदी लंदन से ही कांग्रेस का कच्चा चिट्ठा खोल देते हैं। देखिये ये तस्वीर-
ये भगोड़े ललित मोदी राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा और ललित मोदी की वो तस्वीर है जो लंदन में खिंचवाई गई थी। इसमें शाहरूख खान भी साथ दिख रहे हैं। इस तस्वीर के बाद कांग्रेस चुप हो जाती है।
जाहिर है कांग्रेस की कथनी और करनी में साफ फर्क है। वह भारत में इन भगोड़ों के मुद्दे पर सरकार पर वार करती है और विदेशों में जाकर उनके साथ ही फोटो खिंचवाने में गर्व महसूस करते हैं।