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महिला सशक्तीकरण की विरोधी है कांग्रेस, तीन तलाक और खतना मामले में दिखाया दोहरा चरित्र

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”होते रहना चाहिए महिलाओं का खतना।’’ 10 जुलाई, 2018 को कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में यही दलील दी। उन्होंने कहा कि ‘खतना’ शरिया का हिस्सा है, और इसे रोका जाना मजहब में दखल होगा। दरअसल कांग्रेस इसे धर्म से जोड़कर चंद वोटों के लिए करोड़ों महिलाओं के आत्मसम्मान से खिलवाड़ कर रही है। यह केवल विडंबना नहीं है कि सिंघवी ने इस बर्बर कुप्रथा का बचाव किया है। बल्कि कांग्रेस ने फिर साबित किया है कि वह मुसलमानों का वोट पाने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती है। उसे इस बात की कतई चिंता नहीं कि मुस्लिम महिलाएं किस दंश से गुजरती हैं। हालांकि मोदी सरकार ने 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में साफ कर दिया कि ‘खतना’ प्रथा पर बैन लगाने वाली याचिका का वह समर्थन करती है।

गौरतलब है कि एक तरफ मोदी सरकार जहां मुस्लिम महिलाओं को कुरीतियों और कुप्रथाओं से मुक्ति दिलाना चाहती है, वहीं कांग्रेस इसमें बार-बार बाधाएं खड़ी कर रही है। राज्यसभा में कांग्रेस ने ट्रिपल तलाक बिल को पास होने से रोक दिया। वहीं बहुविवाह, मुताह निकाह और हलाला जैसी कुप्रथा को खत्म करने के मोदी सरकार के प्रयासों का भी कांग्रेस विरोध करती रही है।

महिलाओं को लेकर कांग्रेस का दोहरा चरित्र बार-बार जाहिर होता रहा है। इन 10 बयानों के जरिए कांग्रेस के कैरेक्टर को परखिये-

10 अक्टूबर, 2017 : राहुल गांधी ने वडोदरा में कहा कि संघ की शाखाओं में महिलाएं छोटे कपड़ों में क्यों नहीं दिखतीं हैं?

19 नवंबर, 2017 : शशि थरूर ने मिस वर्ल्ड मानुसी छिल्लर का मजाक उड़ाते हुए कहा,  हमारी ‘चिल्लर’ भी मिस वर्ल्ड बन गईं।

21 दिसंबर, 2017 : दामोदर राउत ने सुलोचना दास से कहा कि मुझे पता है किसे खुश करके आप कांग्रेस की प्रवक्ता बनी हैं।

28 मार्च, 2017 :  केरल कांग्रेस के नेता एमएम हसन ने कहा कि मासिक धर्म अपवित्र होता है और उन्हें इबादत नहीं करनी चाहिए।

04 नवंबर, 2016 : यूपी कांग्रेस के नेता राजाराम ने कहा कि पार्टी में दलित महिलाओं को हमारे बेडरूम तक आने की इजाजत है।

09 अगस्त, 2016 : कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि ‘रेप इज कॉमन’, रेप तो देश में चलते रहते हैं।

27 जुलाई, 2013 :  दिग्विजय सिंह ने इंदौर में अपनी पार्टी की सांसद मीनाक्षी नटराजन को ‘टंच माल’ कहकर संबोधित किया।

27 दिसंबर, 2012 : कांग्रेस नेता बोत्सा सत्यनारायण ने कहा कि रेप से बचने के लिए औरतों को घर के अंदर ही रहना चाहिए।

21 दिसंबर, 2012 :  कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भाजपा की नेता स्मृति ईरानी को ठुमके लगाने वाली कहकर संबोधित किया।

02 अक्टूबर, 2012 : श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि जैसे जैसे समय बीतता है पत्‍नी पुरानी होती जाती है, वो मजा नहीं रहता है।

महिला आरक्षण पर कांग्रेस की भरमाती राजनीति
महिला आरक्षण के मुद्दे पर भी कांग्रेस ने अब तक जो कुछ किया है वह उसके वास्तविक चरित्र को दिखाता है।  गत 16 जुलाई को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को महिला आरक्षण को फिर से संसद में पेश करने लेकर एक चिट्ठी लिखी। हालांकि सच्चाई ये है कि 1996 में इस विधेयक को जब पहली बार लोकसभा में पेश किया गया था तब भी कांग्रेस ने इच्छाशक्ति नहीं दिखाई थी, जबकि तब कांग्रेस के समर्थन वाली एच डी देवगौड़ा प्रधानमंत्री थे। 2010 में इस बिल को राज्यसभा में पास करा लिया गया था। इस बिल को भाजपा ने पूरा समर्थन दिया था, लेकिन कांग्रेस ने जान बूझकर लोकसभा से इसे पास करवाने में रुचि नहीं दिखाई।

2004 से 2014 के मध्य तक कांग्रेस केंद्र की सत्ता में रही, लेकिन तब भी इसे पास करने की कोशिश नहीं की गई। अब जब राहुल गांधी महिला आरक्षण का विरोधी दलों सपा, बसपा, आरजेडी जैसे दलों और महिलाओं को परकटी कहने वाले शरद यादव जैसे नेताओं के साथ 2019 में सत्ता में वापसी की संभावना तलाश रहे हैं तब राहुल की ये चिट्ठी उनकी मंशा पर ही सवाल खड़े करती है। अगर राहुल गांधी वाकई में गंभीर हैं तो वे उन दलों का समर्थन पत्र दिखाएं। 

राहुल गांधी की कथनी और करनी में अंतर इस बात से भी जाहिर होती है कि सीडब्ल्यूसी की 51 सदस्यों में केवल 12 प्रतिशत, यानि सिर्फ छह महिलाएं ही शामिल की गई हैं। मतलब साफ है कि राहुल गांधी केवल दिखावे और जनता को भरमाने की राजनीति ही कर रहे हैं।

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