Home विचार राहुल जी जवाब दीजिए, कांग्रेस ने ‘सिद्धारमैया ऐप’ क्यों डिलीट किया?

राहुल जी जवाब दीजिए, कांग्रेस ने ‘सिद्धारमैया ऐप’ क्यों डिलीट किया?

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डेटा लीक मामले में बुरी तरह फंस चुकी कांग्रेस हर दिन बचाव के नए तरीके ढूंढ रही है। पहले तो उसने कांग्रेस का आधिकारिक ऐप डिलीट किया, फिर वेबसाइट एड्रेस को डिलीट किया और अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री का सिद्धारमैया ऐप डिलीट कर दिया है।

दरअसल सिद्धारमैया ऐप के जरिये भी आम लोगों का निजी डेटा विदेशी कंपनियों तक पहुंचाया जा रहा था। हालांकि मामला सामने आने के बाद सिद्धारमैया ने इस ऐप को डिलीट करवा दिया, लेकिन इस पूरे प्रकरण को इलियट एल्डर्सन के इन ट्वीट्स से समझा जा सकता है।

दरअसल एक व्यक्ति ने ट्वीट कर यह आरोप लगाया कि सिद्धारमैया ऐप एक प्राइवेट कंपनी को लोगों का पर्सनल डेटा बेच रहा है। इसके बाद फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर इलियट एल्डरसन ने स्पष्ट किया कि ऐप के जरिए नाम, फोन नंबर, डेट ऑफ बर्थ, जेंडर जैसी जानकारियां एक प्राइवेट कंपनी को दी जा रही है।

हालांकि कांग्रेस ने अब सिद्धारमैया ऐप को डिलीट कर दिया है, लेकिन यह साफ हो चुका है कि कांग्रेस पार्टी ने देश के करोड़ों लोगों की निजी जानकारी विदेशी कंपनियों को बेच दी है। यह भी स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस पार्टी कैम्ब्रिज एनालिटिका की क्लाइंट रही है। यह भी जाहिर हो गया है कि कांग्रेस ने ऐसी कंपनी की मदद ली जो मतदाताओं को प्रभावित कर रही थी।  हालांकि कांग्रेस पार्टी एक के बाद एक अपने ऐप्स और वेबसाइट एड्रेस डिलीट कर बहुत कुछ छिपाना चाह रही है, लेकिन सच्चाई ये है कि अब उसकी पोल खुल चुकी है।

कैंब्रिज एनालिटिका से मिलकर किया डेटा लीक
गौरतलब है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका कंपनी और कांग्रेस के मिलीभगत का जब खुलासा हुआ तो कांग्रेस ने इनकार कर दिया था। कांग्रेस ने ये दावा किया था कि वह इस कंपनी को जानती तक नहीं है। लेकिन कांग्रेस की सारी दलील तब धरी की धरी रह गई जब कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी के को-फाउंडर क्रिस्टोफर विली ने कहा कि कैंब्रिज एनालाटिका कंपनी कांग्रेस के लिए काम करती रही है।

कांग्रेस के आधिकारिक ऐप होता था डेटा लीक
ये तथ्य भी सामने आ गए हैं कि कांग्रेस अपने आधिकारिक ऐप के जरिये भारतीयों का डेटा सिंगापुर भी पहुंचा रही थी। 26 मार्च, 2018 को खुलासा हुआ कि कांग्रेस पार्टी अपने आधिकारिक ऐप ‘WITH INC’ के माध्यम से भारत के लोगों का डेटा चुराकर सिंगापुर की कंपनी को भेज रही है। कांग्रेस ने सबूत मिटाने के लिए प्ले स्टोर से अपना आधिकारिक ऐप ही डिलीट कर दिया। इसके अलावा उसने अपने मेंबरशिप वेबसाइट को भी हटा लिया।

कांग्रेस ने किए 30 करोड़ लोगों के डेटा लीक
यह तथ्य भी जगजाहिर हो गया है कि कांग्रेस ने कैम्ब्रिज एनालिटिका कंपनी की मदद से 30 करोड़ से ज्यादा भारतीयों का डाटा चुराया है। दरअसल ये वो डेटा हैं जो करोड़ों हिंदुस्तानियों के सोशल मीडिया एकाउंट्स में थीं। लोगों की तस्वीरें, निजी जानकारियां जैसी चीजें कांग्रेस ने सिर्फ चुनाव जीतने के लिए विदेशियों के हाथों बेच दीं।

जातिगत विद्वेष फैलाने के लिए डेटा लीक

कैंब्रिज एनालिटिका मामले के व्हिसल ब्लोअर क्रिस्टोफर विली के एक ट्वीट से स्पष्ट होता है कि बीते कई वर्षों से कांग्रेस ने देश में जातिगत विद्वेष फैलाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका के डेटा की सहायता ली थी।

क्रिस्टोफर विली ने ट्वीट किया कि 2010 बिहार चुनाव और 2012 यूपी चुनाव में उसने राजनीतिक पार्टियों के कहने पर जाति के आधार पर सर्वे किया। इस सर्वे के आधार पर पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति तैयार की गई।

मोदी विरोधी बनाने के लिए डेटा लीक का इस्तेमाल
कांग्रेस ने इस डेटा का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए किया है। दरअसल कांग्रेस का टारगेट है कि किसी भी प्रकार से सत्ता पर काबिज हुआ जाए। जाहिर है इसके लिए देश के लोगों का मूड बदलना आवश्यक है। साजिश ये है कि ऐसे डेटा के जरिये कांग्रेस लोगों का मूड बदलने के लिए उन तक ऐसे कंटेंट पहुंचाना चाहती है जो मोदी विरोध का भाव लोगों में जगा सके।

बहरहाल कांग्रेस कितनी भी कुत्सित कोशिश कर ले, कितने भी तिकड़म कर ले उसे दूसरे दलों के विरूद्ध कुप्रचार छोड़ अपने घर को ठीक करना होगा। लोगों का विश्वास खो चुकी कांग्रेस को जनता के बीच भरोसा जगाना होगा, तभी वह प्रधानमंत्री मोदी की सकारात्मक राजनीति के आगे टिक भी पाएगी।

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