जस्टिस ए के सीकरी को बेवजह विवाद में घसीटकर कांग्रेस ने अपनी उस मानसिकता को उजागर कर दिया है कि वो जज भी अपने माफिक चाहती है और इंसाफ भी। दरअसल जस्टिस सीकरी उस हाई पावर्ड कमेटी में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के प्रतिनिधि थे जिसमें आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद से हटा दिया गया था। आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी जांच में कई संगीन आरोप सही पाए गए हैं।
जस्टिस सीकरी सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बाद सबसे सीनियर जज हैं। उन्हें साल 2018 में केंद्र सरकार ने सी-सैट यानी कॉमनवेल्थ सचिवालय पंचाट ट्रिब्यूनल का प्रेसिडेंट/मेंबर नामित किया था। लेकिन कांग्रेस और उसके समर्थक मीडिया ने आरोप लगाया कि वर्मा को हटाने के फैसले के लिए ही जस्टिस सीकरी को ये ईनाम दिया गया है।
When the scales of justice are tampered with, anarchy reigns.
This PM will stop at nothing, stoop to anything & destroy everything, to cover up the #RafaleScam. He’s driven by fear. It’s this fear that is making him corrupt & destroy key institutions.https://t.co/IfYHf2EMGd
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 13, 2019
Pic 1: When Justice Sikri gave Karnataka verdict in favor of Congress
Pic 2: When Justice Sikri gave verdict on Alok Verma against Congress’ wishes. pic.twitter.com/idTbrDCtOC
— अंकुर सिंह (@iAnkurSingh) January 13, 2019
हालांकि जस्टिस काटजू समेत कई हस्तियों ने कांग्रेस के आरोपों को बकवास बताया लेकिन जस्टिस सीकरी ने खुद ही इस पद के लिये मना कर दिया।
Has the Indian media no shame ?
Our mostly rotten and shameless media has sought to tarnish Justice Sikri in mud and ruin his reputation.
Here is the truth:https://t.co/MlPPOKEKqC pic.twitter.com/kP3GogsmRG
— Markandey Katju (@mkatju) January 14, 2019
जस्टिस सीकरी के खिलाफ कांग्रेस की साजिश
दिसंबर 2018 में सी-सैट के प्रेसिडेंट/मेंबर के लिए सहमति दी
आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी की जांच में आई गंभीर शिकायतें
आलोक वर्मा को पीएम, चीफ जस्टिस ने हटाने की सिफारिश की
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने राहुल के इशारे पर किया विरोध
वर्मा को हटाने के फैसले पर राहुल ने किया सीकरी के खिलाफ ट्वीट
सीकरी ने सी-सैट में अपनी नियुक्ति की सिफारिश वापस ली
जस्टिस सीकरी ने तो पद ठुकरा दिया. लेकिन जस्टिस सीकरी पर उँगली उठाने वाले बताएँगे कि पिछले तीस-चालीस साल में जितने जजों ने रिटायर होने के बाद कोई पद लिए, क्या उनके कार्यकाल के अंतिम दौर के फ़ैसले ‘कॉम्प्रोमाइज़्ड’ माने जाएँ?
या ये आरोप अपनी ‘सूटेबिलिटी’ के हिसाब से लगाते हैं?— रोहित सरदाना (@sardanarohit) January 14, 2019
ये क्या है राहुल?
जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ पीसी करने के लिए जस्टिस गोगोई की तारीफ
चीफ जस्टिस गोगोई के प्रतिनिधि के बतौर आलोक वर्मा को हटाने पर जस्टिस सीकरी की निंदा
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राफेल डील को सही ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की निंदा
राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल के पक्ष में फैसला देने के लिये चुनाव आयोग की तारीफ
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