Home नरेंद्र मोदी विशेष कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया : प्रधानमंत्री मोदी

कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया : प्रधानमंत्री मोदी

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दिल्ली में डॉ.अम्बेडर राष्ट्रीय स्मारक के लोकार्पण के अवसर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी को बाबासाहेब का अपमान करने वाले उसके कुकृत्य याद दिलाए। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब की सत्यनिष्ठा, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान ही है, जिसकी वजह से वो भारतीयों के हृदय में निवास करते हैं, लेकिन इस कांग्रेस ने देश के इतिहास से उनका नामो-निशान मिटाने के लिए पूरी शक्ति लगा दी थी। कांग्रेस पार्टी अपने फायदे के लिए आज बाबासाहेब के बारे में चाहे कुछ भी बोले, लेकिन यह सच्चाई है कि जब बाबासाहेब जीवित थे, तब कांग्रेस ने उनके अपमान में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी थी और उनके निधन के बाद भी उनके अपमान का कोई मौका नहीं छोड़ा।

प्रधानमंत्री ने एक-एक कर गिनाए कांग्रेस के कुकृत्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबासाहेब के बारे में कांग्रेस की सोच और उनके साथ किए गए कांग्रेस के बर्ताव को बताना इसलिए महत्वपूर्ण है, ताकि देशभर का दलित समाज, आदिवासी, पिछड़ा समाज, प्रत्येक भारतवासी ये जाने कि, देश में इमरजेंसी लगाने वाली कांग्रेस ने संविधान के रचयिता के साथ कैसा सलूक किया था।

कांग्रेस के अपमान के कारण बाबासाहेब ने दिया था कैबिनेट से इस्तीफा
पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह अपमान की पीड़ा के बाद बाबासाहेब अंबेडकर ने नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे में बाबासाहेब ने कारणों का जिक्र करते हुए विस्तार से लिखा था कि उन्हें कैबिनेट की किसी भी कमेटी चाहे वो विदेशी मामलों, रक्षा और आर्थिक मामलों की कमेटी में नहीं लिया गया था। श्री मोदी ने बताया कि बाबासाहेब जैसे प्रतिभावान नेता को सिर्फ एक मंत्रालय दिया गया था और उसमें भी कुछ खास काम नहीं था, मंत्रिमंडल विस्तार में भी उनकी अनदेखी की गई। सबसे अधिक पीड़ा वाली बात यह थी संविधान में पिछड़ों के लिए उचित प्रावधान नहीं थे और इसके लिए एक आयोग का गठित होना था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने ऐसा नहीं किया और इसी से आहत होकर बाबासाहेब ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। पीएम मोदी ने कहा कि तब से आज तक कांग्रेस की सोच नहीं बदली है। 70 वर्षों बाद भी कांग्रेस ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने से रोकने का काम कर रही है। इससे जुड़े बिल को संसद में पास नहीं होने दिया जा रहा है। अगर यह बिल पास हो जाए तो पिछड़ा आयोग को भी एससी-एसटी आयोग की तरह शक्ति हासिल हो जाएगी, लेकिन कांग्रेस अड़ंगा डाल रही है।

कांग्रेस ने दो-दो बार बाबासाहेब को चुनाव में हरवाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की संस्कृतिक रही है जो उसके सामने घुटने नहीं टेके उसे साम, दाम, दंड, भेद किसी भी तरीके से रास्ते से हटा दो। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को चुनौती दी कि वह देश को बताए कि उसने एक भी काम बाबासाहेब के लिए किया हो। कांग्रेस पार्टी का इकोसिस्टम एक ही परिवार के इर्द-गिर्द सिमटा हुआ है। श्री मोदी ने बताया कि 1951 में इस्तीफा देने के बाद बाबासाहेब ने जब 1952 का आम चुनाव लड़ा तो कांग्रेस ने उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारा और पंडित नेहरू खुद प्रचार करने गए। कांग्रेस पार्टी के कारण बाबासाहेब को हार का अपमान सहना पड़ा। इसके बाद 1953 में भंडारा सीट से बाबासाहेब ने उपचुनाव लड़ा तो वहां भी कांग्रेस ने फिर उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारा और उन्हें लोकसभा जाने से रोक दिया। उस वक्त डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उनका साथ दिया और उन्हीं के प्रयास से बाबासाहेब राज्यसभा पहुंचे थे।

कांग्रेस ने की राष्ट्र निर्माण में बाबासाहेब का योगदान मिटाने की कोशिश
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि बाबासाहेब के निधन के बाद इसी कांग्रेस ने राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को मिटाने की कोशिश की। कांग्रेस ने कभी उन्हें भारत रत्न नहीं दिया, बीजेपी के समर्थन से बनी वीपी सिंह सरकार ने अटल जी और आडवाणी जी के कहने पर बाबासाहेब को भारत रत्न दिया। यहां तक कि कांग्रेस पार्टी ने संसद के सेंट्रल हॉल में बाबासाहेब का तैल चित्र भी नहीं लगाया और तर्क दिया की जगह नहीं है। बाद में बीजेपी ने सेंट्रल हॉल में बाबासाहेब का चित्र लगाया।

लोगों के बीच भ्रम फैलाती है कांग्रेस पार्टी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस को बाबासाहेब के नाम में सिर्फ वोटबैंक नजर आता है, इसी वजह से वो बाबासाहेब का नाम लेने को मजबूर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ भ्रम फैलाती है। पिछले दिनों कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के बीच भ्रम फैला दिया था। सच्चाई यह है कि कभी भी, कहीं भी आरक्षण मिटाने का विषय नहीं आया है, लेकिन 2 अप्रैल को भ्रम फैलाया गया। भाई से भाई को लड़ाने में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल और व्यक्ति जो ईमानदारी के साथ बाबासाहेब के नाम की माला जपता है, उनमें आस्था रखता है, कभी कांग्रेस के साथ नहीं जा सकता।

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