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लीजिए फिर एक बार, आ गई मोदी सरकार, चेतन भगत क्यों कर रहे हैं ये दावा !

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विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दोबारा सरकार में आने से रोकने के लिए चाहे जितने तिकड़में लगाए या महागठबंधन की डुगडुगी बजाए, उनकी दाल गलना मुश्किल नजर आ रहा है। 2014 से लेकर अब तक विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ अपने तरकश में मौजूद सभी तीर आजमा कर देख लिया लेकिन इनसे मोदी सरकार का तो कुछ नहीं बिगड़ा, उलटे विपक्ष ही एक्सपोज होता गया। आज हालत ये है कि विपक्षी दलों के पास मोदी सरकार को घेरने के लिए एक ढंग का मुद्दा तक नहीं बचा है। ऐसे में ये अंदाजा लगाना आसान नहीं हैं कि भारत के समझदार मतदाता 2019 में किसको अपना आशीर्वाद देगा ? मशहूर लेखक और स्तंभकार चेतन भगत ने दैनिक भास्कर अखबार में लिखे में उन पांच कारणों पर विस्तार से प्रकाश डाला है, जिसके चलते 2019 में नरेन्द्र मोदी का दोबारा सरकार में आना निश्चित है।

पहला कारण

मैन ऑफ एक्शन ‘मोदी’

चेतन भगत का मानना है कि मोदी सरकार हर कीमत पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने सरकारी लालफीताशाही और रोड़े अटकाने वाली प्रक्रियाओं का जाल लगभग खत्म कर दिया है। इससे पहले की सरकार किसी समस्या से निपटने के लिए शुतुरमुर्गी रवैया अपनाती थी और उनका कामकाज समितियों और लंबी बैठकों में अटक जाता था। लेकिन मोदी सरकार ने आते ही अटकाने और भटकाने की कार्य संस्कृति को खत्म कर नई कार्य संस्कृति को बढ़ावा दिया। इसमें सरकार के हर हिस्से की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। इसका नतीजा ये हुआ है कि आम लोग भी सरकारी फैसलों के पीछे दृढ़ता से खड़े हैं। जीएसटी, नोटबंदी जैसे फैसले पर विपक्षी दलों और मीडिया ने खूब हाय तौबा की लेकिन मोदी सरकार पर आम लोगों, खासतौर पर युवाओं का भरोसा नहीं डिगा सके। आज देश का हर तबका जानता है कि मोदी सरकार की नीयत में कोई खोट नहीं हैं।

दूसरा कारण

काम करने का जुनून

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह काम कर रहे हैं, एक एक पल का सदुपयोग कर रहे हैं। उनके सहयोगी भी दिनरात काम में भिड़े हुए हैं, उससे ये साफ हो जाता है कि प्रधानमंत्री और उनकी टीम को एक पल भी जाया करना बर्दाश्त नहीं हैं। हर दिन प्रधानमंत्री कई कई बैठकें करती है। ये बैठकें बंद कमरे तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इनमें आम लोगों, उद्योगपतियो, मजदूरों, किसानों, युवाओं और महिलाओं से भी पीएम सीधे संवाद करते हैं। उनकी जरूरतों और समस्याओं को समझते हैं और फिर जरूरत के मुताबिक समाधान लेकर आते हैं। चेतन भगत के मुताबिक प्रधानमंत्री का काम को लेकर ये जुनून लोगों को उनकी तरफ आकर्षित करता है।

तीसरा कारण

‘पप्पू’ विपक्ष

 

तकरीब पूरा देश इस बात पर एकमत है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहीं कोई विकल्प नहीं हैं। लोग ये बात भलीभांति जानते हैं कि विकल्प का मतलब है मौजूदा से और बेहतर होना। लेकिन विपक्ष की हालत ये है कि वो पीएम मोदी के सामने कहीं नहीं टिकता। न वो पीएम मोदी की तरह अपनी बात जनता को समझा सकता है और न उनकी तरह काम कर सकता है। विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे राहुल गांधी के भाषणों का तो लोग मजाक उड़ाते हैं। विपक्ष में ज्यादातर नेताओं की सबसे बड़ी काबिलियत यही है कि वो किसी नेता के परिवार में जन्मे है। उनके पास प्रधानमंत्री मोदी की तरह न आम लोगों की राजनीति करने का अनुभव है और न उनके जैसी प्रशासन चलाने की दक्षता। सिर्फ प्रधानमंत्री की दिनरात आलोचना करने से कोई उनका विकल्प नहीं बन सकता।

चौथा कारण

नरेन्द्र मोदी का जादू

इतिहास में ऐसा भी मौका आया है जब विपक्ष के नाकारापन के बावजूद किसी नेता को लोगों ने इसलिए हरा दिया, क्योंकि वो उसके कामकाज से गुस्सा थे। लेकिन मौजूदा वक्त में तो ये हालत है कि पीएम मोदी पर दिनोंदिन लोगो का प्यार बढ़ता ही जा रहा है। चेतन भगत के मुताबिक कुछ लोग पीएम के काम से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो सकते हैं लेकिन ये इतना बड़ा कारण नहीं है कि लोग सरकार ही बदल दें। अगर कहीं लोगो की नाराजगी है भी तो वो स्थानीय कारणों से हैं। अब तक जो सर्वे आए हैं उनमें भी नरेन्द्र मोदी लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। लोगो का ये समर्थन ही नरेन्द्र मोदी को 2019 में अजेय बना रहा है।

पांचवां कारण

मोदी की अखिल भारतीय छवि

कुछ जानकार और विपक्षी नेता ये उम्मीद पाले हुए हैं कि बीजेपी 2014 की तुलना में अपने गढ़ों में कुछ सीटें हार सकती है, लेकिन वो इस हकीकत से मुंह चुरा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काम देखने के बाद देश के उन हिस्सों में भी भाजपा का समर्थन बढ़ रहा है, जो अब तक दूसरे दलों के गढ़ है। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद बीजेपी ने त्रिपुरा जैसे राज्यों में भी सरकार बना ली है, जहां पहले उसकी मौजूदगी नाममात्र की थी। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि 2019 में भाजपा का समर्थन और बढ़ेगा, और ये भी हो सकता है कि मोदी सरकार 2019 में 2014 की तुलना में ज्यादा बड़े बहुमत से सत्ता में लौटे।

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