संसद सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक संसद के लाइब्रेरी भवन के जीएमसी बालयोगी सभागार में हुई। अविश्वास प्रस्ताव पर मिली जीत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान के साथ बैठक की शुरुआत हुई। पीएम मोदी ने उनकी सरकार के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव को विपक्ष की ‘अपरिपक्वता’ करार देते हुए कहा कि सरकार ने इसका व्यापक उपयोग करके साढ़े चार साल की उपलब्धियों को देश के कोने कोने तक पहुंचा दिया है।” पीएम मोदी ने यह भी कहा कि राजनीतिक परिपक्वता और विचारों से विहीन पार्टी के इस कदम ने सरकार को उसकी सफलताएं और उपलब्धियों को जनता को बताने का मौका दिया।
संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संदेश और हमारी सफलता की गाथा सबसे निचली पायदान के लोगों तक पहुंच गयीं हैं। उन्होंने हाल में अफ्रीका की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि युगांडा में प्रवासी भारतीय समुदाय से संवाद के दौरान उन लोगों ने बताया कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस को उन्होंने भी देखा सुना था। बैठक में असम पर एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट पर विपक्ष के हमलावर रवैये पर चर्चा हुई और आगे की रणनीति पर भी विचार-विमर्श हुआ। हालांकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ही कह दिया कि असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन का मसौदा पूरी तरह “निष्पक्ष” है और जिनका नाम इसमें शामिल नहीं है। उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि उन्हें भारतीय नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा।
संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर जिन्होंने सरकार का साथ दिया, वे आभार के पात्र हैं लेकिन उनको डबल बधाई जो अविश्वास प्रस्ताव लाये। उन्हीं की वजह से सरकार को साढ़े चार वर्षों की उपलब्धियों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का मौका मिला। भाजपा अध्यक्ष ने सांसदों का आह्वान किया कि वे इस संदेश को अपने अपने क्षेत्रों में जनता तक पहुंचाएं। संसदीय दल की बैठक को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने भी संबोधित किया।