प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 3 सितंबर को अपने मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल किया। इस विस्तार और फेरबदल में शामिल चेहरों को लेकर मीडिया ने अपनी-अपनी तरह से विश्लेषण पेश किया, उसके पीछे के कारणों को समझने और समझाने की कोशिश की। लेकिन शपथ-ग्रहण से पहले तक मीडिया में जिस तरह से इस घटनाक्रम को लेकर खबरों और अटकलों का दौर चला वो अपने-आपमें विश्लेषण का विषय है।
अटकलों को खारिज करते हुए सामने आईं नई रक्षा मंत्री
बड़े-बड़े मीडियाई दिग्गज सोशल मीडिया से लेकर अखबारों और न्यूज चैनलों में जिस तरह की जानकारियां और कयास लेकर सामने आ रहे थे, विस्तार और फेरबदल के बाद उन्हें खुद भी लग रहा होगा कि उन्होंने कहा क्या और हुआ क्या? उदाहरण के लिए राजदीप सरदेसाई का ये Tweet देखिए कि रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी को लेकर वो क्या बताने की कोशिश कर रहे थे :
Breaking: 9 new ministers as of now: no major surprise except Hardeep Puri. So will @nitin_gadkari be defence minister or a dark horse?
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 2, 2017
रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निर्मला सीतारमन को दी गई। उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार की राज्यमंत्री के तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन का इनाम कैबिनेट रैंक में प्रमोट कर और रक्षा मंत्रालय जैसा अहम विभाग सौंपकर दिया गया।
रेल मंत्री पर कयास गडकरी के, सामने आए पीयूष गोयल
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर रखी थी। इसके बाद रेल मंत्रालय की जिम्मेदोरी को लेकर मीडिया की रिपोर्टिंग में सबसे ज्यादा नितिन गडकरी का नाम उभरकर सामने आ रहा था। यहां तक कहा गया कि ट्रांसपोर्ट को लेकर एक Super Ministry हो सकती है जिसे गडकरी संभालेंगे। रेल मंत्री के रूप में मनोज सिन्हा से लेकर प्रकाश जावड़ेकर तक के नाम उछाले जाने लगे थे। लेकिन हुआ क्या रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी पीयूष गोयल के खाते में आई।
उमा भारती पर भी लगाते रहे अटकलें
मीडिया के ‘धुरंधरों’ के कयास में उमा भारती भी मंत्रिमंडल से बाहर हो चुकी थीं। लेकिन वो मंत्रिमंडल में बनी रहीं, सिर्फ गंगा संरक्षण की उनकी जिम्मेदारी को नितिन गडकरी के हवाले किया गया।
अंधेरे में खूब चले तीर
कुछ मीडिया संस्थानों ने तो अंधेरे में कैसे-कैसे तीर चलाये, इन्हें NDTV और हिंदुस्तान टाइम्स की क्लिप से आसानी से समझा जा सकता है:
हिंदुस्तान टाइम्स बाद में अपने बचाव में Tweet लेकर आया:
The Cabinet reshuffle shows that nobody quite knows what @PMOIndia will do next #HTComment@virsanghvihttps://t.co/JpHiA4ViBE pic.twitter.com/cV9x6wgYwm
— Hindustan Times (@htTweets) September 4, 2017
कयास पिटने के बाद बचाव भरे Tweets
इसी तरह मंत्रिमंडल के नये चेहरों को लेकर भी शपथ ग्रहण से महज कुछ घंटे पहले तक मीडिया में आने वाली जानकारियां जो थीं..और जो नाम आखिर में उभरकर सामने आये, सबने ये भी देखा कि दोनों में कितना फर्क था। ऐसे में सुर्खियों में रहने वाले मीडिया के कुछ चेहरों को बचाव भरे Tweets के साथ सामने आना पड़ा:
I love excitement of a cabinet reshuffle. But hate reporting on it. Too many googlies. Lots of reverse swing. Batting (anchoring) nightmare!
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) September 2, 2017
Earlier media news on @arunjaitley retaining defence were wrong; @nsitharaman new defence minister. The most exciting headline in some ways
— barkha dutt (@BDUTT) September 3, 2017
Big takeaway from reshuffle:No Journo, even those who claim to be well connected, has any clue what Modi & Shah are planning.All were wrong!
— vir sanghvi (@virsanghvi) September 3, 2017
मीडिया किस तरह से अंधेरे में तीर चला रहा था इस बात को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के Tweet से समझा जा सकता है:
3+ years as PM & @narendramodi‘s ability to spring big surprises is undiminished & unchallenged.Never fails to catch talking heads off guard https://t.co/LJcedTeSlC
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 3, 2017