Home पोल खोल इकोनामिक टाइम्स के दामन पर लगा दाग, छापी ‘फेक न्यूज’

इकोनामिक टाइम्स के दामन पर लगा दाग, छापी ‘फेक न्यूज’

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खबरों के साथ छेड़छाड़ करना आम बात होती जा रही है। अब, तो देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र-इकोनामिक टाइम्स भी इस भ्रष्ट पत्रकारिता का उदाहरण बन गया है। व्यापार से जुड़ी खबरों के लिए देश में इकोनामिक टाइम्स का अपना एक नाम है, इसके आंकड़े और तथ्यों को सबूत के तौर पेश किया जाता है, लेकिन 23 नवंबर को इस समाचार पत्र ने BARC India के आंकड़ों को तोड़ मरोड़ कर एक फेक न्यूज प्रकाशित किया जिसमें लिखा गया कि BJP becomes the number one advertiser on television –

BARC India का सही आंकड़ा
BARC India देश के तमाम टेलीविजन चैनलों से जुड़े तमाम तरह के आंकड़ों को एकत्र करती है और सप्ताह के अनुसार प्रकाशित करती है। 10 नवंबर से 16 नवंबर के सप्ताह में BARC India के दो तरह के आंकडे प्रकाशित हुए, एक आंकड़े में यह बताया कि टेलिविजन चैनलों पर Top Brands कौन कौन से रहे और दूसरे आंकड़े में बताया कि सभी टेलीविजन चैनलों पर Top Advertisers कौन रहे। BARC India के अनुसार 10 नवंबर से 16 नवंबर के सप्ताह में Top Advertisers, हिन्दुस्तान लीवर जैसी बड़ी FMCG कंपनियां रहीे-

Top Brands को Top Advertisers बना दिया
इसी सप्ताह के लिए BARC India ने दूसरा आंकड़ा Top Brands का भी प्रकाशित किया, जिसमें भाजपा का स्थान पहला था। इकोनामिक टाइम्स ने यहीं आंकड़ों को गलत तरीके से पेश करते हुए पूरी खबर को ही फेक न्यूज में बदल दिया। इकोनामिक टाइम्स ने Top Brand के आंकड़ों को आधार बनाकर लिखा कि भाजपा सभी टेलिविजन चैनलों Top Advertisers मे पहले स्थान पर है, जबकि Top Advertiser और Top Brands दो अलग अलग आंकड़े है और दोनों के अर्थ में जमीन आसमान का अंतर है।

कांग्रेस की फेक न्यूज फैक्टरी ने इकोनामिक टाइम्स का साथ दिया
इकोनामिक टाइम्स ने जैसे ही यह फेक न्यूज प्रकाशित किया वैसे ही कांग्रेस, AAP और अन्य दलों में फेक न्यूज फैलाने वाली फैक्टरी के पेड वर्कर सोशल मिडिया पर इस खबर को प्रकाशित करने लगे। कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा ने लिखा-

इसी तरह AAP की फेक न्यूज फैक्टरी भी इस खबर को फैलाने पर लग गई-

सोशल मीडिया पर इकोनामिक टाइम्स के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग उठी
लेकिन जल्द ही इस फेक न्यूज फैक्टरी की सोशल मीडिया पर करस्तानी पकड़ी गई और लोगों ने BARC India से इकोनामिक टाइम्स के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग करने लगे, क्योंकि इकोनामिक टाइम्स ने BARC India के आंकड़ों गलत तरीके से पेश करके BARC India के नाम पर भी दाग लगाने का काम किया है।देश के लिए दुर्भाग्य की बात है कि इकोनामिक टाइम्स जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्र भी  अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिए फेक न्यूज बनाने में भी कोताही नहीं बरत रहे हैं।

 

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