Home विशेष पीएम मोदी के प्रोत्साहन से खेती में स्टार्टअप के ‘अच्छे दिन’

पीएम मोदी के प्रोत्साहन से खेती में स्टार्टअप के ‘अच्छे दिन’

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16 जनवरी, 2016 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं की उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने के लिए स्टार्ट अप इंडिया की योजना शुरू की तो युवा उद्यमियों ने इसे हाथों हाथ लिया। यह योजना न केवल औद्योगिक-व्यापारिक गतिविधियों के पक्ष में माहौल बनाने में सफल साबित हो रही है बल्कि रोजगार के तमाम अवसर भी इसके माध्यम से बढ़ रहे हैं। खास तौर पर कृषि क्षेत्र को भी आगे बढ़ाने में स्टार्टअप बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

खेती की प्रक्रिया उन्नत कर रहे हैं स्टार्टअप
खेती की प्रक्रिया को उन्नत बनाने और उसमें व्यापक सुधार लाने में इन स्टार्टअप्स की बड़ी भूमिका सामने आ रही है। देश में 157.35 मिलियन हेक्टेयर खेती की जमीन है और खेती से जुड़े करीब 12 करोड़ किसानों को देश भर में संचालित करीब 250 एग्रीटेक स्टार्टअप्स मदद मुहैया करा रहे हैं। दरअसल केंद्र सरकार के प्रोत्साहन के कारण एग्रीटेक स्टार्टअप्स को विभिन्न स्रोतों से फंडिंग हासिल करने में मदद मिली है।

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खेती के उत्पादों में वृद्धि कर रहे स्टार्टअप
‘इंक42 डेटा लैब्स’ की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों में पिछले वर्षों के दौरान तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। वर्ष 2011-12 में भारत से 24.7 अरब डॉलर के खेती के उत्पादों का निर्यात किया गया, जबकि वर्ष 2015-16 में यह बढ़ कर 32.08 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यानी इसमें वार्षिक रूप में करीब 6.75 फीसदी की दर से वृद्धि हुई है।

केंद्र की योजनाओं से मिल रहा प्रोत्साहन
इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की रिपोर्ट बताती है कि देश की जीडीपी में खेती का योगदान वित्तीय वर्ष 2017 के दौरान 1,640 डॉलर से ज्यादा रहा। देश में कृषि उत्पादन की दशा को सुधारने के लिए सरकार ने इसकी मार्केटिंग को सुविधाजनक बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं निम्न हैं –

  • परंपरागत कृषि विकास योजना
  • प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना
  • संसद आदर्श ग्राम योजनाImage result for इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन

केंद्र ने बजट बढ़ाया तो बढ़े स्टार्टअप
वर्ष 2017-18 के केंद्रीय बजट में खेती और सहयोगी सेक्टर के लिए कुल बजटीय आवंटन में 24 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी की गई और यह 1,87,233 करोड़ रुपये रहा। दरअसल पीएम मोदी की सोच है कि युवा उद्यमी अपनी प्रतिभा व कौशल का पूरा उपयोग  देश के नवनिर्माण में करें।

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कृषि सेक्टर में तेजी की उम्मीद जगी
पिछले कुछ दशकों में सतत औद्योगिक ग्रोथ के बावजूद भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में खेती सेक्टर अब भी हाशिये पर है। बाजार आधारित सर्वेक्षणों से यह बात सामने आई है कि फूड प्रोसेसिंग की बढ़ती जरूरतों और देश की आबादी तक पोषक खाद्य पदार्थ मुहैया कराने के लिहाज से कृषि सेक्टर में अभी और तेजी आने की उम्मीद है।

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केंद्र का फंडिंग मुहैया कराने पर जोर
पिछले कुछ सालों में डेटा-आधारित सिस्टम के जरिये संगठित तरीके से तकनीकी सुधारों ने खेती की प्रक्रिया को दोबारा से खड़ा करने में किसानों को मदद मुहैया करायी है। इसका मकसद छोटे किसानों को बेहतर जीवन मुहैया कराना है। इस दिशा में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी से देशभर में एग्रीटेक स्टार्टअप्स को नये सिरे से फंडिंग मुहैया कराने पर जोर पड़ा है।

तकनीकी विकास के लिए ग्लोबल इनोवेशन फंड
नोएडा-आधारित इएम3 एग्री सर्विसेज को हाल ही में सीरीज बी फंडिंग राउंड के तहत ग्लोबल इनोवेशन फंड से 10 मिलियन डॉलर की रकम हासिल हुई है। दूसरी ओर, क्रोफार्म नामक एग्रीटेक स्टार्टअप को प्री-सीरीज फंडिंग के तहत पांच करोड़ रुपये मिले हैं। इएम3 को अपने भौगोलिक दायरे को बढ़ाने के लिए यह मदद मुहैया करायी गई है।

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