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मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए सुरक्षा कवच- गेट्स फाउंडेशन

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मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। अब गेट्स फाउंडेशन ने आयुष्मान भारत योजना को न सिर्फ भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को बदल देने वाला बताया है, बल्कि यह भी कहा है कि पूरे विश्व के लिए यह योजना एक आदर्श के रूप में सामने आई है। गेट्स फाउंडेशन के अध्यक्ष और मुख्य रणनीतिक अधिकारी मार्क सुजमैन ने भारत में गरीबों के लिए प्रारंभ की गई आयुष्मान योजना के साथ ही जनधन योजना और बैंकिंग व्यवस्था में सुधार की सराहना की है। मार्क सुजमैन ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसे बहुत कम नेता हैं, जो स्वच्छता जैसे विषय को इतनी प्रमुखता से उठाते हैं।

सुजमैन ने कहा है कि आर्थिक क्षेत्र में भारत द्वारा किए जा रहे ऐसे सुधारों को दुनिया के दूसरे देश भी अपना रहे हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना को देश के ‘गरीबों के लिए सुरक्षा कवच’ करार दिया है।

आइए अब एक नजर डालते हैं मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना पर। आखिर क्या है आयुष्मान भारत योजना और किन लोगों को मिल सकता है इस योजना का लाभ।

आयुष्मान योजना से ‘आयुष्मान भव’ के आशीर्वाद को जन-जन तक पहुंचा रही है मोदी सरकार

23 सितंबर को झारखंड की राजधानी रांची से प्रधानमंत्री के द्वारा प्रारंभ की गई यह योजना देश के करीब 50 करोड़ लोगों को लक्ष्य करके बनाई गई है।इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस योजना की शुरुआत गरीबों और समाज के वंचित वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा और उपचार प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। मोदी सरकार इस जन आरोग्य योजना को और सुगम और सरल बनाने की कोशिश में जुटी है, ताकि अधिक-से-अधिक गरीब परिवार इसका लाभ उठा सकें। इसके लिए एक वेबसाइट mera.pmjay.gov.in और टोल फ्री नंबर 14555 जारी किया जा चुका है। इसकी मदद से कोई भी जान सकता है कि उसका परिवार लाभार्थियों में शामिल है या नहीं।

10 करोड़ गरीब परिवारों को मिलेगा लाभ

दुनिया में मोदी केयर के नाम से विख्यात इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों यानी 50 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये के सालाना चिकित्सा बीमा की सुविधा मिलेगी। इसके लिए मोदी सरकार ने देश भर में चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने की भी योजना बनाई है, जिसके तहत 1.5 लाख वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं। 

कुल 1350 बीमारियों का इलाज

आयुष्मान भारत योजना के तहत 1350 बीमारियों का इलाज हो रहा है। यह योजना हार्ट अटैक और कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों में राहत दिलाने में बेहद काम आएगी। इलाज के दौरान दवा, मेडिकल जांच (एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई समेत कई जांच) पूरी तरह से नि:शुल्क होगी। पहले चरण में समाज के वंचित, पिछड़े, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। योजना के अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिह्नित परिवारों के अलावा स्वत: सम्मिलित श्रेणियों एवं शहरी क्षेत्र की 11 कामगार श्रेणियों के तहत आने वाले लोग, जैसे कचरा उठाने वाले और फेरी वालों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत पात्र परिवार के सभी सदस्य योजना के पात्र होंगे, यानी सदस्यों की संख्या, आयु सीमा जैसी कोई भी बाध्यता नहीं होगी।

विश्व के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल ने की प्रशंसा

इससे पहले, दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल Lancet बड़े स्तर पर गरीबों को स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराने वाली इस योजना के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर चुका है। Lancet मेडिकल जर्नल के प्रधान संपादक रिचर्ड हॉर्टन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने सबको स्वास्थ्य सुविधा जैसे अहम मसले को अपने राजनीतिक सुधारों में शामिल किया है। Lancet मेडिकल जर्नल के इस लेख में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की गरीबों, वंचितों और आदिवासियों को चिकित्सा सुविधा देने के वादे को पूरा नहीं करने के लिए उनकी आलोचना भी की गई। Lancet के मुताबिक, लंदन दौरे के समय राहुल गांधी ने भारत में रोजगार संकट की तो बात की थी, लेकिन वहां स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कुछ भी नहीं बोला था।

 

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