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370 हटते ही जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को लगे पंख, 2023 में 2 करोड़ 11 लाख पर्यटक पहुंचे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य में पर्यटन को पंख लग गए हैं। वर्ष 2023 में रिकॉर्ड संख्या में 2 करोड़ 11 लाख पर्यटक कश्मीर घाटी पहुंचे। पर्यटन बढ़ने से लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। इससे वहां के लोगों में समृद्धि आ रही है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद से मोदी सरकार लगातार प्रदेश के विकास पर जोर दे रही है। यही वजह है कि एक साल में गोंडोला केबल कार (रोपवे) परियोजना ने रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये कमाए। यह केंद्र शासित प्रदेश के संपूर्ण विकास और बदलाव का गवाह है। तीन दशकों के बाद कश्मीर लाखों पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। केंद्र सरकार की नीतियों के कारण विदेशी पर्यटकों की संख्या में करीब 300 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखी गई है। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि यह कश्मीर पर्यटन के स्वर्ण युग की वापसी है।

जम्मू-कश्मीर में 2023 में पहुंचे 2 करोड़ 11 लाख पर्यटक
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से लगातार पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। वर्ष 2020 में जहां 34 लाख पर्यटकों ने प्रदेश की यात्रा की थी वहीं वर्ष 2021 में 1 करोड़ 13 लाख पर्यटक पहुंचे। इसी तरह 2022 में 1 करोड़ 88 लाख पर्यटक प्रदेश की सुंदरता निहारने आए तो वर्ष 2023 में 2 करोड़ 11 लाख पर्यटक पहुंचे।

विदेशी पर्यटकों की संख्या में 300 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि
केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर में प्रशासन की नीतियों और उद्योग प्रोत्साहन के कारण विदेशी पर्यटकों की संख्या में 300 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखी गई है। पर्यटक अनुभवों को बढ़ाने के लिए प्रशासन, समुदाय और यात्रा उद्योग के बीच रणनीतिक सहयोग पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में साहसिक, सीमा और विरासत पर्यटन, ऑफबीट गंतव्यों, गोल्फ, पक्षी-दर्शन और कृषि-पर्यटन पर भी जोर दिया जा रहा है। पर्यटन में वृद्धि के लिए डेस्टिनेशन वेडिंग (शादियां) भी एक प्रमुख जरिया बन सकती हैं।

गोंडोला केबल कार परियोजना ने रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये कमाए
जम्मू-कश्मीर में 2023 में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आए जिससे पयर्टन व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय में बड़ी वृद्धि हुई है। जम्मू-कश्मीर पर्यटन के सबसे बड़े आकर्षण गुलमर्ग के गोंडोला राइड की बात करें तो इसकी सवारी के लिए पर्यटकों ने टिकट के लिए घंटों लाइन में बिताए। औसतन 4000 लोग प्रतिदिन इस केबल कार का उपयोग करते हैं। इस सीजन में गोंडोला केबल कार परियोजना ने रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये कमाए। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में दुनिया की दूसरी सबसे लंबी और दूसरी सबसे ऊंची केबल कार परियोजना गुलमर्ग गोंडोला के राजस्व संग्रह ने पिछले सभी रिकॉर्डों को तोड़ कर नई उपलब्धि हासिल की है। पांच किलोमीटर की हवाई दूरी तय करने वाली गुलमर्ग की प्रसिद्ध केबल कार गोंडोला पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है और प्रत्येक दिन सैकड़ों पर्यटक इसकी सवारी करते हैं जो 13,400 फीट की ऊंचाई पर अफरवात की चोटी तक कोनिफर्स पेड़ों के ऊपर से चलती है।

जम्मू-कश्मीर में 75 नये पर्यटन स्थलों की पहचान
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नत्थाटॉप, बशोली और मचैल सहित 75 नए पर्यटन स्थलों की पहचान की गई है। इनमें से 37 पर्यटन स्थल जम्मू क्षेत्र में और बाकी कश्मीर घाटी में हैं। बशोली, बारादरी, डुडु, बसंतगढ़, दरहाल, मंडी, सुध महादेव, नत्थाटॉप जैसे कुछ ऐसे स्थान हैं जिन्हें प्रचार के लिए चुना गया है।

अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से भी बढ़े पर्यटक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से भी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पिछले 70 साल से यह मांग थी कि जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की जाएं तो मोदी सरकार ने लोगों की मांग पूरी करते हुए श्रीनगर से शारजाह के लिए सीधी उड़ान शुरू कराई। इस बार आए पर्यटक केवल कश्मीर व जम्मू तक सीमित नहीं रहे बल्कि राजौरी-पुंछ जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भी पर्यटक काफी संख्या में पहुंचे। इसका एक मुख्य कारण यह भी था कि प्रशासन ने 75 नए पर्यटन स्थलों को भी बढ़ावा दिया, जहां पहले बहुत ही कम लोग या तो कोई जाता ही नहीं था।

जम्मू-कश्मीर में 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद 56 हजार करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। इसमें 38 हजार करोड़ के विनिवेश के लिए जमीन मुहैया कराई जा चुकी है। जम्मू-कश्मीर में विनिवेश करने वाली कंपनियों में प्रमुख नाम अपोलो, मेदांता, वरुण वेवरेजेज, दिव्याणी वेवरेजेज समेत कई नामचीन फाइबर ऑपटिक्स की कंपनियां हैं जो तकरीबन ढ़ाई लाख लोगों को रोजगार के लिए नए अवसर तैयार कर रही हैं। जम्मू-कश्मीर में निवेश को लेकर आजादी के बाद के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो साल 2019 तक जम्मू-कश्मीर में तकरीबन 14 हजार 700 करोड़ रुपए का विनिवेश हो पाया था, यानि आजादी के बाद से 2019 तक जम्मू-कश्मीर में जितना निवेश हुआ उसका लगभग चार गुणा सिर्फ तीन साल में हुआ।

कश्मीर तक ट्रेन कनेक्टिविटी बढ़ाने की कोशिश जारी
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ट्रेन कनेक्टिविटी की दिशा में भी तेजी से काम चल रहा है। कश्मीर और राज्य के अन्य भागों तक ट्रेन कनेक्टिविटी की कोशिश जारी है। इंटरनेशनल फ्लाइट श्रीनगर से शारजाह के लिए शुरू हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर से रात में भी विमान उड़ान भरने लगे हैं। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण जम्मू-कश्मीर के सेब किसान अब अपनी पैदावार को आसानी से बाहर भेज रहे हैं। फल उत्पादक किसानों को विशेष मदद देने के लिए केंद्र सरकार की नजर ड्रोन के माध्यम से ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने को लेकर भी है।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदल गया जम्मू-कश्मीर बदल गया है। इस पर एक नजर-

आरक्षण की सुविधा मिली
अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार नियमों को भी अधिसूचित किया है। इसके अलावा पहाड़ी भाषी लोगों के लिए भी 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है।

महिलाओं के लिए एक विशेष सेल, आरक्षण का लाभ मिला
केंद्र की हिंसा मुक्त घर-एक महिला का अधिकार योजना के तहत हर जिले में महिलाओं के लिए एक विशेष सेल है जहां वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकती हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस में कुल दो महिला बटालियन बनाई गई हैं, जिसके बाद 2014 में कई अनुभागों में नए पद सृजित किए गए हैं। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर पुलिस सेवाओं में गैर-राजपत्रित रैंकों में महिला उम्मीदवारों के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण भी लागू किया है।

प्रदेश को मिला AIIMS, IIT और IIM
अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रदेश को AIIMS, IIT और IIM मिले हैं। केंद्र सरकार ने सात नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन किया है, जबकि एम्स जम्मू को चालू कर दिया गया है, कश्मीर में भी एक एम्स बनाया जा रहा है। इसके अलावा 50 डिग्री कॉलेज भी स्थापित किए गए हैं।

रोजगार के अवसर बढ़े, 4.74 लाख उम्मीदवारों की काउंसिलिंग
जम्मू-कश्मीर में रिक्त पदों को भरने के लिए विभागों में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई है। 2020 से 2023 की बात करें तो इस बीच तकरीबन 4.74 लाख उम्मीदवारों की करियर काउंसिलिंग की गई। जागरूकता शिविरों में करीब 2.12 लाख लोगों ने भाग लिया। दो सालों में यहां 151 रोजगार मेले भी आयोजित किए गए।

व्यापार को बढ़ावा मिला, हस्तशिल्प निर्यात दोगुना
अनुच्छेद 370 हटने के बाद व्यापार को भी बढ़ावा मिला। हथकरघा और हस्तशिल्प निर्यात 2021-22 में 563 करोड़ रुपये से दोगुना होकर 2022-23 में 1,116.37 करोड़ रुपये हो गया है। 2019-20 से अक्टूबर 2023 तक 5,319 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। 2022-23 में औद्योगिक क्षेत्र में 2,153.45 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इस साल अक्टूबर 2023 तक 2079.76 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

जी-20 कार्यक्रम के सफल आयोजन से दुनिया को संदेश
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी सफलता रही वहां इस साल जी-20 कार्यक्रम का सफल आयोजन करना। ऐसी सूरत में जब पाकिस्तान कश्मीर मसले को ग्लोबल स्तर पर उठाने की कोशिश कर रहा था, भारत ने ताकतवर देशों के संगठन जी-20 से जुड़े देशों की मीटिंग कर मजबूत संकेत देने में सफलता पाई। बीच-बीच में जो सवाल उठते थे, इस आयोजन ने उन पर विराम लगा दिया।

मल्टीप्लेक्स, सिनेमा हॉल खुलने लगे
कश्मीर में खुलते मल्टीप्लेक्स, सिनेमा हॉल भी बताते हैं कि हालात कितने सामान्य हुए। कश्मीर का पहला मल्टीप्लेक्स खुल चुका है जहां आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा की स्पेशल स्क्रीनिंग हुई थी। साथ ही लगभग तीन दशक के बाद घाटी के लोगों ने पहली बार सिनेमा हॉल में फिल्म देखा। कभी कश्मीर सिनेमा शूटिंग की सबसे पसंदीदा जगह हुआ करती थी।

पत्थरबाजी की घटना पर लगा विराम
पत्थरबाजी की घटना जो हर हर साल लगभग 2000 हजार तक होती थी अब यह लगभग ना के बराबर हो चुकी है। इसी साल 34 साल बाद वहां मुहर्रम के जुलूस निकलने की अनुमति मिली तो पिछले साल 75 साल बाद दीवाली मनाई गई। कश्मीर पंडितों ने नवरेह मनाया।

पीएम मोदी ने दी 3300 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद 20 जून 2024 को कश्मीर का पहला दौरा किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में करीब 3300 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व शुभारंभ किया। इसके साथ ही शासकीय सेवाओं के लिए लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे। प्रधानमंत्री 1500 करोड़ रुपये की 84 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया। इसमें 500 करोड़ की लागत वाली परियोजनाओं का उद्घाटन होगा। इनमें 150 करोड़ की 50 जलापूर्ति योजनाएं, 54 करोड़ की सड़क परियोजनाएं, 51 करोड़ की उच्च शिक्षा में बुनियादी ढांचा, 24 करोड़ की पैट स्कैन, जीनोम प्रयोगशाला शामिल थीं। इसके अलावा 1000 करोड़ की लागत से विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया।

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