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देशविरोधी नारेबाजी में कन्हैया और उमर खालिद पर गाज, जेएनयू ने पीएचडी सस्पेंड की

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जेएनयू परिसर में कार्यक्रम आयोजित कर देशविरोधी नारे लगाने वाले छात्र नेता कन्हैया और उमर खालिद को जेएनयू से बाहर करने और 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाने की सिफारिश की गई है। जेएनयू की पांच सदस्यों वाली उच्चस्तरीय कमेटी ने 11 अप्रैल 2016 की रिपोर्ट बरकरार रखते हुए दूसरी रिपोर्ट प्रबंधन को सौंप दी है। इस रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर प्रबंधन फैसला लेगा। फिलहाल दोनों छात्र नेताओं की पीएचडी सस्पेंड कर दी गई है। गौरतलब है कि आतंकवादी अफजल गुरू को फांसी देने के विरोध में 9 जुलाई, 2016 को जेएनयू परिसर एक कार्यक्रम हुआ जिसमें भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा लगा था। इस नारेबाजी से पूरा देश स्तब्ध था।

देशद्रोही छात्र नेताओं पर आर्थिक दंड भी
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में घटित देशविरोधी घटना से पूरे देश में जेएनयू की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़ा हो गया था। उसके बाद जेएनयू पैनल ने अफजल गुरू को फांसी देने के खिलाफ परिसर में आयोजित कार्यक्रम के मामले में 2016 में खालिद और दो अन्य छात्रों के निष्कासन और जेएनयू छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया था। दोनों छात्र नेताओं की पीएचडी भी सस्पेंड की गई। वहीं, तीसरा आरोपी अनिर्बन पीएचडी पूरी कर 2017 में कैंपस छोड़ चुका है। 

भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारेबाज अब भी जमानत पर
जब जेएनयू कैंपस में भारत तेरे टुकड़े होंगे, हम क्या मांगे आजादी, अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं, कितने अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेगा जैसे नारे गूंजे तो पूरे देश में खलबली मच गई। देशद्रोह का केस दायर करके नारेबाजी के अगुवा करने वाले छात्र नेताओं कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य जमानत पर चल रहे हैं। इन देशद्रोही के आरोपी छात्रों के समर्थन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (तब उपाध्यक्ष) जेएनयू कैंपस गए थे। दिल्ली के विवादित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस गैंग का साथ दिया।

जेएनयू में रहती है एक देश विरोधी लॉबी
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में सिर्फ पढ़ाई नहीं होती है, यहां राष्ट्र विरोधी विचारधारा को खाद-पानी भी मिलता है। जेएनयू में एक भारत विरोधी गैंग सक्रिय है। ये भारत विरोधी गैंग कभी सेना को गालियां देता रहा है, तो कभी प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में बोलता रहा है। इसी विश्वविद्यालय के टुकड़े-टुकड़े गैंग के कन्हैया कुमार, उमर खालिद और शेहला रशीद पूरे देश में घूम-घूम कर राष्ट्रविरोधी माहौल बनाने और दलितों, अल्पसंख्यकों को उकसाने में लगे हैं। अब जेएनयू के एक दलित प्रोफेसर ने खुलासा किया है कि क्यों जेएनयू की भारत विरोधी लॉबी प्रधानमंत्री मोदी से घृणा करती है।

डॉ. प्रवेश कुमार, प्रोफेसर, जेएनयू

सोशल जस्टिस का ढोंग करती है एंटी इंडिया लॉबी
संडे गार्जियन अखबार में छपी एक खबर के अनुसार जेएनयू के दलित प्रोफेसर डॉ. प्रवेश कुमार ने खुलासा किया है जेएनयू से संचालित होने वाले एंटी इंडिया गैंग के लोग इसलिए परेशान हैं, क्योंकि मोदी सरकार ने इनकी विदेशी फंडिंग पर लगाम लगा दी है। डॉ. कुमार ने हाल ही में जेएनयू के पूर्व छात्र रोना विल्सन की महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तारी का उदाहरण देते हुए कहा है कि दशकों से इस तरह के लोग जेएनयू कैंपस से सोशल जस्टिस के नाम पर अपनी दुकान चलाते रहे हैं। जाहिर है कि रोना विल्सन को माओवादी संगठनों के साथ कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

डॉ. कुमार ने जेएनयू के एंटी इंडिया लॉबी की पोल खोलते हुए कहा है कि ये लोग सामाजिक न्याय की बातें करते हैं और खुद ब्रांडेड कपड़े पहनते हैं, विदेशों में छुट्टियां मनाते हैं। उन्होंने कहा कि जेएनयू में एक प्रोफेसर को इतना पैसा नहीं मिलता है कि वो इतनी लक्जरी लाइफ जी सके। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों को मोदी सरकार का विरोध करने वाले एनजीओ और दूसरे संगठनों से विदेशों के जरिए फंडिंग होती है।

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