कांग्रेस पार्टी को देश के बहुसंख्यक हिंदू समुदाय से कभी कोई मतलब नहीं रहा। कांग्रेस को सिर्फ सत्ता से मोह रहा, इसके लिए उसने हिंदुओं को जाति और समुदाय में बांटने की साजिश रची और मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति की। आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी का सत्ता हथियाने का यही हथकंडा रहा है। हिंदू धर्म में पूज्य मानी जाने वाली गाय की हत्या का कांग्रेस पार्टी ने हमेशा समर्थन किया। केरल में तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सरेआम गाय को काटा। इतना ही नहीं यूपीए सरकार के दौरान इसी कांग्रेस पार्टी ने हिंदुओं को आतंकवादी बताया। लेकिन आज देश का माहौल बदल चुका है। देश का हिंदू जागृत हो चुका है और कांग्रेस की साजिश को समझ चुका है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को आज गाय, हिंदू, ब्राह्मण सभी की याद आ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मानसरोवर यात्रा पर जा रहे हैं और मंदिरों के चक्कर लगा रहे हैं, तो कई कांग्रेसी गौशाला खोलने की बात कह रहा है।
A man goes to Kailash when it calls him. I am so happy to have this opportunity and to be able to share what I see on this beautiful journey with all of you.#KailashYatra
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) 5 September 2018
The waters of lake Mansarovar are so gentle, tranquil and calm. They give everything and lose nothing. Anyone can drink from them. There is no hatred here. This is why we worship these waters in India.#KailashYatra pic.twitter.com/x6sDEY5mjX
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) 5 September 2018
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर हैं। राहुल ने यात्रा के रास्ते से ट्वीट किया है कि वह ही यहां आते हैं, जिन्हें बाबा बुलाते हैं। आज राहुल गांधी को भगवान भोलेनाथ याद आ रहे हैं, लेकिन इसी कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे। हालांकि यहां भी मानसरोवर यात्रा पर जाते समय राहुल गांधी ने अपनी असलियत दिखा ही दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नेपाल में राहुल गांधी ने एक होटल में यात्रा से पहले सुअर का मांस खाया था।
कांग्रेस के खून में है ब्राह्मण समाज का डीएनए
मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए हिंदुओं को गाली देने वाली कांग्रेस पार्टी को आज कांग्रेस के खून में ब्राह्मणों का डीएनए नजर आ रहा है। कांग्रेस के नेता और मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ब्राह्मण सम्मेलन के दौरान कहा कि कांग्रेस पार्टी के खून में ब्राह्मण समाज का डीएनए है। ब्राह्मणों को रिझाने के लिए सुरजेवाला ने सरकार बनने पर ब्राह्मणों को 10 प्रतिशत आरक्षण, भगवान परशुराम के नाम पर संस्कृत विश्वविद्यालय के गठन और ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन का ऐलान भी कर दिया।
प्रदेश की हर पंचायत में “गौशाला” बनाएंगे ..।
ये घोषणा नहीं वचन हैं। pic.twitter.com/ZGeA590n6Z— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) 3 September 2018
मध्य प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में गौशाला बनाने का वादा
गाय काटने का समर्थन करने वाली कांग्रेस पार्टी को अब चुनाव के दौरान वोट के लिए गाय याद आ रही है। राहुल गांधी के निर्देश पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्य में सरकार बनने पर हर ग्राम पंचायत में गौशाला बनाने का ऐलान किया है। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर राज्य की 23 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में गौशाला बनाई जाएगी। जाहिर है कि यह वही कांग्रेस पार्टी है, जिसके कार्यकर्ताओं ने केरल में बीफ खाने के समर्थन में सरेआम गाय काटी थी।
आज भले ही कांग्रेस पार्टी को चुनाव के पहले हिंदू और गाय की याद आ रही है, लेकिन यह हकीकत है कि कांग्रेस पार्टी की मानसिकता हमेशा से हिंदू विरोधी रही है। डालते हैं एक नजर-
कांग्रेस के डीएनए में है हिन्दू विरोध, देखिए नफरत के 17 सबूत
सबूत नंबर – 1
7 फरवरी, 1916
जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू की शादी में नेहरू ने तीन कार्ड छपवाए थे। तीनों कार्ड अंग्रेजी के अलावा सिर्फ अरबी लिपि और फारसी भाषा में छपे थे। तीनों ही कार्ड में किसी भी हिन्दू देवी देवता का नाम नहीं लिखा गया था। न ही उन कार्ड पर हिन्दू धर्म से जुड़ा कोई श्लोक लिखा था। हिन्दू संस्कृति या फिर संस्कृत भाषा का कार्ड में कोई नामोनिशान तक नहीं था।
सबूत नंबर – 2
आजादी के बाद जब बल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर के दोबारा निर्माण की कोशिश शुरू की तो महात्मा गांधी ने इसका स्वागत किया, लेकिन जवाहर लाल नेहरू इसका लगातार विरोध करते रहे। यहां तक कि जब तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद वहां गए तो उन्होंने बकायदा उन्हें जाने से मना किया और विरोध भी दर्ज कराया।
सबूत नंबर – 3
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दू शब्द रखने पर जवाहर लाल नेहरू को घोर आपत्ति थी, उन्होंने इस शब्द को हटाने के लिए कहा था। पंडित मदन मोहन मालवीय पर दबाव भी डाला था। हालांकि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुस्लिम शब्द रखने पर कभी आपत्ति नहीं जताई।
सबूत नंबर – 4
वंदे मातरम को राष्ट्रगीत बनाने पर जवाहर लाल नेहरू ने आपत्ति जताई थी। उन्हीं की आपत्ति के बाद मुस्लिमों का मनोबल बढ़ा, जिससे आज तक मुस्लिम वंदे मातरम गाने का विरोध करते हैं।
सबूत नंबर – 5
7 नवंबर, 1966 को दिल्ली में हजारों नागा साधु इकट्ठा होकर ये मांग कर रहे थे कि – गाय की हत्या बंद होनी चाहिए, इंदिरा गांधी किसी भी कीमत पर गौ हत्या बंद करने के मूड में नहीं थी। फिर क्या था, दिल्ली में ही इंदिरा गांधी ने जालियावाला कांड दोहराया और जनरल डायर की तरह हजारों नागा साधुओं के ऊपर गोलियां चलवा दीं, इस गोलीबारी में 6 साधु की मौत हो गई, यही नहीं उस समय गौभक्त माने जाने वाले गुलजारी लाल नंदा को इंदिरा ने गृहमंत्री पद से हटा दिया। इस घटना के बाद इंदिरा गांधी कई राज्यों में चुनाव हार गई थीं।
सबूत नंबर – 6
26 फरवरी, 1968
हिन्दू साधुओं पर गोली चलाने से चुनाव हार चुकी इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी की शादी में हिन्दी में कार्ड तो छपवाया… लेकिन कार्ड में कहीं भी हिन्दू देवी देवता के नाम से परहेज किया गया। इसमें भगवान गणेश का भी नाम नहीं था ।
सबूत नंबर – 7
नेहरू-गांधी परिवार ने कभी कोई हिन्दू त्यौहार पारंपरिक रूप से नहीं मनाया। जिस प्रकार रमजान में ये परिवार हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन करता है, वैसा आयोजन आज तक कभी नवरात्रि में उनके घर पर नहीं हुआ। कभी कन्याओं को भोजन नहीं कराया गया। कभी किसी ने दिपावली में दीये जलाते नहीं देखा।
सबूत नंबर – 8
राहुल गांधी की उम्र 48 साल है, जबकि प्रियंका गांधी की 46 साल। कभी राहुल को प्रियंका गांधी से किसी ने राखी बंधवाते नहीं देखा। जबकि हिन्दुओं में भाई-बहन का रिश्ता बहुत ही पवित्र माना जाता है। कोई भी हिन्दू परिवार रक्षा बंधन से परहेज नहीं करता।
सबूत नंबर – 9
राहुल गांधी सिर्फ मोदी को हराने के लिए हिन्दू बने हैं… वर्ना पूरे नेहरू परिवार का कभी भी हिन्दू धर्म से नाता नहीं रहा है। यहां तक कि हिन्दु पर्व त्योहारों में बधाई देना भी अपमान माना जाता है। उदाहरण के लिए इस साल पहली बार कांग्रेस दफ्तर में होली मनाई गई, इससे पहले अघोषित बैन था। राहुल गांधी ने पहली बार लोगों को 2017 में दिवाली की शुभकामनाएं दी।
सबूत नंबर – 10
नेहरू गांधी परिवार कभी भी राम मंदिर निर्माण का समर्थन नहीं करता। बल्कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में भी कांग्रेसियों ने रोड़े अटकाने का काम किया है। कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राम मंदिर की सुनवाई जुलाई 2019 तक टाल दी जाए – ताकि लोक सभा चुनाव हो सके। ताकि कांग्रेस हिन्दुओं को बरगला कर सत्ता में आ जाए और राम मंदिर के निर्माण पर हमेशा के लिए रोक लग जाए।
सबूत नंबर – 11
2007 में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि राम, सीता, हनुमान और वाल्मिकी काल्पनिक किरदार हैं, इसलिए रामसेतु का कोई धार्मिक महत्व नहीं माना जा सकता है।
सबूत नंबर – 12
कांग्रेस ने ही पहली बार मुस्लिमों को हज में सब्सिडी देने और अमरनाथ यात्रा पर टैक्स लगाने का पाप किया। गौरतलब है कि दुनिया के किसी भी देश में हज में सब्सिडी नहीं दी जाती है, सिर्फ कांग्रेस ने भारत में ये शुरू किया। मोदी सरकार ने इसे खत्म कर दिया।
सबूत नंबर – 13
कांग्रेस ने ही सबसे पहले दुनिया भर में हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए हिन्दू आतंकवाद नाम का शब्द गढ़ा। एक ऐसा शब्द ताकि मुस्लिम आतंकवाद की तरफ से दुनिया का ध्यान भटकाकर हिन्दुओं को आतंकवादी सिद्ध किया जा सके।
सबूत नंबर – 14
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बयान के जरिए देश की बहुसंख्यक आबादी को चौंका दिया, जब उन्होंने कहा कि मंदिर जाने वाले लोग लड़कियों को छेड़ते हैं। हिन्दू धर्म में मंदिर जाने वाले लोग लफंगे होते हैं।
सबूत नंबर – 15
तीन तलाक पर सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के करीबी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस्लामी कुरीति की तुलना राम से कर दी। उन्होंने ये तुलना जान बूझकर की थी।
सबूत नंबर – 16
राहुल गांधी ने विदेश जाकर ये फैलाने की कोशिश की कि लश्कर से भी ज्यादा कट्टर आतंकी हिन्दू होते हैं। जबकि आज तक कभी ये सामने नहीं आया कि कोई हिन्दू आतंकी बना हो।
सबूत नंबर – 17
राहुल गांधी ने जर्मनी जाकर फिर से हिन्दू धर्म को बदनाम करने का प्रयास किया। राहुल ने कहा कि भारत में महिलाओं के खिलाफ जो अत्याचार होते हैं, उसकी वजह भारतीय संस्कृति है।
कांग्रेस पार्टी का सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद रहा है, हिंदुओं का विरोध। इसके लिए कांग्रेस पार्टी किसी भी हद तक जा सकती है। डालते हैं एक नजर-
हिंदुओं को demoralise करने का मौका नहीं छोड़ती कांग्रेस
पिछले दिनों कर्नाटक के हज मंत्री आर रोशन बेग ने हजयात्रियों से अपील की थी कि वे गौरक्षकों के अत्याचारों से रक्षा के लिए मक्का और मदीना में दुआ करें। कर्नाटक राज्य हज समिति के अध्यक्ष रोशन बेग ने ये बातें 24 जुलाई को राज्य से हज यात्रियों का जत्था रवाना होने के दौरान कही थीं। दरअसल रोशन बेग का यह बयान कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता को दिखाता है। रोशन बेग ने वही किया है जो उनकी पार्टी वर्षों से परंपरागत तौर पर करती आ रही है। हिंदुओं को किसी भी तरीके से demoralise करना और मुसलमानों का तुष्टिकरण कांग्रेस की नीति का हिस्सा रही है। कर्नाटक के मंत्री का ये बयान पार्टी के इसी appeasement policy का हिस्सा है।
कठमुल्लों की भाषा बोलती है कांग्रेस पार्टी
मुसलमानों की तुष्टिकरण के नाम पर कांग्रेस हमेशा से हिंदू विरोध की मानसिकता से ग्रस्त रही है। जिस तरह की हिंदू विरोध की भाषा कठमुल्ले बोलते हैं ठीक उसी की भाषा अब कांग्रेस के मंत्री भी बोलते हैं। रोशन बेग की बातें तो आज सरेआम हुई हैं, लेकिन मणिशंकर अय्यर, कपिल सिब्बल और दिग्विजय सिंह जैसे नेता भी इसी तरह की भाषा बोलते रहे हैं। सबसे खास यह है कि मुस्लिम प्रेम में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व हिंदुओं के प्रति विषवमन को अनसुना करती रही है। दरअसल यह कांग्रेस की रणनीति है कि मुसलमान वोट उनसे जुड़े रहें। लेकिन क्या एक तबके को खुश करने के चक्कर में दूसरे तबके की भावनाओं को आहत करने की कांग्रेस की नीति कांग्रेस की लुटिया नहीं डुबो देगी?
कांग्रेस के हिंदू विरोध का एंटनी ने किया था खुलासा
2014 में करारी हार मिलने के बाद कांग्रेस के भीतर मंथन में यह बात निकलकर आई कि कांग्रेस की छवि हिंदू विरोध की है। वरिष्ठ नेता ए के एंटनी ने भी पहली बार स्वीकार किया था कि पार्टी को हिंदू विरोधी छवि के चलते नुकसान हुआ है। तब ये बात भी सामने आई थी कि हर मुद्दे पर कांग्रेस जिस तरह से तुष्टिकरण की लाइन लेती है, वो बात अब आम जनता भी महसूस करने लगी है। बहुसंख्यक हिंदू समझ चुके हैं कि कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों के लिए सोचती है। इसी के चलते बचे-खुचे हिंदू मतदाताओं ने भी कांग्रेस से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। लेकिन, सोनिया गांधी या राहुल गांधी ने फिर भी इस कड़वी सच्चाई से मुंह मोड़े रखा। परिणाम देश के सामने है, कांग्रेस का अस्तित्व मिटता जा रहा है।
विकीलीक्स के खुलासे में भी आई थी हिंदू विरोध की बात
17 दिसंबर, 2010… विकीलीक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई, 2009 को हुई बातचीत का एक ब्योरा दिया। राहुल गांधी की जो बात सार्वजनिक हुई उसने देश के 100 करोड़ हिंदुओं के बारे में राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी की सोच को सबके सामने ला दिया। राहुल ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, ”भारत विरोधी मुस्लिम आतंकवादियों और वामपंथी आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।” जाहिर तौर पर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी हिंदुओं को कठघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं चूकती। अमेरिकी राजदूत के सामने दिया गया उनका ये बयान कांग्रेस की बुनियादी सोच को ही दर्शाता है।
‘भगवा आतंकवाद’ पर हिंदुओं को बदनाम किया
जिस हिंदू संस्कृति और सभ्यता की सहिष्णुता को पूरी दुनिया सराहती है, उसे भी बदनाम करने में कांग्रेस ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। 2007 में हुए समझौता एक्सप्रेस धमाके के संदिग्ध पाकिस्तानी आरोपी को साजिश के तहत छोड़ दिया गया और उनके स्थान पर निर्दोष हिन्दुओं को गिरफ्तार किया गया। समझौता विस्फोट में राजनीतिक लाभ के लिए दिग्विजय सिंह, शिवराज पाटिल, सुशील कुमार शिंदे ने हिंदू आतंकवाद का जाल बुना और एक पूरे के पूरे समुदाय को बदनाम किया।
भगवान राम की तुलना तीन तलाक और हलाला से की
16 मई, 2016 को तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी। बहस सामान्य थी कि ट्रिपल तलाक और हलाला मुस्लिम महिलाओं के लिए कितना अमानवीय है। लेकिन सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता और AIMPLB के वकील कपिल सिब्बल ने तीन तलाक और हलाला की तुलना राम के अयोध्या में जन्म से कर डाली। कपिल सिब्बल ने दलील दी है जिस तरह से राम हिंदुओं के लिए आस्था का सवाल हैं उसी तरह तीन तलाक मुसलमानों की आस्था का मसला है। साफ है कि भगवान राम की तुलना, तीन तलाक और हलाला जैसी घटिया परंपराओं से करना कांग्रेस और उसके नेतृत्व की हिंदुओं की प्रति उनकी सोच को ही दर्शाता है।
कांग्रेस की परंपरा रही है हिंदू विरोध
कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारें भी हिंदू परंपरा और धर्म का उपहास उड़ाती रही हैं। आरोप तो यहां तक हैं कि ऐसे लोगों को इतिहास लिखने को दिया गया, जिन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर हिंदुओं को बदनाम किया। हिंदू कोड बिल लेकर आने वाली कांग्रेस ने हमेशा कॉमन सिविल कोड का विरोध किया और ट्रिपल तलाक के मसले को साजिश ठहराने की कोशिश की। 2012 में मनमोहन सिंह की सरकार ने मुस्लिम आरक्षण विधेयक लाकर अपना असली चेहरा दिखा दिया था। यही नहीं जब पिछले साल मोदी सरकार ने असम में हिंदुओं और गैर-मुसलमानों को नागरिकता देने का फैसला किया, तो कांग्रेस ने उसका विरोध किया। इसके साथ ही जबरिया धर्म-परिवर्तन के हर मामले में कांग्रेस गैर-हिंदुओं के साथ खड़ी रही। लेकिन जब कोई हिंदू बना तो उसे गलत करार देने में पल भर का भी समय नहीं लिया।
सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण और बीएचयू में हिंदू शब्द पर कांग्रेस को एतराज
हिंदुओं के सबसे अहम मंदिरों में से एक सोमनाथ मंदिर को दोबारा बनाने का जवाहरलाल नेहरू ने विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि सरकारी खजाने का पैसा मंदिरों पर खर्च नहीं होना चाहिए। ऐसे ही नेहरू को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदू शब्द पर आपत्ति थी। वे चाहते थे कि इसे हटा दिया जाए। इसके लिए उन्होंने महामना मदनमोहन मालवीय पर दबाव भी बनाया था। जबकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम से दोनों को ही कोई एतराज नहीं था।
वंदेमातरम का भी विरोध करती रही है कांग्रेस
आजादी के बाद यह तय था कि वंदे मातरम राष्ट्रगान होगा। लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने इसका विरोध किया और कहा कि वंदे मातरम से मुसलमानों के दिल को ठेस पहुंचेगी। जबकि इससे पहले तक तमाम मुस्लिम नेता वंदे मातरम गाते थे। नेहरू ने ये रुख लेकर मुस्लिम कट्टरपंथियों को शह दे दी। जिसका नतीजा देश आज भी भुगत रहा है। आज तो स्थिति यह है कि वंदेमातरम को जगह-जगह अपमानित करने की कोशिश होती है। जहां भी इसका गायन होता है कट्टरपंथी मुसलमान बड़ी शान से बायकॉट करते हैं।
इनके डीएनए में मुसलमानों का खून है। मोतीलाल मुसलमान से हिन्दू बने थे अब ये बात जग जाहिर है। फ़ीरोज़ खान को गांधी जी ने केवल गांधी सरनेम उपहार स्वरूप दिया था न कि कानूनन गोद लिया था, इसलिए उधारी के सरनेम वाले ये सभी वास्तव में खान हैं। सोनिया ईसाई है और इसाइयों के प्रति उनका झुकाव किसी से छुपा नहीं है। कांग्रेस के शेष नेता अपनी औकात जानते हैं कि इस नेहरु गांधी परिवार के बिना इन्हे कोई नहीं पूछता है इसलिए इन सबमें इस परिवार की प्रदक्षिणा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, इसीलिए सभी मुस्लिमों को जीजाजी जीजाजी कहने के लिए मजबूर हैं, कुछ कांग्रेस की गिरती लोकप्रियता से ये सभी बौखलाए हुए हैं, इसलिए बोलने से पहले बात के अर्थ के वारे में सोच ही नहीं पाते हैं