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शर्मनाक! नाजुक वक्त में भी पाकिस्तान के साथ खड़े हैं कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक प्रहार किया है। पुलवामा अटैक के बाद मोदी सरकार ने जो रणनीति अपनाई है उससे पाकिस्तान थर-थर कांप रहा है। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में आज पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां और कांग्रेस परस्त पत्रकार पाकिस्तान की तरफदारी करते नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी की अगुवाई में 21 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने बुधवार के दिल्ली में बैठक की थी। इस बैठक में देश के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई। लेकिन बैठक के बाद जो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत दूसरे नेताओं ने जो बयान दिए, उनसे साबित हो गया कि वे प्रधानमंत्री मोदी से साथ नहीं बल्कि पाकिस्तान के साथ खड़े हैं। राहुल गांधी ने बताया कि बैठक में सभी नेताओं ने भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए मोदी सरकार से विपक्ष को विश्वास में लेने का आग्रह किया। यानि उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की केंद्र सरकार ने विपक्ष को विश्वास में लिए बगैर ही ये कार्रवाई की है। जबकि सच्चाई यह है कि दो दिन पहले ही सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार ने विपक्ष को सारी परिस्थियों से अवगत करा दिया था।

21 विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त बयान भी जारी किया, जिसमें उन्होंने साफ कहा कि पुलवामा हमले के बाद सत्ताधारी दल यानि भाजपा के नेताओं ने जवानों के शहादत का राजनीतिकरण किया है।

पाकिस्तान में बैठे इन नेताओं के आकाओं ने इस बयान को हाथों-हाथ लिया और पाकिस्तान सरकार कहने लगी कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा आगामी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए जानबूझ कर युद्ध का माहौल बना रहे हैं।

इतना ही नहीं कई कांग्रेस परस्त पत्रकार भी पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हुए मोदी सरकार पर युद्ध थोपने का आरोप लगा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी अपने सामर्थ्य से बल पर देशवासियों को एकजुट कर भयमुक्त माहौल बनाने में लगे हैं। आज जहां पाकिस्तान में बंदी जैसे हालात हैं, वहीं भारत के किसी भी शहर में इस तनाव का कोई असर नहीं दिखाई देता है। लेकिन मोदी विरोधी नेताओं को ये सब अच्छा नहीं लग रहा है। बीएसपी अध्यक्ष मायावती जैसे नेता भारत में भी पाकिस्तान जैसी बदहवासी देखना चाहते हैं। मायावती ने ऐसा ट्वीट किया है, जिससे जाहिर होता है कि प्रधानमंत्री मोदी रोजमर्रा के जरूरा कार्य छोड़ देने चाहिए। ऐसे समय में भी मायावती जैसी नेता प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में खड़ी नजर आ रही हैं।

सीपीएम ने हमले के पीछे भाजपा-आरएसएस की साजिश बताया
भारत के कई राजनीतिक दल को बालाकोट में आतंकी शिविर नष्ट करने की घटना को ही झूठा बताने पर तुले हैं। इन दलों के नेताओं को भारतीय वायु सेना पर विश्वास नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के दावों पर विश्वास है। सीपीएम की केरल इकाई के राज्य सचिव कोदियेरी बालाकृष्णन ने कहा है कि भारत द्वारा किया गया हवाई हमला आम चुनाव की प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक चाल है।

बालाकृष्णन ने कहा कि इस हमले को आम चुनाव से पहले पाकिस्तान के साथ युद्ध भड़काने की बीजेपी-आरएसएस गठजोड़ की एक चाल के रूप में देखा जा सकता है, ताकि चुनाव को टाला जा सके। उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के बदले कश्मीर के लोगों को दुश्मन बनाने की कोशिश कर रही है।

समाजवादी पार्टी नेता ने एयर स्ट्राइक को झूठा बताया
समाजवादी पार्टी ने तो सारी हदें पार कर दी हैं। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह ने वायुसेना की एयर स्ट्राइक को झूठा करार दिया है। विनोद कुमा ने कहा कि बीजेपी झूठ बोलने वालों की पार्टी है। इस सपा नेता ने दावा किया है कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान से बात करके वहां खाली मकान पर बम गिराया है। सर्जिकल स्ट्राइक में कोई आतंकी नहीं मारा गया है।

महबूबा मुफ्ती ने भी एयर स्ट्राइक का विरोध किया
पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी भारत द्वारा किए गए हवाई हमले पर अलग ही राय जाहिर की है। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि लोग जंग की संभवानाओं को लेकर खुशी मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सही मायनों में जहालत है। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके कहा, ‘आज भारतीय वायुसेना के हमले के बाद ट्विटर और न्यूज चैनलों पर बड़े पैमाने पर युद्धोन्माद हुआ। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि पढ़े-लिखे लोग की जंग की संभावना पर खुशी मना रहे हैं। यह सही मायनों में जहालत है।

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