Home झूठ का पर्दाफाश एयरफोर्स चीफ ने HAL पर राहुल गांधी के ‘झूठ’ की खोली पोल

एयरफोर्स चीफ ने HAL पर राहुल गांधी के ‘झूठ’ की खोली पोल

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वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने राफेल डील में HAL को लेकर राहुल गांधी द्वारा फैलाए जा रहे एक-एक झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। एयरफोर्स के सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में धनोआ ने स्पष्ट किया कि राफेल सौदे में डसॉल्ट कंपनी से मतभेदों के कारण HAL को यह करार नहीं मिला, न कि किसी दबाव के कारण। उन्होंने कहा, 126 विमानों को खरीदने के मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानि MMRCA सौदे में राफेल सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी थी, लेकिन इसमें HAL और डसॉल्ट एविएशन के बीच मतभेदों के चलते गतिरोध पैदा हो गया था।

उन्होंने देश को जानकारी दी कि विमान के उत्पादन में HAL का अतिरिक्त श्रम, समय और कुल लागत के बढ़ने को लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि करार नहीं हो पाया। आपको यह भी बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान जून 2007 में Defense Acquisition Council (DAC) ने ‘इंडियन इंडस्ट्री’ को डसॉल्ट का ऑफसेट पार्टनर बनाया था, यानि भारत में HAL की जगह इंडियन इंडस्ट्री काम करती।

एयरफोर्स चीफ ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके पास तीन ही विकल्प थे – पहला इंतजार करते रहते, दूसरा खरीद के प्रस्ताव (RFP) को वापस लेते और तीसरा Emergency purchase करते। इस स्थिति में तीसरा विकल्प अपनाया गया और 36 विमानों की आपात खरीद की गई।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पहले से ही HAL के साथ हुए करार में डिलीवरी को लेकर काफी देरी हो रही है। जाहिर है शिड्यूल से बहुत पीछे रहने और रक्षा क्षेत्र की तत्काल जरूरतों के कारण सरकार HAL पर निर्भर नहीं रह सकती है।

टारगेट पूरे करने में पीछे है HAL
वर्तमान सरकार HAL से एक लाख करोड़ के 83 फाइटर जेट्स, 15 कॉम्बो हेलीकॉप्टर 19 डॉर्नियर एयरक्राफ्ट्स, 200 कोमोव हेलीकॉप्टर खरीद रही है। HAL को 2006 से 2010 के बीच 40 तेजस एयरक्राफ्ट्स देना था, लेकिन वह 9 एयरक्राफ्ट्स की ही डिलीवरी दे सका है।

डिलीवरी में देरी से बढ़ा अविश्वास
सुखोई-30 की डिलीवरी में 3 साल की देरी
जगुआर की डिलीवरी में 6 साल की देरी
LCA की डिलीवरी में 5 साल की देरी
मिराज-2000 अपग्रेडेशन में दो साल की देरी

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