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मोदी सरकार ने दी शहरी गरीबों के लिए 1.86 लाख और किफायती मकानों को मंजूरी

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आजादी के 70 साल बाद भी आज करीब पांच करोड़ परिवार ऐसे हैं जिनके पास अपना घर नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरों के इन दो करोड़ और ग्रामीण आबादी के करीब तीन करोड़ परिवारों की पीड़ा को समझा और उन्होंने साल 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने का वादा किया। 2022 तक सभी के लिए मकान सुनिश्चित करने के लक्ष्य को लेकर जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी। उसी के तहत आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत शहरी गरीबों के हित में 1,86,777 और किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने 2797 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 11,169 करोड़ रुपये के निवेश से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत शहरी गरीबों के हित में 1,86,777 और किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है।

इसके साथ ही सीएसएमसी से अंतिम मंजूरी के बाद पीएमएवाई (शहरी) के तहत कुल मकानों की संख्या बढ़कर 37,83,392 हो जाएगी। यही नहीं, आरएवाई स्कीम की परियोजनाओं को मिलाने के बाद पीएमएवाई (शहरी) के तहत वित्त पोषित किये जा रहे मकानों की कुल संख्या बढ़कर 39,25,240 हो जाएगी।

हरियाणा के लिए 799 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 4322 करोड़ रुपये के निवेश से 38 शहरों एवं कस्बों में 53290 मकानों को मंजूरी दी गई है। इसी तरह तमिलनाडु के लिए 2314 करोड़ रुपये के निवेश और 609 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 65 शहरों एवं कस्बों में 40623 मकानों को मंजूरी दी गई है। कर्नाटक के लिए 1461 करोड़ रुपये के निवेश एवं 490 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 95 शहरों एवं कस्बों में 32656 किफायती मकानों को स्वीकृति दी गई है। गुजरात के लिए 234 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 946 करोड़ रुपये के निवेश से 45 शहरों एवं कस्बों में 15584 मकानों को मंजूरी दी गई है। महाराष्ट्र के लिए 182 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 868 करोड़ रुपये के निवेश से 13 शहरों एवं कस्बों में 12123 मकानों को स्वीकृति दी गई है। केरल के लिए 142 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 284 करोड़ रुपये के निवेश से 52 शहरों एवं कस्बों में 9461 मकानों को मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड के लिए 93 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 258 करोड़ रुपये के निवेश से 57 शहरों एवं कस्बों में 6226 मकानों को स्वीकृति दी गई है। ओडिशा के लिए 77 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 156 करोड़ रुपये के निवेश से 26 शहरों एवं कस्बों में 5133 मकानों को मंजूरी दी गई है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) (शहरी) के लाभार्थी की अगुवाई वाले निर्माण (बीएलसी) घटक के तहत 1,08,095 नये मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई जिसके तहत तमिलनाडु में 26672, कर्नाटक में 16630, हरियाणा में 13663, बिहार में 11411, केरल में 9461, गुजरात में 8768, महाराष्ट्र में 7088, उत्तराखंड में 5698 और ओडिशा में 5133 मकानों का निर्माण प्रस्तावित है। साझेदारी में किफायती मकान (एएचपी) घटक के तहत हरियाणा में 36056, कर्नाटक में 16026, तमिलनाडु में 13951, गुजरात में 6246, महाराष्ट्र में 5035 और उत्तराखंड में 528 मकानों का निर्माण प्रस्तावित है।

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