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ABP के एजेंडा एंकर अभिसार शर्मा

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देश में पत्रकारिता का स्तर नीचे गिराने में अगर किसी का सबसे बड़ा हाथ है, तो टीवी चैनल के एंकरों का है। खबरों के नाम पर सनसनी और नकारात्मक रुप में खबरें पेश करना ही इनकी पत्रकारिता है। ABP न्यूज पर एंकरिंग करने वाले अभिसार शर्मा की पत्रकारिता नकारात्मक खबरों के साथ एजेंडा सेटिंग की पत्रकारिता है।

अभिसार शर्मा को जब भी मौका मिलता है, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ विरोध का एजेंडा चलाने से पीछे नहीं हटते। आइए! आपको भी अभिसार शर्मा की एजेंडा पत्रकारिता के बारे में बताते है-

एजेंडा पत्रकारिता-1
अभिसार शर्मा अपनी पत्रकारिता में एजेंडा चलाते हैं, इस बात का सबसे बड़ा सबूत 21 दिसंबर को 2G घोटाले पर पर सीबीआई कोर्ट के आये निर्णय पर किये गये इनके Tweets से मिलता है। जब सभी कह रहे थे कि कोर्ट का निर्णय गलत है क्योंकि उन्हीं सबूतों के आधार पर सर्वोच्च न्यायलय ने 122 स्पेक्ट्रम लाइसेंस के आवंटन रद्द कर दिए थे, तो अभिसार ने अपने Tweets में मोदी सरकार को ही कठघरे में खड़ा करना शुरु कर दिया, क्योंकि इससे कांग्रेस को फायदा दिखता हुआ नजर आ रहा था।

एजेंडा पत्रकारिता-2
अभिसार शर्मा अपने एजेंडे को चलाने के लिए किसी भी कुतर्क को रच सकते हैं, 21 दिसंबर को किए गये इस Tweet से बड़ा सबूत और क्या हो सकता है।

एजेंडा पत्रकारिता-3
अभिसार शर्मा ने पत्रकारिता की तब सारी हदें पार कर दीं, जब अपने एजेंडे को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को नकारात्मक रुप में पेश करने के लिए अपने कुतर्क को कुछ इस तरह से Tweet पर लिख डाला-


एजेंडा पत्रकारिता-4
प्रधानमंत्री मोदी की छवि को नकारात्मक रुप में पेश करना अभिसार शर्मा का सबसे बड़ा एजेंडा है, इसके लिए किसी भी कूटनीतिक स्थिति का लाभ लेने से चूकते नहीं। अभिसार के समझ के निम्न स्तर को इस Tweet से बेहतर समझा जा सकता है, जिसे उन्होंने 14 दिसंबर को एक Tweet के जवाब में लिखा-


एजेंडा पत्रकारिता-5
अभिसार शर्मा हर मौके का इस्तेमाल प्रधानमंत्री मोदी की नकारात्मक छवि बनाने के लिए करते हैं, जिसे वह अपनी पत्रकारिता कहते हैं। मुद्दों को गहराई से समझने के बजाए तात्कालिक वाह-वाही लूटने के लिए 27 नवंबर को एक Tweet किया, जिससे साफ पता चलता है कि वह इशारों-इशारों में क्या कर रहे हैं।

एजेंडा पत्रकारिता-6
इसी तरह से 27 नवंबर के एक Tweet में लिखा कि प्रधानमंत्री बनने के साढ़े तीन साल बाद भी वे बेचारे हैं, गरीब हैं, बेबस हैं इसलिए अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि गुजरात मॉडल पर बात नहीं करेंगे। आखिर, अभिसार किस स्तर की पत्रकारिता करते हैं, यह तो इस Tweet से साफ हो जाता है।

एजेंडा पत्रकारिता-7
अभिसार शर्मा अपना एजेंडा चलाने के लिए किस स्तर तक अमर्यादित हो सकते हैं कि एक Tweet के जवाब मे देश के प्रधानमंत्री से लेकर उन सभी को बीमार घोषित कर देते हैं, जिन्होंने नरेन्द्र मोदी को चुनकर प्रधानमंत्री बनाया है।

एजेंडा पत्रकारिता करने वाले अभिसार शर्मा के अंदर एक ऐसा पत्रकार है जो स्वयं तो बीमार है ही और देश की पत्रकारिता को भी बीमार कर रहा है।

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