Home विशेष प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व-पटल पर भारत की दमदार उपस्थिति

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व-पटल पर भारत की दमदार उपस्थिति

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत एक नए स्वरूप, नई सामर्थ्य के साथ विश्व के सामने खड़ा है। केवल तीन साल के अल्प कार्यकाल में ही मोदी सरकार ने न केवल विश्व-मंच पर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है, बल्कि आज वह कई मोर्चों पर अगुवाई की भूमिका में भी है। आज अनेक ऐसे अवसरों पर भारत की साख बनी है, बढ़ी है, जैसा इससे पहले कभी नहीं हुआ था। इसका ताजा उदाहरण है, हैदराबाद में सम्पन्न वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन [ग्लोबल आंत्रप्रन्योरशिप समिट ]- 2017। इस समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सलाहकार तथा उनकी बेटी इवांका ट्रंप ने किया। इस बार का विषय ‘वुमेन फर्स्‍ट, प्रॉस्‍पेरिटी फॉर ऑल’ यानी सबकी समृद्धि के लिए पहले महिलाओं की समृद्धि, इस सम्‍मेलन को पहले के मुकाबले खास बनाता है। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। 

बतौर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में इससे पहले भी देश के लिए गर्व के ऐसे कई क्षण सामने आ चुके हैं, जहां पूरी दुनिया ने भारत के तेजी से विकासशील सामर्थ्य का लोहा माना। कुछ ऐसे ही अवसरों की चर्चा हम यहां कर रहे हैं।

ग्लोबल साइबर स्पेस कांफ्रेंस
भारत में पहली बार आयोजित इस ग्लोबल साइबर स्पेस कांफ्रेंस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस दो दिवसीय सम्‍मेलन में 33 देशों के अतिरिक्त भारत के सभी राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भी शामिल हुए। इससे पूर्व यह सम्‍मेलन लंदन, बुडापेस्ट, सियोल और हेग आदि देशों में आयोजित होता रहा है। इस कांफ्रेस का उद्देश्य विश्व में बढ़ते साइबर क्राइम का सशक्त समाधान तलाश करना रहा। साथ ही इस बात पर भी बल दिया गया कि युवाओं को इस दिशा में अपनी समर्थता दिखाने व रोजगार पाने के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाने के प्रयास किए जाएं। यह विषय अब पूरे विश्व के लिए एक समान चिंता का विषय बन गया है।

भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन
14वां भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन अक्टूबर, 2017 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत-यूरोपीय संघ की सामरिक भागीदारी एवं भारत की प्रगति और विकास के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अग्रिम सहयोग को बढ़ाना था। इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वालों में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड फ्रांसिसजिक टस्क और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीनक्लाउड जंकर के अतिरिक्त एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था।

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन
मार्च, 2017 को राजगीर, बिहार में हुए इस अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के आयोजन में विश्व के 35 देशों से आये प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। वर्तमान वैश्विक परिददृश्य में इसकी बहुत अधिक प्रासंगिकता है, जिसके समाधान का नेतृत्व भारत ने किया।

आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
नवंबर, 2016 से आरंभ हुए इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते प्रधानमंत्री मोदी ने इसके महत्त्व को रेखांकित किया था। आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाइ फ्रेमवर्क अपनाने के बाद यह पहला प्रमुख अंतर्सरकारी आयोजन था। समस्त विकसित और विकासशील देश मिलकर भी प्राकृतिक आपदा की पूरी तरह से रोकथाम में समर्थ नहीं हैं, मगर इसके प्रति बरती जाने वाली सावधानी द्वारा जोखिम को काफी सीमा तक कम किया जा सकता है। यह सम्मेलन इसी विचार से प्रेरित था।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
अक्टूबर, 2016 में गोवा में हुए इस ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत के लिए आतंकवाद का मुद्दा अहम रहा। साथ ही इस दिशा में भी भारत ने अत्यंत सशक्त रूप से अपनी बात रखी कि आतंकवाद केवल किसी एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि आज पूरा विश्व ही इससे पीड़ित है। भविष्य में भारत की नीति इस विषय पर क्या होगी, इसका उत्तर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उरी हमले के बाद पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक करके जोरदार ढंग से दिया था।

ब्रिक्स देशों की महिला सांसदों का सम्मेलन
ब्रिक्स देशों की महिला सांसदों के सम्मेलन में भारत, ब्राजील, चीन, दक्षिण अफ्रीका और रूस की 42 महिला सांसदों ने भाग लिया। इन देशों के लिए निर्धारित ‘स्थायी विकास के लक्ष्य की रणनीति और उसमें महिला सांसदों की भूमिका’ पर चर्चा हुई। सम्मेलन में भारत से 28, ब्राजील से पांच, रूस से तीन, चीन से दो और दक्षिण अफ्रीका से चार महिला सांसद शामिल हुई थीं

वर्ल्ड सूफी सम्मेलन
वर्ल्ड सूफी सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में किया गया, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। इस सम्मेलन का आयोजन ‘ऑल इंडिया उलेमा एवं मशाइख बोर्ड’ (AIUMB) द्वारा किया गया था, जो सुन्नी मुस्लिमों की सर्वोच्च संस्था है। सम्मेलन में 200 से अधिक भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आयोजन का केंद्रबिंदू संगीत से अध्यात्म की यात्रा को चिन्हित करना रहा।

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