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मोदी राज में आतंकियों की शामत, सेना ने 24 घंटे में मार गिराए 5 आतंकी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ दी है। घाटी में सेना और सुरक्षाबलों के जवान आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित तंगधार में सेना ने पिछले 24 घंटे में कुल पांच आतंकी मार गिराए हैं। आसपास के क्षेत्र में आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अभियान में सेना ने सोमवार को तीन आतंकियों को मार गिराया। इसके पहले रविवार रात आतंकियों का एक दल तंगधार सेक्टर में एलओसी के रास्ते घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान मुंहतोड़ में सेना ने दो आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया जबकि तीन अन्य वहां से फरार हो गए।

एक नजर डालते हैं किस तरह जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया हो रहा है और मोदी सरकार ने अपनी रणनीति और नीतियों से किस तरह राज्य के लोगों का दिल जीतने की कोशिश की है।-

जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने ढेर किए 8 आतंकी
इसके पहले जम्मू-कश्मीर में 13 सितंबर को तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में आठ आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया। पहली मुठभेड़ जम्मू के काकरियाल में हुई, जहां सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को मार गिराया। कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में एलओसी के पास हुई दूसरी मुठभेड़ में बीएसएफ के जवानों ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। वहीं तीसरी मुठभेड़ बारामूला के सोपोर में हुई, जहां सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया।

दो वर्षों में सुरक्षाबलों ने ढेर किए 360 से अधिक आतंकी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों की वजह से आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में तेजी के साथ आतंकियों का सफाया हुआ है। सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन के चलते राज्य में आतंकियों की औसत उम्र घट गई है और बीते दो वर्षों में ही सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों ने 360 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने हाल ही में समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में बताया है कि सुरक्षा बलों के एक के बाद एक अभियान के कारण कश्मीर घाटी में आतंकियों की ‘उम्र’ घट गई है।

सुरक्षाबलों ने कश्मीर में तोड़ी आतंकवाद की कमर
3 अगस्त, 2018 को कश्मीर घाटी के शोपियां में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पांच आतंकियों को मार गिराया। सेना को किलोरा में लश्कर कमांडर के छिपे होने की जानकारी मिली थी। सेना ने इसके बाद हुई मुठभेड़ में कमांडर को मार गिराया। रात में एनकाउंटर बंद हो गया, लेकिन सुबह सेना के सर्च ऑपरेशन के दौरान दोबारा से गोलीबारी शुरू हो गई। जिसके बाद मुठभेड़ में चार और आतंकियों का मार गिराया गया। इसके पहले पिछले महीने शोपियां के कुंदालन गांव में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे।

मारा गया हिज्बुल का टॉप कमांडर समीर टाइगर
इसके पहले अप्रैल महीने में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली थी। हिज्बुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर समीर टाइगर को पुलवामा में मार गिराया। सुरक्षा बलों ने टाइगर के अलावा आकिब खान नाम के एक और आतंकी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। बुरहान वानी की तरह टाइगर को भी घाटी में हिज्बुल के नये पोस्टरबॉय के रूप में देखा जा रहा था। समीर अहमद भट उर्फ समीर टाइगर नवम्बर 2017 में उस वक्त राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया था जब दक्षिण कश्मीर के किसी बगीचे में खींचे एक फोटो में वह अमेरिकी एम 4 कार्बाइन थामे हुए दिखा था।

जम्मू-कश्मीर में सेना का कसता शिकंजा
एक अप्रैल 2018 को दक्षिण कश्मीर के शोपियां और अनंतनाग जिलों में सेना ने आतंकियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 11 दहशतगर्दों को मार गिराया। पिछले एक दशक में इसे आतंकियों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है। अनंतनाग में एक आतंकवादी को जिंदा गिरफ्तार किया गया, जबकि एक आतंकी को ढेर किया गया है। वहीं शोपियां के द्रागड गांव में 7 आतंकियों को ढेर किया गया है, ये सभी आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए है। शोपियां के काचदोरा में दूसरे ऑपरेशन में 3 आतंकियों को मारा गया है।

दोगुनी रफ्तार से ढेर किए जा रहे आतंकी
आतंकवाद देश के लिए नासूर है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इसे जड़ मूल से सफाया करने का अभियान जारी है। एक ओर जहां हमारे सुरक्षा बल आतंकवादियों पर कहर बनकर टूट रहे हैं वहीं भटके हुए युवाओं को गले लगाने की भी प्रक्रिया शुरू की गई है। जनवरी, 2017 में जब से ऑपरेशन ऑल आउट शुरू किया गया है प्रतिदिन कोई न कोई आतंकी मारा जा रहा है। आतंकियों के हौसले पस्त हैं और कश्मीर घाटी अमन की ओर बढ़ रहा है।

चार साल में मारे गए 598 आतंकी
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2018 में चार मार्च तक जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा की 60 घटनाएं हुईं जिनमें 17 आतंकवादी मारे गए। वर्ष 2014 में 110 आतंकवादी ढेर किए गए थे जबकि वर्ष 2015 में जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा की 208 घटनाएं हुई, जिनमें 108 आतंकवादी मारे गए। वर्ष 2016 में राज्य में आतंकी हिंसा की 322 घटनाओं में 150 आतंकवादी मारे गए, वहीं वर्ष 2017 में आतंकी हिंसा की 342 घटनाएं हुई जिनमें  213 आतंकवादी मारे गए। हालांकि इस दौरान हमारे 213 सुरक्षाबलों के जवान भी शहीद हो गए। लेकिन 2017 की जनवरी से चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑल आउट में तो सुरक्षा बलों की तुलना में ढाई गुना से भी अधिक आतंकी मारे गए हैं। गौरतलब है कि 2014 से अब तक 598 आतंकवादी जहन्नुम पहुंचाए जा चुके हैं।

यूपीए के तीन साल में मारे गए आतंकी

        वर्ष मारे गए आतंकियों की संख्या
        2011               100
        2012                72
        2013                67

 

मोदी सरकार के साढ़े तीन साल में मारे गए आतंकी

       वर्ष मारे गए आतंकियों की संख्या
        2014                   110
       2015                 108
       2016                 150  
       2017                    213

कुख्यात आतंकवादियों का खात्मा
कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में ही सेना और अर्धसैनिक बलों ने लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन के 14 से ज्यादा कमांडर और अहम जिम्मेदारियां संभालने वाले आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए बड़े आतंकी चेहरों में- अबू दुजाना (लश्कर), अबू इस्माइल (लश्कर), बशीर लश्करी (लश्कर), महमूद गजनवी (हिजबुल), जुनैद मट्टू (लश्कर), यासीन इट्टू उर्फ ‘गजनवी’ (हिजबुल) और ओसामा जांगवी मुख्य था। इनके अलावा बशीर वानी, सद्दाम पद्दर, मोहम्मद यासीन और अल्ताफ भी सुरक्षा बलों की गोलियों का शिकार हो गया।

अबु दुजाना के लिए चित्र परिणाम

मारे गए प्रमुख आतंकियों की सूची-

  • बुरहान मुजफ्फर वानी, हिजबुल मुजाहिदीन
  • अबु दुजाना, लश्कर ए तैयबा कमांडर
  • बशीर लश्करी, लश्कर ए तैयबा
  • सब्जार अहमद बट्ट, हिजबुल मुजाहिदीन
  • जुनैद मट्टू, लश्कर ए तैयबा
  • सजाद अहमद गिलकर, लश्क ए तैयबा
  • आशिक हुसैन बट्ट, हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर
  • अबू हाफिज, लश्कर ए तैयबा
  • तारिक पंडित, हिजबुल मुजाहिदीन
  • यासीन इट्टू ऊर्फ गजनवी, हिजबुल मुजाहिदीन
  • अबू इस्माइल, लश्कर ए तैयबा
  • ओसामा जांगवी, लश्कर ए तैयबा
  • ओवैद, लश्कर ए तैयबा
  • मुफ्ती विकास, जैश ए मोहम्मद

टेरर फंडिंग पर कसा शिकंजा
टेरर फंडिंग को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि NIA  ने अलगाववादियों के कई नेताओं को अंदर किया। NIA के अनुसार कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों के पास हवाला के जरिए पैसा पहुंचाया जा रहा था। एनआईए ने करोड़ों रुपये जब्त किए हैं वहीं सैयद अली शाह गिलानी, शब्बीर शाह समेत कई बड़े-बड़े अलगाववादी नेता NIA और ED की गिरफ्त में हैं।

पत्थरबाजों पर कसी गई नकेल
वर्ष 2017 में पत्थरबाजी में 90 प्रतिशत तक की कमी आई। जहां पिछले साल हर रोज पत्थरबाजी की 40 से 50 घटनाएं होतीं थीं वहीं अब इक्का-दुक्का घटनाएं ही होती हैं। नोटबंदी का इस पर खासा असर पड़ा है। इसके अलावा टेरर फंडिंग को लेकर एनआईए ने अलगाववादियों पर जो कार्रवाई की उसका भी इस पर सकारात्मक असर पड़ा। जो लोग घाटी में पत्थरबाजों को पैसे बांटते थे, वो नोटबंदी के बाद हमले करने के लिए 100 युवकों को भी नहीं जुटा पा रहे हैं।

आतंकवाद का संरक्षक देश घोषित हुआ पाकिस्तान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के चलते अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाल दिया है। इसके साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, नार्वे, कनाडा, ईरान जैसे देशों ने आतंक के खिलाफ एकजुट रहने का वादा भी किया। 

अच्छे बुरे आतंकवाद के लिए चित्र परिणाम

सलाउद्दीन पर लगा प्रतिबंध
प्रधानमंत्री मोदी के दबाव के कारण अमेरिका ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और बढ़ावा देता है। पाकिस्तान में इनको ट्रेनिंग मिलती हैं और यहां से ही इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग हो रही है। 26 जून को अमेरिका ने हिजबुल सरगना सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किया तो साफ हो गया कि आतंक के मामले पर अमेरिका अब भाारत के साथ पूरी तरह खुलकर खड़ा है। दरअसल सलाउद्दीन का जम्मू-कश्मीर में कई हमलों के पीछे उसका हाथ रहा है। आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा वैश्विक स्तर पर चलाए जा रहे अभियान की यह एक बड़ी सफलता है।

हिजबुल मुजाहिदीन पर बैन
प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के चलते अमेरिका ने 16 अगस्त, 2017 को हिजबुल मुजाहिदीन को आतंकी संगठन करार दे दिया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हिजबुल मुजाहिद्दीन को आतंकवादी संगठन घोषित करने से इसे आतंकवादी हमले करने के लिए जरूरी संसाधन नहीं मिलेगा, अमेरिका में इसकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी और अमेरिकी नागरिकों को इससे संबद्धता रखने पर प्रतिबंधित होगा। अमेरिका ने यह भी कहा कि हिजबुल कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। अमेरिका इससे पहले लश्कर के मुखौटा संगठन जमात उद दावा और संसद हमले में शामिल जैश ए मोहम्मद पर पाबंदी लगा चुका है।

लोगों को गले लगाने का ऐलान
एक तरह सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी रही, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार स्थानीय लोगों के प्रति नरम रुख अपना रही थी। बीते साल 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, ‘गाली और गोली से नहीं, गले लगाने से कश्मीर समस्या हल होगी’। मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के रोडमैप ‘कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत’ पर चलने का फैसला किया। आतंकियों को ढेर, पत्थरबाजों पर नकेल और अलगाववादियों पर शिकंजा कसने के बाद सरकार ने शांति वार्ता की ओर रुख किया। मोदी सरकार के ट्रिपल एक्शन से अब आतंकवादी और उनके आका बैकफुट पर हैं। 

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