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चार साल में चौगुना काम, पीएमएवाई-जी के तहत बनेंगे दिसंबर तक एक करोड़ मकान

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आजादी के 75वें साल में देश में एक भी व्यक्ति ऐसा न हो, जिनके पास रहने के लिए अपना मकान न हो। ऐसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अकसर कहते हैं। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण का शुभारंभ 20 नवंबर, 2016 को किया। इसके तहत इस वर्ष 2018 के माह दिसंबर खत्म होते-होते एक करोड़ पक्के मकान बन जाएंगे हालांकि योजना के लॉन्चिंग के समय एक करोड़ मकान बनाने की समय सीमा मार्च 2019 रखी गई थी। पूर्व निर्धारित समय से तीन महीना पहले इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा।

मकान बनाने में चार गुना तेजी
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लॉन्च होने से पहले ग्रामीण आवास योजना के तहत 2013-14 में मात्र 10.51 लाख मकान बने। नरेन्द्र मोदी की केंद्र में सरकार बनने के बाद मकान बनने में तेजी आई, वर्ष 2014-15 में 11.91 लाख तो 2015-16 में 18.22 घर बने। प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण की लॉन्चिंग के बाद मकान बनाने में दोगुने गति से तेजी आई और 2016-17 में 32.23 लाख और 2017-18 में 44.54 लाख मकान बनाए गए। केंद्र सरकार का लक्ष्य प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2022 तक में 2.95 करोड़ पक्के मकान बनाने का लक्ष्य है। आवास योजना ग्रामीण के मकान बनाने की तेजी, इतनी है कि पिछले चार सालों में मकानों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है।

वर्ष 2013-14 2014-15 2015-16 2016-17 2017-18
घर की संख्या 10.51 11.91 18.22 32.23 44.54

गुणवत्तापूर्ण मकानों के लिए राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम
इतना ही नहीं, गुणवत्तापूर्ण आवास के निर्माण के लिए प्रशिक्षित राजमिस्त्री की आवश्यकता होती है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम 11 राज्यों में शुरू किए गए हैं। अब तक 25 हजार प्रशिक्षुओं ने इस कार्यक्रम में अपना नामांकन कराया जिसमें से 12,500 प्रशिक्षुओं की ट्रैनिंग पूरी हो गई, उन्हें प्रमाणपत्र भी मिल गया है। मार्च, 2019 तक एक लाख ग्रामीण राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले आवासों का निर्माण संभव होगा। साथ ही देश में कुशल कारिगरों की संख्या बढ़ेगी। प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे।

मकानों के 168 प्रकार के डिजाइन
जो भी मकान बने, वह गरीब को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए हो, इसको ध्यान में रखते हुए यूएनडीपी-आईआईटी दिल्ली ने आवासों के विभिन्न डिजाइन तैयार किए हैं। 15 राज्यों के लिए स्थानीय जलवायु और स्थानीय निर्माण सामग्री को ध्यान में रखते हुए बने। इसके लिए इस योजना के तहत 168 प्रकार के डिजाइन को सरकार ने मंजूरी दी है। इन डिजाइनों में से कोई भी डिजाइन प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी चुन सकते हैं और मकान बनवा सकते हैं। इन आवास डिजाइनों को केन्द्रीय आवास शोध संस्थान, रुडकी ने भी मंजूरी दी है। इन आवास डिजाइनों में लागत कम आती है तथा ये आपदा प्रतिरोधी भी हैं।

पीएमएवाई-जी के तहत बनने वाले प्रत्येक पक्के घर में शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली आपूर्ति, पेयजल आपूर्ति आदि सुविधाओं से ग्रामीण भारत की तस्वीर बहुत तेजी से बदल रही है।

 

PMAY ने बढ़ाए रोजगार के अवसर
दो साल पहले शुरू की गयी प्रधानमंत्री आवास योजना ने अब तक 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में निवेश किये गए हर 1 लाख रुपये पर 2.69 रोजगार लोगों को मिलते हैं। लगातार प्रयासों से यह आंकड़ा 4.06 तक पंहुचा जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 1,10,753 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। अनुमान है कि इस पूरी योजना के तहत लगभग 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिल सकता है।

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सस्ते मकान क्षेत्र में जबरदस्त तेजी
प्रधानमंत्री आवास योजना पीपीपी मोड के आधार पर चल रही है। ऐसा अनुमान है कि इस कारण सस्ते आवासीय क्षेत्र में जबरदस्त तेजी आने वाली है। कई हाउसिंग कंपनियों के अनुसार ग्राहकों का जबरदस्त आकर्षण दिख रहा है।पीएमएवाई के तहत केंद्र सरकार ने मध्यम आयवर्ग के लोगों के लिए दो नई योजनाएं शुरू की। इन योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज में 4 फीसदी और 12 लाख रुपये के आवास ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी छूट दी गई है।

पीपीपी मोड से कंपनियों में आकर्षण
सस्ते मकानों के इन नए खरीदारों पर कई अन्य कंपनियों की भी नजरें टिकी हुई हैं और इससे सस्ते मकानों की मांग में अब तेजी दिखने लगी है।इसी साल मार्च में कर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले 5,120 फ्लैटों के साथ सस्ती आवासीय परियोजना शुरू की है। सिंगापुर ग्लोबल ने गुडग़ांव के सेक्टर 36 में 20 लाख रुपये से कम कीमत वाले 1,244 मकानों के साथ अपनी परियोजना सेरेनाज को शुरू किया है। प्रॉपइक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2017 में समाप्त पिछले छह महीने के दौरान 20 लाख रुपये से कम कीमत वाले मकान श्रेणी में 13,122 नए मकान बनाने के लिए परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

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