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कर्नाटक में किसानों की कर्ज माफी का सच, 6 महीने में 250 किसानों ने की आत्महत्या

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कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार में किसानों की खुदकुशी के आंकड़ों ने कांग्रेस की पोल खोल कर रख दी है। कांग्रेस ने एमपी, राजस्थान और यूपी में किसानों को कर्जमाफी का झांसा देकर सरकार बनाने में भले ही कामयाबी पा ली हो, लेकिन हकीकत ये है कि कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार सत्ता में आने के 6 महीने बाद भी किसानों का कर्ज माफ नहीं कर पाई है।

डेक्कन क्रॉनिकल अखबार के मुताबिक हालत ये पहुंच गई है कि 6 महीने में कर्नाटक के 250 किसानों को खुदकुशी के लिये मजबूर होना पड़ा है। ये आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है।

कांग्रेस और जेडीएस ने कर्नाटक के किसानों को कर्ज माफी का सब्ज बाग दिखाकर बरगलाया था और मई 2018 में सरकार बनाई थी। इस तरह सरकार बने करीब 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन कर्नाटक सरकार कर्ज माफ करने के बजाए नए नए बहाने बना रही है। कर्नाटक के सहकारिता मंत्री बांदेपा काशमपुर ने खुद विधानसभा में बताया कि कर्ज माफी अगले साल जुलाई यानी करीब 8 महीने बाद ही हो पाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए आंकड़ा जुटाया जा रहा है लेकिन इसका फायदा केवल सहकारी बैंकों से लोन लेने वाले किसानों को ही मिलेगा। वाणिज्यिक और निजी बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों को इसका फायदा नहीं मिल सकेगा।

कर्नाटक सरकार के इस दोगले व्यवहार से किसान और किसान संगठन बेहद परेशान और गुस्से में हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता मिलने के 24 घंटे बाद कर्ज माफी का दावा करने वाले कुमारास्वामी टालमटोल कर रहे हैं। जिन किसानों ने वक्त पर कर्ज नहीं लौटाया, उनको गिरफ्तारी वारंट भी भेजे जा रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक में कांग्रेस के द्वारा किसानों पर हो रहे इन अत्याचारों का जिक्र किया था लेकिन कर्नाटक सरकार की बेशर्मी देखिये कि वो किसानों पर ही सहयोग न देने का आरोप लगा रही है।

जाहिर है जिस तरह कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में किसानों को बेवकूफ बनाया, वो एमपी,राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही ऐसा ही खेल खेलने जा रही है। इसीलिए जोर शोर से किए गए कर्ज माफी के ऐलान में ऐसी छिपी हुई शर्तें जोड़ दी गई है जिससे किसानों के हाथ में कुछ नहीं आएगा।

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