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मोदी सरकार ने 3 साल में दिलाया सिखों को इंसाफ, 1984 के सिख पीड़ितों को था 30 साल से इंतजार

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30 साल से इंसाफ के लिए तरस रहे 1984 सिख विरोधी हिंसा पीड़ितों को मोदी सरकार में 3 साल में इंसाफ मिल गया। दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट ने दो सिख युवकों की नृशंस हत्या के मामले में यशपाल सिंह को फांसी और नरेश सहरावत को उम्र कैद की सजा दी है। हैरत की बात ये है कि 1994 में कांग्रेस सरकार के दबाव में दिल्ली पुलिस ने ये केस बंद कर दिया था। लेकिन मोदी सरकार ने 2015 में सिखों को इंसाफ दिलाने के लिए एसआईटी बनाई और एक केस में सजा भी दिला दी।

दरअसल 1984 की सिख विरोधी हिंसा देश के इतिहास में काला अध्याय है। इस हिंसा में देशभर में हजारों सिखों का कत्लेआम हुआ, हजारों मां-बहनों की आबरू से खिलवाड़ किया गया और अरबों रुपये की संपत्ति लूटी गई, लेकिन इसमें शामिल कांग्रेस नेताओं को सरकार लगातार बचाती रही। और तो और तब के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अमानवीय बयान देकर इस हत्याकांड को सही ठहराने की कोशिश भी की। बहरहाल सिख संगठनों और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की सबसे गंभीर पहल वाजपेयी सरकार ने साल 2000 में शुरू की लेकिन 2004 में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही ये प्रक्रिया पटरी से उतर गई। नरसंहार के सबसे बड़े गुनहगार सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर को कांग्रेस ने 2004 में न केवल सांसद बनाया बल्कि सिखों के जख्मों पर नमक छिड़कने के लिए टाइटलर को 2005 में मंत्री भी बना दिया।

एसआईटी के जरिए इस केस में हुई सजा से सिख संगठनों को उम्मीद है कि मोदी सरकार बाकी के गुनहगारों को भी सजा दिलाएगी। केंद्रीय मंत्री और अकाली दल नेता हरसिमरत कौर ने इसके लिए पीएम मोदी का आभार भी जताया है।


राजीव गांधी का अमानवीय बयान  

जब इंदिरा जी की हत्या हुई थी, तो हमारे देश में दंगे-फसाद हुए थे। हमें मालूम है कि भारत की जनता को कितना क्रोध आया, कितना गुस्सा आया और कुछ दिन के लिए लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है। जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है।

1984 दंगों से साजिश का सिलसिला !  

31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई
एक नवंबर से पूरे देश में सिखों के खिलाफ हिंसा शुरू
कांग्रेस नेताओं ने लोगों को सिखों के खिलाफ भड़काया
वेद मारवाह कमीशन, रंगनाथ मिश्रा कमीशन के नाम पर लीपापोती
2013 में निचली अदालत ने सज्जन कुमार को किया बरी
एक और मुख्य आरोपी जगदीश टाइटलर को भी क्लीन चिट
21 साल बाद मनमोहन सिंह ने संसद में देश से माफी मांगी

मोदी सरकार में क्या हुआ ?  

2015 में सिख हिंसा की जांच के लिए एसआईटी बनाई
एसआईटी ने दंगों के 280 केसों की छानबीन की
छानबीन के बाद 52 केस को अपने हाथ में लिया
शुरूआती तौर पर 5 केस की जांच तेजी से की

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