Home समाचार विरोधी दलों के निशाने पर क्यों हैं प्रधानमंत्री मोदी?

विरोधी दलों के निशाने पर क्यों हैं प्रधानमंत्री मोदी?

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वर्तमान में देश की राजनीति अजीब कशमकश के दौर से गुजर रही है। एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबका साथ-सबका विकास की नीति पर चल रहे हैं, वहीं विपक्षी दल सिर्फ और सिर्फ मोदी विरोध की राजनीति कर रहे हैं। वे हर एक छोटी-बड़ी बात को लेकर पीएम मोदी को ही जिम्मेदार ठहराना चाहते हैं। विरोधी दल और उनके नेता हर वो कोशिश कर रहे हैं जिससे 2019 में वे दोबारा प्रधानमंत्री न बन सकें। नकारात्मक राजनीतिक की डोर पकड़े विरोधी दल आखिर प्रधानमंत्री मोदी को हर हाल में क्यों हराना चाहते हैं?

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ का संकल्प लिया है। उन्होंने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है। उनके कई फैसलों ने विरोधी दलों के कई नेताओं के भ्रष्टाचार को उजागर किया है। यही कारण है कि वे नेता जो भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं या फिर किसी न किसी कारण से कानून के निशाने पर हैं, उनके निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी हैं। आइये एक नजर डालते हैं उन 15 नेताओं कारनामों पर जो हर हाल में पीएम मोदी को हराना चाहते हैं।

सोनिया गांधी
नेशनल हेराल्ड केस में फर्जीवाड़े का आरोप, बोफोर्स तोप सौदे में दलाल के साथ संबंध होने के आरोप के साथ ऑगस्टा वेस्ट लैंड चॉपर सौदे में सोनिया गांधी जांच के दायरे में हैं।

शरद पवार
स्टाम्प पेपर घोटाला, पुणे में भमि घोटाला, महाराष्ट्र में सहकारी बैंक घोटाला, दाल आयात घोटाला में शामिल होने के आरोप। इसके साथ ही अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और गैंगस्टर पप्पू कलानी से संबंध।

लालू यादव
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं। चार मामलों में अब तक उन्हें सजा सुनाई गई है।  पत्नी, बेटा, बेटी और दामाद सहित इनका पूरा परिवार बेनामी संपत्ति मामले में जांच की जद में हैं।

ममता बनर्जी
नारदा, शारदा और रोजवैली स्कैम में ममता बनर्जी पर आम लोगों के सैकड़ों करोड़ रूपये गबन करने के आरोप। भतीजे अभिषेक बनर्जी पर भ्रष्टाचार के आरोप के साथ ही ममता पर फर्जी कंपनियों से सांठ-गांठ के आरोप हैं।

अरविंद केजरीवाल
राशन घोटाला, दवा घोटाला, मोहल्ला क्लीनिक घोटाला, विज्ञापन घोटाला, टॉक टू एके घोटाला, सीएनजी घोटाला, रिश्वतखोरी के आरोप, हवाला के जरिये पैसे जुटाने के आरोप समेत कई मामलों में घिरे हैं अरविंद केजरीवाल।

अखिलेश यादव
परिवारवाद का प्रतीक बन चुके अखिलेश यादव की सरकार पर लखनऊ में गोमती फ्रंट घोटाला, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे निर्माण में करोड़ों की धांधली और समाजवादी पेंशन में अनियमितता समेत कई आरोप हैं।

राहुल गांधी
नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी जमानत पर हैं। इसके साथ ही राजीव गांधी ट्रस्ट द्वारा कई राज्यों में जमीन हड़पने जैसे आरोप हैं। उनके जीजा रॉबर्ट वाड्रा पर भी गैर कानूनी तरीके से जमीन हथियाने के आरोप हैं।

चंद्रबाबू नायडू
177 करोड़ की संपत्ति के साथ चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके बेटे लोकेश पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। वर्ष 2016 के अक्टूबर में लोकेश के पास 14.5 करोड़ की संपत्ति थी, पांच महीने बाद ही 330 करोड़ की हो गई।

आजम खान
2016 में जल निगम में इंजीनियर से लेकर क्लर्क तक के 1300 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी की, मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन को हड़पने के आरोप हैं।

हार्दिक पटेल
पटेल आंदोलन के दौरान 14 नौजवानों की जान चली गई थी, इसके जिम्मेदार हार्दिक पटेल थे। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी से पैसे लेने के आरोपों के साथ उनकी कई अश्लील सीडी भी सामने आई थी।

मायावती
8500 करोड़ का एनएचआरएम घोटाला, आय से अधिक संपत्ति के मामले की सीबीआई जांच, बेनामी संपत्ति, बसपा के खाते में 104 करोड़ और भाई आनंद कुमार के खातों में 143 करोड़ रुपये के अवैध रकम का मामला जांच के दायरे में है।

सिद्धारमैया
बेंगलुरू विकास प्राधिकरण में 300 करोड़ का घोटाले में सिद्धारमैया फंसे हुए हैं। इसके साथ ही जमीन घोटाला और 60 लाख रूपये चाय पानी में खर्च करने वाले सिद्धारमैया पर जनता के पैसे को उद्योगपतियों पर लुटाने का भी आरोप है।

असदुद्दीन ओवैसी
वर्तमान में ओवैसी पर चार मुकदमे चल रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी को वर्ष 2005 में तेलंगाना के मेडक जिले में जिला अधिकारी को धमकी देने के आरोप में जेल भेजा गया था। इन पर राजद्रोह के भी कई मुकदमे हैं।

हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन पर कई सेल कंपनियों के सहारे मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोप हैं। इसके साथ ही उनपर जमीन कौड़ियों के भाव से खरीदने और पार्टी का टिकट बेचने तक के आरोप हैं।

उमर अब्दुल्ला
वर्ष 2013 में सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। जम्मू-कश्मीर में सड़क निर्माण से लेकर कई ढांचागत निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले हैं। नेशनल कांफ्रेंस नेता सैय्यद मुहम्मद यूसुफ पर भ्रष्टाचार के आरोपों के छींटे उमर अब्दुल्ला तक पहुंच चुके हैं।

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