Home विचार इतना सन्नाटा क्यों है सेक्यूलर भाई?

इतना सन्नाटा क्यों है सेक्यूलर भाई?

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सड़कें खाली हैं। फेसबुक में मार्क ज़करबर्क भी चुप हैं। ट्वीटर की चिड़िया भी चहकना बंद हो गई। इंस्टाग्राम में भी मुर्दानी छाई है। अरे भाई इतना सन्नाटा क्यों है? कहां हैं हमारे सेक्यूलर केजरीवाल, राहुल, ममता, अखिलेश और मायावती? सबकी जुबां पर ताले क्यों हैं? अरे नोटबंदी के अलावा जमाने में गम बहुत हैं लेकिन अब इन पार्टियों की जैसे किसी ने जुबां ही कतर दी हो। सब चुप हैं।

जम्मू कश्मीर में हुर्रियत के अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज, मोहम्मद यासीन और अब तो इनका साथ कांग्रेस के गठबंधन के जोड़ीदार फारुख अब्दुल्ला भी दे रहे हैं। मामला दरअसल पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों का है। ये जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा जन्म प्रमाण पत्र देने का विरोध कर रहे हैं लेकिन म्यामार से आए रोहिंग्या को जन्म प्रमाण देने के पक्ष में है।

अब आप सोच रहे होंगे भला ऐसा क्यों आखिर दोनों ही तो शरणार्थी है तो ऐसा इसलिए मेरे भाई कि जो पाकिस्तान से आए हैं वो हिंदू हैं इसलिए उनका विरोध हो रहा है। और, जो म्यामार से रोहिंग्या आए हैं वो मुसलमान हैं, इसलिए उनका समर्थन हो रहा है।

ये कैसा दोगलापन है भाई। भारत में हिंदू बहुसंख्यक हैं जैसा सेक्यूलर पार्टियों और मुस्लिमों का भी मानना है तो फिर हिंदुओं को शरण क्यों नहीं?

ममता जी आप ही बताइए ऐसा क्यों? बांग्लादेशी मुसलमान, जिन्हें उनके अपने मुस्लिम देश में पूछा नहीं जाता उन्हें शरण दी जा सकती है। वो यहां जितने बुरे काम हैं, वो सब करता है फिर भी सब ठीक है।

कुछ मुठ्ठी भर हिंदुओं के आने से क्या परेशानी हो रही है कुछ समझ नहीं आ रहा। शायद हिंदू होना तो बेचारों का कसूर नहीं? शायद वजह यही है वर्ना शरणार्थी तो शरणार्थी होता है चाहे वो किसी धर्म का हो..

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